कार का नहीं खुला एयरबैग, एक्सीडेंट में बेटे की मौत, पिता ने आनंद महिंद्रा समेत 14 लोगों पर किया केस
Case Registered against Anand Mahindra
Case Registered against Anand Mahindra: लखनऊ में सालभर पहले हुए एक सड़क हादसे में स्कॉर्पियो कार के एयरबैग न खुल पाने की वजह से कानपुर के एक डॉक्टर को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. कार खरीदते समय कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से सबसे अच्छी गाड़ी होने की बात कही थी. एक साल पहले कार दुर्घटना में डॉक्टर साहब की मौत हो जाती है. इसके बाद मृतक डॉक्टर के पिता ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अपने बेटे की मौत के इंसाफ के लिए उन्होंने एक लंबी लड़ाई लड़ी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर कानपुर के रायपुरवा थाने में कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा समेत 13 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है.
बता दें कि कानपुर के जूही बारादेवी के रहने वाले राजेश मिश्रा जो की एक अस्पताल में अकाउंटेंट रहे हैं. उनके इकलौते बेटे डॉक्टर अपूर्व मिश्रा की मौत इस हादसे में हुई थी. दिसंबर 2020 को कानपुर के जरीब चौकी स्थित शोरूम से राजेश मिश्रा ने अपने बेटे को 18 लाख रुपए कीमत की महिंद्रा स्कॉर्पियो कार खरीदी थी. कार खरीदते समय सुरक्षा के मामले में कंपनी के कर्मचारियों ने सबसे बेहतर गाड़ी बताई थी.
मृतक के पिता ने कंपनी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
गाड़ी खरीदने के 2 साल बाद 14 जनवरी 2022 को राजेश के डॉक्टर बेटे अपने दो साथियों के साथ लखनऊ से जा रहे थे. तभी स्कॉर्पियो कार एक डिवाइडर से टकराकर पलट गई. इसके चलते कार चला रहे डॉक्टर अपूर्व की मौत हो गई. इसके बाद अपूर्व के पिता राजेश ने महिंद्रा कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी.
एक्सीडेंट के दौरान नहीं खुला एयरबैग
उनका कहना था कि बेटे ने हादसे के समय सीट बेल्ट लगा रखी थी, लेकिन गाड़ी में बताए गए कोई भी एयरबैग नहीं खुला. जिसके चलते उनके बेटे की मौत हुई है. कंपनी के लोगों ने मृतक डॉक्टर के पिता की एक न सुनी और उनके बार-बार कंपनी जाने पर उन्हें गलत ठहरा कर धमकी भी दे डाली.
आनंद महिंद्रा समेत 13 पर FIR
इसके बाद राजेश ने बेटे की मौत के इंसाफ के लिए न्यायालय की शरण ली. इसके बाद इसके बाद न्यायालय के आदेश के चलते महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा समेत 13 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हो गई है. पूरे मामले में कानपुर पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जांच शुरू कर दी गई. आरोपियों के दोषी सिद्ध होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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