GST के प्रस्तावित नियमों से कारोबारियों की बढ़ सकती है परेशानी,पढ़िए पूरी जानकरी
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GST के प्रस्तावित नियमों से कारोबारियों की बढ़ सकती है परेशानी,पढ़िए पूरी जानकरी

GST के प्रस्तावित नियमों से कारोबारियों की बढ़ सकती है परेशानी

GST के प्रस्तावित नियमों से कारोबारियों की बढ़ सकती है परेशानी,पढ़िए पूरी जानकरी

नई दिल्ली। आगामी एक अप्रैल से प्रस्तावित जीएसटी के नए नियम को लेकर कारोबारी तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि डिफाल्टर कारोबारियों की सजा ईमानदार कारोबारियों को नहीं दी जा सकती है। विभिन्न प्रकार के एमएसएमई संगठन वित्त मंत्रालय से इस प्रकार के नियम को वापस लेने की गुजारिश करने जा रहे हैं। जीएसटी के एक अप्रैल से लागू होने वाले नियम के मुताबिक अगर कच्चे माल के सप्लायर ने जीएसटी रिटर्न नहीं भरा है या किसी प्रकार की चूक की है तो उस सप्लायर से कच्चे माल लेने वाले मैन्यूफैक्चरर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं दिया जाएगा।

इंजीनियरिंग गुड्स के छोटे कारोबारी अनिल गुप्ता ने बताया कि इस नए नियम से उन्हें अपने सप्लायर का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि वह रिटर्न भरता है या नहीं। उन्होंने बताया कि जो कारोबारी रिटर्न नहीं भरते हैं या गलती करते हैं, उन्हें सजा देने का काम सरकार का है, लेकिन उस कारोबारी की वजह से हमारे जैसे मैन्यूफैक्चरर्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट का भुगतान रोकना न्यायसंगत नहीं है। चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) प्रवीण शर्मा ने बताया कि सरकार को इस नियम में बदलाव करना पड़ सकता है क्योंकि इस प्रकार के कई मामले अदालत में गए हैं जहां गलती नहीं करने वाले कारोबारियों को राहत मिली है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के नियम लाने के पीछे सरकार का मकसद यह हो सकता है कि डिफाल्टर प्रवृति वाले कारोबारियों के साथ कारोबार नहीं किया जाए और उनका बहिष्कार हो जाए।

शर्मा ने बताया कि वैसे ही आगामी एक अप्रैल से जीएसटी में नए पंजीकृत कारोबारियों से माल लेने पर भी इनपुट टैक्स क्रेडिट एक समय तक नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहले कई लोग जीएसटी में पंजीयन करा फर्जीवाड़ा करके कारोबार से निकल गए हैं। इसलिए शायद सरकार ने यह फैसला किया है, लेकिन इस नियम के लागू होने से जीएसटी प्लेटफार्म पर नए पंजीकृत होने वाले कारोबारियों से लोग माल खरीदने से से हिचकेंगे। शर्मा ने बताया कि एक अप्रैल से लागू होने वाले इन प्रस्तावों पर सरकार को विचार करना चाहिए।