Buddha Purnima 2023 : मई के महीने के इस दिन है बुद्ध पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
- By Sheena --
- Tuesday, 02 May, 2023
Buddha Purnima 2023 Know the Date Time and Significance of the day
Buddha Purnima 2023: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का अत्यंत महत्व है। पूर्णिमा को अक्षत पुण्यों को प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह में एक पूर्णिमा तिथि पड़ती है जिसके कारण सालभर में 12 पूर्निमाओं का योग बनता है। आपको बतादें कि वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को पड़ रही है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु के 9वें अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध प्रकट हुए थे। इसे बुद्ध पूर्णिमा व बुद्ध जयंती कहा जाता है और हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व माना गया है, क्योंकि भगवान बुद्ध को पुराणों में भगवान विष्णु का ही नौंवा अवतार कहा गया है। इसलिए बुद्ध जयंती को भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस बार कब है बुद्ध जयंती और पूजा का शुभ मुहूर्त?
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वैशाख पूर्णिमा महत्व
वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना होता है. वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के 9वें अवतार भगवान गौतम बुद्धि का जन्मदिवस मनाया जाता है, इसे बुद्धि पूर्णिमा और बुद्ध जयंती भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था। भगवान बुद्ध को मानने वालों के लिए ये दिन त्योहार के समान होता है। वैशाख पूर्णिमा पर कूर्म जयंती भी मनाई जाएगी. पृथ्वी को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था।
वैशाख पूर्णिमा 2023 कब है ?
वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को है। इस साल वैशाख पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा और भगवान गौतम बुद्ध की पूजा का विधान है। मान्यता है कि पूर्णिमा पवित्र नदी में स्नान करने से सात जन्मों के पाप धुल जाते है और व्यक्ति को अमृत की प्राप्ति होती है। इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है।
वैशाख पूर्णिमा 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 मई 2023 को 11 बजकर 44 मिनट से हो रही है। अगले दिन 5 मई 2023 को रात 11 बजकर 03 मिनट तक इसकी समाप्ति होगी।
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स्नान मुहूर्त - सुबह 04.12 - सुबह 04.55
सत्यनारायण पूजा मुहूर्त - सुबह 07:18 - सुबह 08:58
चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय - शाम 06.45
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त - 05 मई 2023, रात 11:56 - 06 मई 2023, प्रात: 12:39
कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त - शाम 04.18 - शाम 06.59
बुद्ध पूर्णिमा 2023 शुभ योग
बुद्ध पूर्णिमा के दिन रात 9 बजकर 37 मिनट तक स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है।
इसके बाद इसके बाद विशाखा नक्षत्र का योग आरंभ होगा।
पूर्णिमा के आरंभ से रात 9 बजकर 15 मिनट तक सिद्ध योग बना रहेगा।
चंद्र ग्रहण (साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण) लगने के कारण बुद्ध पूर्णिमा का प्रभाव उत्तम किन्तु अस्थाई होगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजन विधि
आमतौर पर पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदियों में स्नान की परंपरा है और इसी तरह बुद्ध पूर्णिमा के दिन भी गंगा में स्नान करना शुभ माना गया है। यदि ऐसा संभव न हो तो घर में स्नान करते समय पानी में थोड़ा सा गंगाजल अवश्य मिला लें। इस दिन कई लोग व्रत भी करते हैं और व्रत के दौरान घर में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी व पढ़ी जात है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इस वृक्ष के नीचे की गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। बोधिवृक्ष वास्तव में एक पीपल का पेड़ है और बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में दूध अर्पित किया जाता है और दीपक जलाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा तिथि पर रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और देर रात 1 बजे ग्रहण समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण का परमग्रास समय रात 10 बजकर 53 मिनट पर है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। पंचांग के अनुसार 130 साल के बाद ये दुर्लभ संयोग बना है। जब बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है।