खेल मंत्रालय के एक्शन पर बृजभूषण सिंह का पहला बयान; कुश्ती संघ के सस्पेंड होने पर कहा- मैं एकेडमी चलाऊंगा, मैंने खुद कुश्ती खेली है
Brij Bhushan Sharan Singh Statement On WFI Suspends News Update
Brij Bhushan Sharan Singh: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation Of India) को सस्पेंड कर दिया है। कुश्ती संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। जिसके बाद अब संजय सिंह WFI के अध्यक्ष नहीं रहे हैं। संजय सिंह के साथ-साथ चुने गए सभी पदाधिकारियों की मान्यता भी रद्द हो गई है। वहीं खेल मंत्रालय के इस एक्शन को लेकर अब भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व विवादित अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का पहला बयान सामने आया है। बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैं अपना काम करता रहूंगा। मैं एकेडमी चलाना जारी रखूँगा। एकेडमी में 100-150 बच्चे हैं और मैंने खुद कुश्ती खेली है, कुश्ती के बल पर ही मैं आज यहां पर पहुंचा हूं। मैं अपनी एकेडमी बंद नहीं करूंगा।
संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं
WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा इस साल के अंत से पहले नंदिनी नगर, गोंडा (UP) में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा की गई थी। माना जा रहा है कि, इसी घोषणा के बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को सस्पेंड करने का फैसला किया। बता दें कि, गोंडा पूर्व विवादित अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का क्षेत्र भी है और ऐसे में पहलवानों और लोगों का विरोध भी बढ़ सकता था। हालांकि, इस पर बृजभूषण सिंह का कहना है कि नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि खेल आयोजन फिर से शुरू हों। वहीं संजय सिंह को बृजभूषण सिंह का करीबी बताए जाने पर उन्होने कहा कि संजय सिंह मेरे कोई रिश्तेदार नहीं हैं। ध्यान रहे कि, 3 दिन पहले 21 दिसंबर को भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। जिसमें पूर्व विवादित अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खेमे को जीत मिली थी। अपने करीबी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने पर बृजभूषण सिंह ने कहा था कि दबदबा है और दबदबा रहेगा... लेकिन खेल मंत्रालय ने 3 दिन बाद ही सारा दबदबा फुस्स कर दिया है।
महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा- यह बेहतरी का कदम
केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को सस्पेंड करने के फैसले को साक्षी मलिक ने बेहतरी का कदम बताया है। साक्षी मलिक ने कहा कि यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है। हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों और बहनों की लड़ाई है, यह पहला कदम है। हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है, हमारी लड़ाई सिर्फ एक आदमी से थी, हमारी लड़ाई महिलाओं के लिए है। ज्ञात रहे कि पहलवान साक्षी मलिक ने उसी दिन कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था जिस दिन बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को WFI अध्यक्ष चुना गया। साक्षी मलिक ने प्रेस वार्ता की थी और इस दौरान वह अपना बयान देते हुए काफी रोते हुए दिखीं थीं। साक्षी मलिक का कहना था कि, हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारे समर्थन में आए लेकिन अब जब बृजभूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को WFI का अध्यक्ष चुन लिया गया है, तो मैं आज से कुश्ती छोड़ रही हूं...
पहलवान बजरंग पुनिया ने लौटा दिया था 'पद्मश्री'
बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने पर देश के नामी पहलवान बजरंग पुनिया ने हाल ही में अपना पद्मश्री पुरस्कार पीएम मोदी को लौटा दिया था। बजरंग पुनिया ने यह बड़ा कदम बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ रोष में उठाया था। पुनिया का कहना है कि, महिला पहलवानों को यौन शोषण के मामले में न्याय नहीं मिला। इसके अलावा अब बृजभूषण शरण सिंह का करीबी सदस्य कुश्ती संघ (WFI) का नया अध्यक्ष बन गया है। ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह की सक्रियता भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में बरकरार रहेगी। ऐसे में मैं इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकता।
बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण का आरोप है। इसी साल जनवरी में महिला पहलवानों ने दिल्ली में बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बृजभूषण सिंह पर एफ़आईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था और महिला पहलवानों को निचली अदालत में जाने को कहा था। जिसके बाद महिला पहलवानों की सुनवाई दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में शुरू हुई थी। वहीं दिल्ली पुलिस ने जांच करते हुए कोर्ट में दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण सिंह को जमानत दे दी थी।