Brave Women Cross River Daily Needs : पहाड़ी महिलाओं के लिए ये है रोजमर्रा का काम, पर आप इसे ट्राई न करें
- By Sheena --
- Tuesday, 16 May, 2023
Brave Women Cross River For Daily Needs
Brave Women Cross River For Daily Needs : ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों के लोग कठिन परिस्थितियों में रहने के लिए जाने जाते हैं। यहां के लोगों को आमतौर पर रोजी-रोटी कमाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। विशेष रूप से एक पहाड़ी महिला औसत दिन पुरुषों की तुलना में अधिक श्रम करती है। जंगल से लकड़ी और घास काटना, भेड़ और बकरियां चराना, जानवरों के लिए चारा लाना, लकड़ी काटना, घर की सफाई करना, पानी भरना आदि कुछ ऐसे दैनिक कार्य हैं जो आम पहाड़ी महिलाओं को दिन में करने पड़ते हैं। इन दैनिक कार्यों में कई बार यहां के लोगों को जंगल में जंगली जानवरों और कीड़ों का खतरा, नदियों को पार करने का खतरा, जंगली मधुमक्खियों का खतरा वगैरह जैसे खतरों का भी सामना करना पड़ता है। यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि पहले भी कई बार ये खतरे जानलेवा साबित हो चुके हैं।
हिमाचली लड़कियां रोज करती है ऐसे नदी पर
हिमाचल प्रदेश की एक पहाड़ी/पहाड़ी महिला लकड़ी के भारी गट्ठर के साथ रस्सी के रोलर पर एक उग्र नदी को पार कर रही है। और उसके चेहरे पर परेशानी का नामोनिशान तक नहीं है क्योंकि यह उसके लिए रोज का मामला है। और वह यह देखकर मुस्कुरा रही है कि उसे फिल्माया जा रहा है! रस्सी पर उलटी लटकी ट्रॉली को ऐसे खींच रही है जैसे यह उसके लिए बायें हाथ का खेल हो। हम अक्सर टीवी पर खतरों के खिलाड़ी जैसे गेम शो देखते हैं, जिसमें इसके प्रतिभागियों को तरह-तरह के खतरों से भरे कई गेम दिए जाते हैं। जिसे पूरा करके वे वाहवाही बटोरते हैं और पुरस्कार जीतते हैं। लेकिन यह पहाड़ी लोगों के लिए सिर्फ बाएं हाथ का खेल है और इसके लिए उन्हें न तो कोई पुरस्कार दिया जाता है और न ही वे किसी इनाम के लालची हैं क्योंकि यह उनके दैनिक जीवन की जिम्मेदारी है। जीवनयापन के लिए रोज इस तरह का जोखिम उठाना उनके जीवन का हिस्सा बन गया है, लेकिन इसके लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रशासन और सरकार जिम्मेदार है।
सरकार को देना चाहिए सहयोग
लेकिन सरकार और प्रशासन को भी अब इन जोखिमों की परवाह नहीं है क्योंकि ये लोग इसकी शिकायत नहीं करते और इसके अभ्यस्त हो चुके हैं। प्रशासन के हर काम में और चुनाव में भी ये अपना पूरा सहयोग देते हैं। तो क्या यह सरकार का दायित्व नहीं बनता कि अगर वह हर संभव सहयोग करे तो क्या वह उन्हें जीवन बचाने के लिए मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा सकती?