महाकुंभ में बॉलीवुड एक्ट्रेस की संन्यास दीक्षा; ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की साध्वी बनीं, संगम पर पिंडदान, महामंडलेश्वर की पदवी होगी

Bollywood Actress Mamta Kulkarni Takes Sanyaas Diksha In Kinnar Akhada
Mamta Kulkarni Sanyasi: एक दौर में बॉलीवुड की सबसे चर्चित एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। ममता कुलकर्णी ने सांसारिक जीवन को छोड़कर संन्यास ले लिया है। प्रयागराज के महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े में संन्यास दीक्षा ली। इस तरह वह किन्नर अखाड़े की साध्वी बन गईं। इससे पहले ममता ने संगम तट पर विधिवत स्नान के साथ जीते जी अपना पिंडदान किया।
ममता कुलकर्णी (52 साल) का सनातन के प्रति बहुत पहले से ही आध्यात्मिक झुकाव देखा जाता रहा है। ममता पहले भी कई बार भगवा चोले में देखी जा चुकी हैं। वहीं ममता कुलकर्णी हाल ही में करीब 25 सालों बाद विदेश से भारत की धरती पर मुंबई लौटी थीं। वतन वापसी पर इमोशनल होते हुए ममता कुलकर्णी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि, वह भारत आने पर बेहद उत्साहित हैं और भावुक हैं। यहां आकर उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं।
महामंडलेश्वर की पदवी होगी, ममता कुलकर्णी को मिला नया नाम
बताया गया है कि, बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी के संन्यास लेने के बाद उनको नया नाम भी मिला है। ममता कुलकर्णी अब ममता नंद गिरि कहलाएंगी। इसके साथ ही ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर की पदवी दी गई है। ममता कुलकर्णी का शुक्रवार शाम पट्टाभिषेक हुआ। जिसमें उन्हें महामंडलेश्वर बनाने की विधिवत क्रिया हुई। फिलहाल, ममता कुलकर्णी ने सांसारिक जीवन से संन्यासी जीवन में प्रवेश करने का बड़ा फैसला लिया है।
बताया जाता है कि, ममता शुक्रवार की सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़े पहुंचीं थीं। जहां उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच काफी देर तक वार्ता हुई। जिसमें किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी को शामिल करने को लेकर सहमति दी गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात के बाद महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ममता कुलकर्णी को लेकर अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास गईं। जहां ममता कुलकर्णी और रविंद्र पुरी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के और पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
वहीं इस बीच ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में संन्यास दीक्षा देने और उन्हें साध्वी बनाने के साथ उनके महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि, किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर पूरी गोपनीयता बरती है। हालांकि, ममता कुलकर्णी कई साध्वी चोले में कुछ वीडियो सामने आए। एक वीडियो में वह कहती दिखीं की वह महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का शाही स्नान करेंगी। इसके अलावा वह काशी, अयोध्या भी जाएंगी।
अंडरवर्ल्ड से डायरेक्ट कनेक्शन को लेकर चर्चित रहीं ममता कुलकर्णी
एक समय में ममता कुलकर्णी बॉलीवुड सनसनी के साथ अंडरवर्ल्ड से डायरेक्ट कनेक्शन को लेकर भी चर्चित रहीं। इसके साथ ही ममता कुलकर्णी का नाम ड्रग की दुनिया से भी जुड़ा। ममता कुलकर्णी ने साल 2013 में विक्की गोस्वामी (नामित ड्रग माफिया) से शादी की थी। लेकिन अब ममता कुलकर्णी ने फिल्मी दुनिया के स्टारडम और लाइमलाइट के साथ अंडरवर्ल्ड और ड्रग तस्कर के अपने विवादास्पद जीवन को छोड़कर संन्यास ले लिया है।
'राणा जी मुझे माफ करना' गाने से पाई जबरदस्त प्रसिद्धि
बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने 90 के दशक में वैसे तो कई फिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें 1995 में आई सुपरहिट फिल्म करण-अर्जुन से काफी फेम मिला। इस फिल्म में खासकर 'राणा जी मुझे माफ करना' गाने से ममता कुलकर्णी ने जबरदस्त प्रसिद्धि पाई। यह गाना उस वक्त में जहां सबकी जुबां पर सुना गया तो वहीं आज भी इस गाने की धमक उतनी ही है। इस फिल्म में सलमान खान और शाहरुख जैसे दो बड़े स्टार भी मेन भूमिका में थे। दिग्गज विलेन और शानदार एक्टर अमरीश पुरी भी इस फिल्म का हिस्सा रहे।
उस समय की एक तस्वीर
मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी थीं ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में ही एक मध्यम वर्गीय मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड में 1992 में पहली हिन्दी फिल्म की। ममता ने 'मेरा दिल तेरे लिए' (1992), 'तिरंगा' (1992) 'वक्त हमारा है' (1993), 'अशांत' (1993), 'आशिक आवारा' (1993)। आशिक आवारा (1993) में उनके प्रदर्शन ने उन्हें 'लक्स न्यू फेस ऑफ़ द ईयर' के लिए 1994 का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी दिलाया।
इसके अलावा ममता ने 'अनोखा प्रेम युद्ध' (1994), बेताज बादशाह (1994), 'गैंगस्टर' (1994), 'दिलबर' (1994), 'क्रांतिवीर' (1994), 'बड़े इरादे' (1994) 'आंदोलन' (1995), 'बाजी' (1995), पुलिस वाला गुंडा '(1995)', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' (1995), 'किस्मत' (1995), 'अहंकार' (1995), 'राजा और रंगीली' (1996), 'बेकाबू' (1996), 'जीवन युद्ध' (1997), 'नसीब' (1997), 'जाने जिगर' (1998), 'किला' (1998), 'चाइना गेट' (1998), 'कभी तुम-कभी हम' (2002) जैसी फिल्मों में काम किया। फिल्म कभी तुम कभी हम के बाद ममता कुलकर्णी ने फिल्म उद्योग छोड़ दिया।
ममता कुलकर्णी का संन्यासी अवतार तस्वीरों में
ममता कुलकर्णी पर विवाद!
वहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा जॉइन कराने और उन्हें साध्वी बनाने को लेकर महाकुंभ में कई साधु-संतों के बीच मतभेद की स्थिति भी पैदा हो गई है और नाराजगी फैल गई है, जिससे धार्मिक समुदाय में विवाद की स्थिति उत्पन्न होती देखी जा रही है। दरअसल, आचार्यों के एक गुट का यह कहना है कि, अखाड़े की अपनी गरिमा और अपने कुछ नियम होते हैं। उन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। जिससे गलत संदेश न जाए। ममता कुलकर्णी की आरोपित छवि को देखते हुए भी कई सवाल खड़े हुए हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि, किन्नर अखाड़े को किसी किन्नर को महामंडलेश्वर बनाना चाहिए।