ट्विटर पर ब्लू टिक की सेल कहीं साबित न हो जाए विनाशकारी!
33 करोड़ यूजर्स में से सिर्फ 4 लाख के पास ब्लू टिक
twitter blue tick price in india सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर ब्लू टिक की बिक्री इसके उन उपयोगकर्ताओं को रास नहीं आ रही है, जिन्होंने वर्षों की कड़ी ट्वीट साधना के बाद उस ब्लू टिक को हासिल किया था, जोकि उनके नाम के साथ लगा दिखता है। अभी तक ट्विटर पर ब्लू टिक उस यूजर की प्रतिष्ठा, उनके नाम और काम के महत्व को दर्शाता रहा है। ऐसे भी ट्वीट हैं, जब किसी ने किसी के संबंध में कहा कि उसके पास तो ब्लू टिक भी नहीं है, ऐसे में उसके ट्वीट की अहमियत क्या है?
— Elon Musk (@elonmusk) November 2, 2022
एलन मस्क की ओर से एक कार्टून पोस्ट कर उन लोगों की खिल्ली उड़ाई गई है जोकि ब्लू टिक की कीमत तय करने का विरोध कर रहे हैं। इसके अनुसार 8 डॉलर में कोई एक फूड आइटम को आधे घंंटे के लिए एंजॉय कर सकता है, लेकिन ट्विटर पर 8 डॉलर में पूरे 30 दिनों के लिए ब्लू टिक के जरिये प्रियोरिटी पोजिशन मिलेगी।
हमसे आधी कीमत में ब्लू टिक ले लो वापस
ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क के द्वारा ब्लू टिक के लिए हर माह 8 डॉलर यानी भारतीय करंसी में करीब 663 रुपये हर महीने देना निश्चित करना इसके यूजर्स को परेशान कर रहा है। भारत जैसे देश में जहां ऐसी मुफ्त सेवाओं की सभी को आदत लग चुकी है, वहां पर हर महीने इतनी राशि या फिर इसकी आधी राशि अदा करना भी भारी साबित होने वाला है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर वे कितने लोग होंगे जोकि पैसे अदा कर ट्विटर पर रहना चाहेंगे। जबकि फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अभी भी कोई पैसा नहीं देना पड़ रहा। ट्विटर पर ऐसे भी यूजर हैं, जोकि कह रहे हैं कि उनसे उनका ब्लू टिक लेकर आधी कीमत उन्हें अदा कर दी जाए, यानी जितनी मेहनत करके उन्होंने ब्लू टिक को हासिल किया था, अब वे उसकी कीमत ट्विटर से मांग रहे हैं। इसमें कुछ गलत भी नजर नहीं आ रहा है।
तो लग कर रहेगी ब्लू टिक की सेल
अब ट्विटर को इस्तेमाल करने वाले कुछ भी शिकायत करते रहें लेकिन इसके नए मालिक एलन मस्क का रूख साफ हो चुका है, यानी वे ब्लू टिक की सेल लगाकर ही रहेंगे। 44 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदने वाले एलन मस्क का नजरिया ऐसा करके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी अकाउंट से निपटने का है। हालांकि ज्यादातर ट्विटर उपयोगकर्ता ऐसा नहीं मानते। उनकी राय यह है कि इससे फर्जीवाड़ा और ज्यादा बढ़ेगा, क्योंकि कीमत अदा कर कोई भी वेरिफाइड यूजर होने के नाम पर ब्यू टिक हासिल कर लेगा और इसकी आड़ में अपने फायदे के लिए कैसी भी सूचनाएं प्रसारित करने लगेगा। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि ट्विटर पर असली और नकली कंटेंंट में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।
भारतीयों को मनाना होगा मुश्किल
भारत में ट्विटर हर वर्ग में लोकप्रिय है। राजनेता हों या अभिनेता, पत्रकार हों या कारोबारी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्यमंत्री, चीफ जस्टिस और सरकारी विभाग। हर कोई ट्विटर का दिवाना है। ट्विटर भी इस बात को समझता है। मस्क की घोषणा की देश में व्यापक चर्चा हो रही है। ऐसे में कई यूजर्स तो ऐसे भी हैं, जो कह रहे हैं कि उनका ब्लू टिक अगर वापस भी ले लिया जाए तो इससे उनके ऑनलाइन अनुभव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, यानी मस्क अगर पैसे लेने पर उतारू हैं तो अनेक भारतीय यूजर ये पैसे देने के पक्ष में नहीं हैं।
कुछ ट्विटर यूजर की प्रतिक्रिया
काशिफ रजा लिखते हैं,
एक ब्लू टिक पाने के लिए मुझे चार साल का इंतजार, 15 हजार ट्वीट, 25 से ज्यादा बार आवेदन करने पड़े थे। लेकिन अब आप इसे सिर्फ 8 डॉलर में पा सकते हैं।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा लिखते हैं
धरती पर सबसे अमीर शख्स केवल अमीरों को ब्लू टिक का ऑफर दे रहे हैं, जो इस शख्स को और अमीर बनाएंगे। मस्क की आमदनी और बढ़ेगी, लेकिन जनता को सशक्त करने के नाम पर हिपोक्रेसी (दोहरा मापदंड) प्रो मैक्स।
ब्रिटिश एक्टर जोसेफ मॉर्गन लिखते हैं
अगर आप वेरिफिकेशन के लिए पैसे लेंगे तो आप इसकी कीमत को कम कर देंगे। इसे ऐसे समझिए कि अब कोई भी मेरे नाम पर अकाउंट बनाकर और पैसे देकर ब्लू टिक ले लेगा और फिर मेरे प्रशंसकों से पैसों की ठगी भी कर सकता है। क्या मैं सही समझ पा रहा हूं?
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन कहते हैं
वो अपना ब्लू टिक वापस ले लें और बदले में उन्हें हर महीने 4 डॉलर दे दें। एक यूजर कस्तूरी शंकर लिखते हैं कि अगर एलन मस्क ब्लू टिक के लिए पैसे लेंगे तो फिर चिडिय़ा आजाद कैसे होगी। गौरतलब है कि एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद ट्विटर के लोगो यानी उसकी चिडिय़ा के आजाद होने का संदेश दिया था, जिसका मतलब ट्विटर के और ज्यादा यूजर्स फ्रेंडली होने से है। मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी कहा है कि अगर उन्हें अपने ब्लू टिक वेरिफिकेशन के लिए पैसे देने पड़ेंगे तो यह उन्हें नहीं चाहिए।
आखिर क्यों शुरुआत हुई थी वेरिफाइड यूजर्स की
ट्विटर पर प्रतिष्ठा का विषय बने ब्लू टिक को हासिल करने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे थे। हालात ऐसे थे कि अगर कोई यह कहे कि अकाउंट बनने के साथ ही उसे ब्लू टिक मिल जाएगा तो वह धोखे में रहता था। दरअसल, ट्विटर की पॉलिसी के तहत ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि राजनेताओं, पत्रकारों और बड़ी हस्तियों के फर्जी अकाउंट बनने से रोका जा सके। इन ब्लू टिक के लिए ऑनलाइन आवेदन देना पड़ता था। ट्विटर ने साल 2009 में यह नई व्यवस्था कायम की थी। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि फर्जी अकाउंट्स पर पर्याप्त कार्रवाई न करने पर कंपनी को अनेक मुकदमों का सामना करना पड़ा था।
क्या सच में ब्लू टिक बेचकर कमाई होगी तगड़ी
एलन मस्क को पैसे से प्यार है, बेशक वे ऐसे कार्यों से भी जुड़े हैं जोकि मानवता के भविष्य को निर्धारित करने वाले हैं। इन कार्यों के लिए पैसे की जरूरत है वहीं ट्विटर की पिछले कुछ वर्षों में आमदनी घट चुकी है, आज के समय में बगैर कमाई के जीवित रहना मुश्किल है। हालांकि सवाल यह है कि क्या वास्तव में ब्लू टिक बेचने से ट्विटर को कमाई होगी? तकनीकी जानकार मानते हैं कि इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती। यह भी कहा जा रहा है कि यूजर्स से ब्लू टिक के पैसे लेना विनाशकारी साबित हो सकता है। मालूम हो, पूरी दुनिया में इस समय ट्विटर पर 33 करोड़ यूजर्स हैं, और इनमें से सिर्फ 4 लाख यूजर्स के पास ही यह ब्लू टिक है। वहीं ट्विटर का वार्षिक घाटा 1800 करोड़ रुपये पहुंच चुका है।
ब्लू टिक बेचने के यह होंगे नुकसान
तकनीकी विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्लू टिक बेचने से बैंक, सरकारी एजेंसियों या फिर प्रमुख हस्तियों के नाम पर वेरिफाइड अकाउंट बनाकर नए या अबोध यूजर्स को बेवकूफ बनाना कुछ लोगों के लिए आसान हो जाएगा। खरीदे हुए ब्लू टिक से फेक न्यूज पैदा करना और उसे फैलाना भी आसान हो जाएगा। इसके बाद ऐसा भी हो सकता है कि ट्विटर को रोजाना अदालत में खड़ा रहना पड़े, क्योंकि इससे मुकदमे बढ़ेंगे और कमाई की बजाय ट्विटर को मुकदमों पर भारी राशि खर्च करने की जहमत उठानी पड़ेगी। यह तर्क समझने योग्य है कि अगर यूजर्स की पहचान नहीं की जाएगी तो फिर पैसे अदा करके वेरिफिकेशन पाना स्पैमर्स और हैकर्स के लिए चुटकियों का काम हो जाएगा। और एक ऐसा प्लेटफार्म जिस पर दुनियाभर के शासनकर्ता अपने संबंध में सूचनाएं प्रसारित करने, अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने के लिए प्रयोग करते हों, उनकी निजता के हनन की आशंका भी बढ़ जाएगी। ट्विटर बेशक सोशल मीडिया प्लेटफार्म ही है, लेकिन अभी तक वह अपनी संवेदनशीलता और फ्री स्पीच के लिए विख्यात था, लेकिन अब ऐसे अटपटे फैसलों से उसकी श्रेष्ठता को नुकसान पहुुंचेगा।