भाजपा की चुनावी जीत बनी "लूट का लाइसेंस" : चंद्रमोहन

भाजपा की चुनावी जीत बनी "लूट का लाइसेंस" : चंद्रमोहन

भाजपा की चुनावी जीत बनी

भाजपा की चुनावी जीत बनी "लूट का लाइसेंस" : चंद्रमोहन

-- भाजपा सरकार का नए साल का उपहार - देश पर लादा 1,25,407.20 करोड़ का बोझ
-- अब मोदी सरकार का मंत्र है, ‘‘चुनावों में जीत है लूटने का लाईसेंस’’
-- कांग्रेस शासन में प्रति व्यक्ति आय में दूसरे स्थान पर आया था हरियाणा,अब भाजपा शासन में पांचवे स्थान पर खिसका


(पंचकूला न्यूज 11 अप्रैल 2022) मोदी सरकार द्वारा 1 अप्रैल से भारत की जनता पर लादी गई क्रूर, भारी और कमरतोड़ ‘मूल्य वृद्धि’ ने देश के हर परिवार का बजट बिगाड़ दिया है।हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने पंचकूला में एक निजी होटल में विजय बंसल,शशि शर्मा,------ आदि के साथ प्रेस वार्ता करके केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।चंद्रमोहन ने कहा कि ‘‘महंगाई’’ हर व्यक्ति की रोजी-रोटी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।‘‘महंगाई’’ हर परिवार के जीवन व आजीविका पर हमला बोल रही है।‘‘महंगाई’’ हर नागरिक के जीवन का अभिशाप बन गई है।लेकिन ‘‘महंगाई’’ इस सरकार का एक ‘‘दैनिक कार्यक्रम’’ भी बन गई है, जिसका जश्न भाजपा और मोदी सरकार द्वारा देश के नागरिकों का उपहास करने के लिए मनाया जा रहा है।
क्योंकि ‘‘मोदी है तो यही मुमकिन है’’।चंद्रमोहन का कहना है कि जब वह प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तब हरियाणा तरक्की की राह पर आगे बढ़ा,पूरे देश में प्रति व्यक्ति आय में दूसरे स्थान पर आया जब भाजपा शासन में आई तब से अब तक भाजपा हरियाणा को आगे लाने में कोई ठोस कार्य नहीं कर पाई और अब हरियाणा को 5वे स्थान पर ला खड़ा किया।इसके साथ ही कोई नया निवेश नहीं आया जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके अपितु विनिवेश बढ़ाकर युवाओं को बेरोजगार कर दिया।

भाई चन्द्रमोहन ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का अप्रैल महीने का देशवासियों को उपहार यही है कि देश पर रु.1,56,433 करोड़ का बोझ लाद दिया गया है।

इस प्रेस वार्ता को करने का उद्देश, आए दिन बढ रही पेट्रोल-डीजल-गैस व अन्य संसाधनो में मोदी सरकार द्वारा की जा रही बढोत्तरी को लेकर था।चंद्रमोहन ने मोदी-खट्टर व दुष्यंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गैस की कीमत दुनिया में सबसे महंगी, पेट्रोल व डीज़ल की महंगाई दुनिया में तीसरे और आठवें स्थान पर। महंगाई और गर्मी, दोनों आसमान छू रहे हैं और लोग पिस रहे हैं। महंगाई डायन ने जनता का पैसा लूट लिया है।

उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 1 अप्रैल से भारत की जनता पर लादी गई क्रूर, भारी और कमरतोड़ 'मूल्य वृद्धि' ने देश के हर परिवार का बजट बिगाड़ दिया है।

1. पेट्रोल-डीजल के मूल्य में रोज वृद्धि का "दैनिक गुड मॉर्निंग गिफ्ट": मार्च महीने में औसत मूल्य 112.87 डॉलर प्रति बैरल था, जो कल 8 अप्रैल को घटकर 97.59 डॉलर प्रति बैरल रह गया फिर भी पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की बजाय पिछले 18 दिनों में 14 बार पेट्रोल और डीजल के मूल्य बढ़ाए गए। कच्चा तेल लगातार सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल और डीज़ल का मूल्य भारत में पिछले 18 दिनों में 10 रु. प्रति लीटर बढ़ गया है।

भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल के मुताबिक साल 2020-21 में 27,969 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल का उपभोग हुआ था। पेट्रोल के मूल्य में 10 रु. प्रति लीटर की वृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.27,969 करोड़ का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।

भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल के मुताबिक, साल 2020-21 में 72,713 हजार मीट्रिक टन डीज़ल का उपभोग हुआ था। डीजल के मूल्य में 10 रु. प्रति लीटर की वृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.72,713 करोड़ का अतिरिक्त सालाना बोझ पड़ेगा।

मोदी सरकार ने रसोई गैस-पेट्रोल-डीजल महंगाई में भारत को सबसे महंगा बना दिया है! क्रय शक्ति के पैमाने पर भारत में रसोई गैस दुनिया में सबसे महंगा है, पेट्रोल की कीमत तीसरी सबसे ज्यादा महंगी है और डीजल में महंगाई के मामले में हम पूरी दुनिया में आठवें स्थान पर हैं।

मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीजल पर एक्साईज ड्यूटी बढ़ाकर आठ सालों में रु.26,00,000 करोड़ (26 लाख करोड़ रु.) का मुनाफा कमा लिया।

2. एलपीजी गैस सिलेंडर के मूल्य बढ़ाकर मारा गरीब की पीठ पर चाबुक: 1 अप्रैल को कमर्शियल गैस सिलेंडर के मूल्य में रु.250 प्रति सिलेंडर की बढ़ोत्तरी कर दी गई। पिछले 2 महीनों में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर का मूल्य रु.346 बढ़ाया गया।

सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेंडर का मूल्य 22 मार्च को 50 रु. बढ़ाया गया। मार्च, 2021 से घरेलू गैस सिलेंडर के मूल्य में रु.140.50 की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। भारत सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल' के मुताबिक, साल 2020-21 में 27,384 हजार मीट्रिक टन एलपीजी का उपयोग किया गया। प्रति सिलेंडर रु.140.50 की मूल्यवृद्धि से देश के नागरिकों पर रु.27,095 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

3. कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) पर हमलाः सीएनजी आम नागरिकों: ऑटो, टैक्सी, बस, ट्रक वालों और उन कार मालिकों का ईंधन है, जो महंगे पेट्रोल और डीज़ल का खर्च नहीं उठा सकते। 7 अप्रैल को एक महीने में 9वीं बार सीएनजी के दाम बढ़ा दिए गए। 2.50 रु. प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के बाद पिछले एक महीने में सीएनजी 12.10 रु. प्रति किलो ज्यादा महंगी हो गई है। आज करनाल-कैथल में सीएनजी रु.77.77 प्रति किलोग्राम मिल रही है। भारत सरकार के 2019-20 के सीएनजी उपयोग के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 3,247 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग हुआ। इसके आधार पर साल 2021-22 में 3,500 हजार मीट्रिक टन सीएनजी का उपयोग होने का अनुमान है। इस माह 12.10 रु. प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी के साथ देश के नागरिकों पर रु.4,235 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

4. पाईप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) के आसमान छूते मूल्य: 1 अप्रैल को पीएनजी के मूल्य में दिल्ली में 5 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर और नोएडा में 5.85 रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि कर दी गई। इससे पहले 24 मार्च को पीएनजी में दिल्ली में 1रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की बढ़ोत्तरी की गई थी। पिछले एक माह में दिल्ली में पीएनजी का मूल्य 6रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर बढ़ाया गया। सरकार / पीएनजी कंपनियों के आँकड़ों के मुताबिक, एक औसत घर में 15 स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर पीएनजी हर माह इस्तेमाल होती है। भारत में पीएनजी के 89 लाख कनेक्शन हैं। इसके आधार पर प्रतिमाह 6रु. प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की वृद्धि से देश के लोगों पर रु.961.20 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।