BJP removed six district presidents and four district in-charges

भाजपा ने छह जिला अध्यक्ष व चार जिला प्रभारी हटाए: हिसार, जींद, सिरसा, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल के जिला प्रधान बदले

BJP removed six district presidents and four district in-charges

BJP removed six district presidents and four district in-charges

BJP removed six district presidents and four district in-charges- चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव के दौरान पांच सीटों पर मिली हार तथा प्रत्याशियों की रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी ने छह जिला अध्यक्षों को बदल दिया है। जिला अध्यक्ष पद से हटाए गए छह में से पांच नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करने किसी प्रकार के विरोध को शांत करने का प्रयास किया गया है।

भाजपा ने हिसार की जिलाध्यक्ष आशा खेदड़ को हटाकर अशोक सैनी को पार्टी का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। जींद के जिलाध्यक्ष राजू मोर को पद से हटाकर उनके स्थान पर तेजेंद्र ढुल को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। सिरसा की जिलाध्यक्ष निताशा सिहाग से जिम्मेदारी वापस लेकर शीशपाल कांबोज को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। रेवाड़ी के जिलाध्यक्ष प्रीतम चौहान को हटाकर उनके स्थान पर वंदना पोपली को पार्टी का नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है। कुरुक्षेत्र के जिलाध्यक्ष रवि बतान को हटाकर उनके स्थान पर सुशील राणा को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कैथल के जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर के स्थान पर पार्टी ने मुनीश कठवाड़ को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।

हिसार से आशा खेदड़, जींद से राजू मोर, सिरसा से निताशा सिहाग, रेवाड़ी से प्रीतम चौहान और कुरुक्षेत्र से रवि बतान को प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में एडजस्ट किया गया है, जबकि अशोक गुर्जर को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। भाजपा की महेंद्रगढ़ की जिला प्रभारी गार्गी कक्कड़ के स्थान पर शंकर धूपड़ को पार्टी का नया जिला प्रभारी बनाया गया है, जबकि कैथल के जिला प्रभारी मनीष यादव के स्थान पर अमरपाल राणा को नया जिला प्रभारी नियुक्त किया गया है। जींद के लिए राज्यसभा सदस्य एवं एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण पंवार के स्थान पर प्रो. मदन गोयल और भिवानी के लिए रेणु डाबडा के स्थान पर राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा नये जिला प्रभारी होंगे।

हरियाणा भाजपा के नव नियुक्त अध्यक्ष एवं विधायक मोहन बडौली के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद पार्टी ने यह बड़ा फेरबदल किया है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कई जिला अध्यक्षों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे, जबकि कुछ पर चुनाव के लिए आए फंड को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगा था। कई जिलाध्यक्षों ने पार्टी के लिए काम करने की औपचारिकता निभाई थी।