BJP ने सांसद रमेश बिधूड़ी को नोटिस जारी किया; संसद में घटिया भाषा बोलने पर एक्शन, BSP सांसद दानिश अली ने कहा- न्याय नहीं मिला तो...
BJP Notice To Ramesh Bidhuri For Shameful Language in Parliament
BJP Notice To Ramesh Bidhuri: संसद के लोकसभा सदन में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने जिस भाषा का परिचय दिया। उससे संसद की मर्यादा तार-तार हो गई। फिलहाल, रमेश बिधूड़ी की सड़कछाप भाषा को लेकर अब बीजेपी बुरी तरह घिर गई है। सियासी संग्राम शुरू हो गया है। हालांकि, रमेश बिधूड़ी पर अब तक कोई संसदीय कार्रवाई नहीं की गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी जरूर जारी की थी और कहा था कि इस तरह का व्यवहार दोबारा दोहराए जाने पर "सख्त कार्रवाई" की जाएगी। लेकिन लग रहा है कि, पार्टी की तरफ से कोई एक्शन हो सकता है। बताया जा रहा है कि, जे. पी. नड्डा के निर्देश पर सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
न्याय नहीं मिला तो ...
अपने खिलाफ रमेश बिधूड़ी की भाषा से आहत होकर बसपा सांसद दानिश अली ने न्याय की मांग की है। दानिश अली का कहना है, उन्होने इस संबंध में अपना पत्र लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय को भेजा है और उन्हें यकीनन उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष उचित कार्रवाई करेंगे। उनके साथ न्याय होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर वह भरे मन से इस सदन को छोड़ने पर विचार करेंगे। दानिश अली ने कहा कि सारी बातें रिकॉर्ड में हैं और यह पहली बार हो रहा है कि किसी निर्वाचित सांसद के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है... अगर उनके जैसे चुने हुए इंसान की स्थिति ऐसी है तो आम इंसान की क्या होगी?
बसपा सुप्रीमो मायावती का भी बयान आया
इधर, अपने सांसद को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बयान जारी किया है। मायावती ने कहा कि, दिल्ली से भाजपा सांसद द्वारा बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी को स्पीकर ने रिकार्ड से हटाकर उन्हें चेतावनी दी है व वरिष्ठ मंत्री ने सदन में माफी भी मांगी है किन्तु पार्टी द्वारा उनके विरुद्ध अभी तक समुचित कार्रवाई नहीं करना दुखद/दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि, रमेश बिधुड़ी ने दानिश अली को जो कहा है वह अत्यंत निंदनीय है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माफी मांगी है जो अपर्याप्त है. ऐसी भाषा का इस्तेमाल सदन के अंदर या बाहर नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं नए संसद भवन की शुरूआत नारी शक्ति से हुई है लेकिन इसकी शुरूआत को रमेश बधूड़ी से हुई है... यह रमेश बिधूड़ी नहीं बल्कि भाजपा पार्टी की सोच है। हमारी मांग है कि रमेश बिधूड़ी की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।
बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव का भी इस मामले में बयान सामने आया है। तेज प्रताप ने कहा कि, रमेश बिधुड़ी द्वारा बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली को लेकर विवादित टिप्पणी पर बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा, "हम चाहेंगे कि सरकार उनकी सदस्यता को रद्द करे... यह निंदनीय है। यह लोग संविधान और तिरंगा को नहीं मानते। हम चाहेंगे कि इनके खिलाफ मुकदमा चले। इस तरह के शब्द प्रयोग करना लोकतंत्र के लिए घातक है।
अखिलेश यादव भी पीछे नहीं रहे
वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी पीछे नहीं रहे। अखिलेश यादव ने कहा कि, इंसान की पहचान चेहरा नहीं; ज़ुबान होती है। सत्ता के नशे में बेसुध भाजपा के एक सांसद द्वारा विपक्ष के एक अल्पसंख्यक सांसद को अति अभद्र तरीके से संबोधित करना किसी आपराधिक घटना से कम नहीं है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का निकृष्टतम रूप है जिसमें अन्य भाजपाई सांसदों का हँसते हुए सम्मिलित होना दिखाता है कि ये किसी एक भाजपाई की गलती नहीं है बल्कि ये भाजपा के अधिकांश सदस्यों की निर्लज्जता का बेशर्म प्रदर्शन है। ऐसे सासंदो पर, किसी भी प्रकार की संसदीय विशेषाधिकारों की छूट से परे, किसी एक सांसद नहीं बल्कि पूरे संसद और संविधान की मानहानि करने का मुक़दमा होना चाहिए और ताउम्र की पाबंदी भी।