जौनपुर में बीजेपी नेता की दिनदहाड़े हत्या, शादी का कार्ड देने के बहाने मारी गोली
Jaunpur BJP Leader Murder
Jaunpur BJP Leader Murder: यूपी के जौनपुर में गुरुवार सुबह 9:30 बजे भाजपा नेता प्रमोद यादव की बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया जब भाजपा नेता अपनी ब्रेजा कार से जौनपुर के लिए निकले थे. गोलियां लगने के बाद गांव के लोगों ने उनको जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस बदमाशों तक पहुंच गई है. जल्द ही खुलासा होगा.
बताते चलें कि जौनपुर जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र में बोधापुर गांव निवासी प्रमोद यादव गुरुवार सुबह 9:30 बजे अपनी कार से घर से निकलकर जौनपुर प्रयागराज मार्ग पर पहुंचने वाले थे. तभी दो लोगों ने शादी का कार्ड देने के बहाने उन्हें रोका. प्रमोद ने जैसे ही शीशे को डाउन किया, बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. उन्हें 6 गोलियां मारी.
'लोगों ने बदमाशों पर ईंट-पत्थर भी फेंके'
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि वारदात के वक्त कुछ लोगों ने बदमाशों पर ईंट-पत्थर भी फेंके लेकिन बदमाशों ने असलहा दिखाए, जिससे लोग जान बचाकर भागे. बदमाशों के फरार होने के बाद लोगों ने प्रमोद को उन्हीं की ब्रेजा कार से जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
वारदात की सूचना मिलते ही जौनपुर लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह, भाजपा प्रवक्ता ओम प्रकाश सिंह, जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह समेत काफी संख्या में लोग जिला अस्पताल पहुंचे. पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिस अधिकारी और भारी पुलिस फोर्स अस्पताल पहुंचा. पुलिस सर्विलांस के जरिए बदमाशों तक पहुंचने का दावा कर रही है. परिवार के लोगों के अनुसार, प्रमोद की किसी से कोई रंजिश नहीं थी.
2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बनाया था प्रत्याशी
भाजपा नेता प्रमोद यादव वर्तमान में जिला मंत्री थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उनको मल्हनी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था. नॉमिनेशन में डॉक्यूमेंट की कमी की वजह से उनका नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त कर दिया था.
इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव को और बसपा ने पाणिनी सिंह को प्रत्याशी बनाया था. तत्कालीन बसपा सांसद धनंजय सिंह ने अपने पिता राजदेव सिंह का टिकट काटे जाने पर बगावत करके अपनी दूसरी पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह को मल्हनी से निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा था.
प्रमोद को भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे धनंजय सिंह की अहम भूमिका बताई जाती है. इसके पीछे वजह ये मानी जाती है कि धनंजय सिंह चाहते थे कि प्रमोद यादव मालिनी विधानसभा के सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखने के चलते समाजवादी पार्टी के यादव वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं.
प्रमोद यादव के पिता राजबली यादव की गिनती पुराने जनसंघ के नेताओं में होती है. राजबली पांच दशक पूर्व जनसंघ के टिकट पर रारी विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़े. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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