Chandigarh Mayor Election: महापौर के चुनाव को लेकर भाजपा हाईकमान खफा- मेयर चुनाव को लेकर जो घटनाक्रम घटा, उस पर तय होगी जवाबदेही
- By Vinod --
- Tuesday, 20 Feb, 2024
BJP high command upset over mayor's election
BJP high command upset over mayor's election- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I चंडीगढ़ मेयर के चुनाव ने केवल शहर की राजनीति में ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी हलचल मचा रखी है। चंडीगढ़ महापौर के चुनाव को लेकर भाजपा हाईकमान काफी खफा नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ भाजपा के एक गुट द्वारा हाईकमान को सारे प्रकरण में गुमराह किया गया जिससे पार्टी की छवि खराब हुई।
महापौर चुनाव को लेकर बीते कुछ दिनों में जो भी घटनाक्रम घटा, उसने भाजपा हाईकमान को परेशानी में डाल दिया है। सूत्रों के अनुसार मामले में भाजपा हाईकमान द्वारा उस गुट की जवाबदेही तय की जा सकती है जिसने हाईकमान को गुमराह किया। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता पूरे प्रकरण से नाराज दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पार्टी की जबरदस्त किरकिरी हुई।
ये भी बात उठ रही है कि एक विशेष गुट से जुड़े नेताओं को इस तरीके से पेश नहीं आना चाहिए था। बिना किसी ठोस योजना के इस गुट को आगे नहीं बढऩा चाहिए था। हाईकमान व स्थानीय भाजपा नेताओं को ये भी लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में टिकट हासिल करने के लिये शहर की राजनीति में दूसरे भाजपा नेताओं को नीचे गिरा कर अपने को ऊपर उठाने की दिशा में काम कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार यह जानकारी ली जा रही है कि इस सारे खेल के पीछे किसका हाथ रहा है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को रंगबिरंगी तस्वीर ही क्यों दिखाई जाती रही। भाजपा हाईकमान इस पर भी गहन चर्चा कर रही है कि किसके कहने पर रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने ये सारी धांधली की। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि स्थानीय नेताओं को इस तरीके से पेश नहीं आना चाहिए था क्योंकि इससे पूरी भाजपा पार्टी की साख को नुकसान पहुंचा है।
एक स्थानीय नेता ने तो नाम न छापने की शर्त पर यहां तक कह दिया कि पूरी पार्टी की इस पूरे प्रकरण से भद्द पिट गई। पार्टी को मिसगाइड कर ऐसी तस्वीर पेश की गई जिसने पूरी पार्टी को मुश्किल में डाल दिया। सूत्रों से यह पता चला है कि पार्टी के पास विपक्ष के चार पार्षद पहले ही भाजपा का समर्थन करने को तैयार थे लेकिन चंडीगढ़ भाजपा में आपसी गुटबंदी और क्रेडिट लेने की होड़ में यह सारा खेल किया गया।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह के आप नेताओं के बैलेट पेपर अवैध करने पर ऐतराज जताया और इन्हीं बैलेट पेपरों को जांचने के बाद दोबारा उन्हें वैध मान दोबारा गिनती कर रिजल्ट घोषित करने को कहा। भाजपा हाईकमान ये भी जानना चाह रहा है कि एक ही पार्टी की इतनी संख्या में अवैध वोट दिखाए गए, इस रणनीति के पीछे कौन था? अब पूरे प्रकरण के बाद भाजपा में भी जबरदस्त गुटबाजी शुरू हो गई है।