बिहार में 'पोषण वाटिका' से कुपोषण होगा दूर, नौनिहाल खाएंगे सब्जियां
- By Vinod --
- Thursday, 09 Jan, 2025
Malnutrition will be eradicated from 'Poshan Vatika' in Bihar, children will eat vegetables
Malnutrition will be eradicated from 'Poshan Vatika' in Bihar, children will eat vegetables- पटना। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कुपोषण से बचाने एवं उन्हें पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकारी विद्यालयों में 'पोषण वाटिका' की स्थापना की जाएगी। यह वाटिका ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना के माध्यम से स्थापित की जाएगी।
बिहार की मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को सभी जिलों के साथ एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
'महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत पोषण वाटिका का सृजन' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मनरेगा आयुक्त ने बताया कि पहले चरण में राज्य के सभी प्रखंडों में एक 'पोषण वाटिका' स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित ऐसे सरकारी विद्यालयों को चिह्नित किया जा रहा है, जो चारदीवारी एवं चापाकल से युक्त हों। 'पोषण वाटिका' के लिए जैविक खाद की उपलब्धता को लेकर नाडेप टैंक का भी निर्माण किया जाना है।
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के कार्यान्वित होने के बाद मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। मध्याह्न भोजन के उप मिशन निदेशक बालेश्वर प्रसाद यादव ने कार्यशाला में 'पोषण वाटिका' से होने वाले लाभ के संबंध में चर्चा की। यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ अंतर्यामी दास ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।
बताया गया कि 'पोषण वाटिका' की स्थापना ग्रामीण विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से की जा रही है। इस वाटिका में आंवला, सहजन, नींबू, अमरूद, जामुन, आम, कटहल, अनार, लीची, सीताफल जैसे फलों के अलावा अन्य फलों एवं सब्जियों के पौधे लगाए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों को पोषण युक्त मध्याह्न भोजन सुनिश्चित हो सकेगा।
'पोषण वाटिका' में रोपे जाने वाले पौधों की खरीदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की नर्सरियों से की जाएगी।
'पोषण वाटिका' के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर का भी सृजन होगा। मनरेगा की नीतियों के तहत स्थानीय ग्रामीणों का चयन 'वन पोषक' के रूप में किया जाएगा। चयनित किए गए 'वन पोषक' पोषण वाटिका में रोपे गए पौधों की देखभाल एवं पटवन का कार्य करेंगे। 'वन पोषक' अगले 5 वर्षों तक अपनी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।