बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शराबबन्दी की जिद से हलकान है पूरा बिहार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शराबबन्दी की जिद से हलकान है पूरा बिहार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शराबबन्दी की जिद से हलकान है पूरा बिहार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की शराबबन्दी की जिद से हलकान है पूरा बिहार

हेलीकॉप्टर के जरिये हवा में लाखों रूपये उड़ा कर ढूंढे जायेंगे दारू के ठिकाने

 

पटना (बिहार) : बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सनक कहें या फिर हठ या उनकी जिद, नीतीश कुमार हर हाल में बिहार में शराबबन्दी को सफल बनाने के लिए कुछ भी कर गुजरने पर आमदा हैं। सभी को पता है कि बिहार में शराब पकड़ने के लिए राज्य की पूरी पुलिस लगी हुई है। यही नहीं, शराब ढ़ूढ़ने के लिए खोजी कुत्ते ट्रेंड करवा कर मंगवाये गये हैं। सरकार ड्रोन उड़ा कर शराब के ठिकाने तलाश रही है। लेकिन फिर भी, शराब बिहार आ भी रही है और आसानी से  खपाई भी जा रही है। कुछ दिन पहले ही, बिहार सरकार शराब की तस्करी को रोकने के लिए 100 करोड़ रुपए की लागत से मोबाइल स्कैनर गाड़ियों की खरीदारी करने जा रही है। पाँच ऐसी गाड़ियों की खरीदारी की प्रक्रिया मद्य निषेध विभाग ने शुरू भी कर दी है। सूबे में मुखिया इससे भी संतुष्ट नहीं हैं। शराबबन्दी के लिए अब एक नई तरकीब ढूंढ़ी गयी है। सरकार ने  शराब के अड्डों को तलाशने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ाना शुरू करवाया है। पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर, शराब ढ़ूढ़ने निकल पड़े हैं। सरकार अब नियमित तौर पर हेलीकॉप्टर उड़ा कर, शराब माफिया, शराब की खेप और शराबियों का पता ठिकाना तलाशेगी। शुरुआत में, पटना एयरपोर्ट से उत्पाद विभाग के अधिकारी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर शराब ढूंढ़ने निकले। एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर उड़ा और गंगा नदी के किनारे पहुँचा। फिर दियारा के इलाके में, उसे कम ऊंचाई पर उड़ा कर शराब के ठिकाने तलाशे गये। उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने पहले चरण में, पटना से लेकर सारण और वैशाली जिले में आने वाले गंगा नदी के दियारा इलाकों में हेलीकॉप्टर से शराब के कारोबारियों की तलाश की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर उड़ाने से शराब कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। दियारा इलाके में कुछ शराब के अड्डों की पहचान भी की गयी है। हेलीकॉप्टर को देख कर वहाँ से लोग भागने लगे। नीतीश कुमार ने उत्पाद विभाग की इस कार्रवाई पर बेहद संतोष जताते हुए अधिकारियों को शाबासी भी दी है। आपको बताना लाजिमी है कि शराब पक़ड़ने के लिए सरकार ने हेलीकॉप्टर किराये पर लिया है। हेलीकॉप्टर का एक दिन का किराया लाखों में होता है। हेलीकॉप्टर की एक घंटे की उड़ान पर लगभग एक लाख रूपये का किराया चुकाना पड़ता है। अब सरकार शराबबन्दी के लिए फिर से लाखों रूपये खर्च करेगी। इससे पहले राज्य सरकार ने सभी जिलों को ड्रोन दिये हैं। जिलों में शराब पकड़ने के लिए ट्रेंड कुत्ते भेजे गये हैं। सरकार ने खोजी कुत्तों की खरीद कर लाखों रूपये खर्च कर उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दिलवायी है। बिहार सरकार का उत्पाद विभाग शराब पकड़ने के लिए ब्रेथ एनेलाइजर से लेकर दूसरे संसाधनों की ताबड़तोड़ खरीददारी कर रहा है। हद तो यह है कि उत्पाद विभाग में बड़े पैमाने पर बहाली की जा रही है। सूबे का पूरा पुलिस तंत्र, पहले से ही शराब, शराब कारोबारी और शराबी को पकड़ने में लगा है। एक तरफ शराबबन्दी से अरबों के राजस्व का नुकसान हो रहा है, तो दूसरी तरफ सरकार शराब पकड़ने के नाम पर किये जा रहे खर्च का हिसाब नहीं दे रही है।  लेकिन यह खर्च करोड़ों में है। महिलाओं के वोट के लिए और अपनी राजनीतिक रसूख बचाने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार बिहार को किस दिशा में ले जा रहे हैं, इसकी उन्हें कोई फिक्र नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह