केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: अब बाइक पर बच्चों को भी पहना पड़ेगा हेलमेट
- By Vinod --
- Wednesday, 16 Feb, 2022
Big decision of central government
नई दिल्ली। सडक़ परिवहन मंत्रालय ने बुधवार को मोटरसाइकिल पर चार साल से कम उम्र के बच्चों को ले जाने के संबंध में नए नियमों को अधिसूचित किया। इसके तहत बच्चों के लिए हेलमेट और सुरक्षा बेल्ट को अनिवार्य किया गया है। नए नियमों के तहत अगर चार साल का बच्चा पीछे की सीट पर बैठा है तो बाइक की गति 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को दोपहिया वाहनों पर चार साल से कम उम्र के बच्चों को ले जाने के लिए नए सुरक्षा नियमों को अधिसूचित किया है। नए यातायात नियम सवारों के लिए बच्चों के लिए हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का इस्तेमाल करना अनिवार्य बनाते हैं और साथ ही बाइक की रफ्तार को सिर्फ 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित करते हैं।
मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए नियमों में कहा गया है कि चार साल तक के बच्चे को पीछे की सीट पर ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। ये नियम केंद्रीय मोटर वाहन (द्वितीय संशोधन) नियम, 2022 के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष के बाद लागू होंगे।
नए नियम अगले साल 15 फरवरी से लागू होंगे। उधर, सडक़ परिवहन मंत्रालय ने यह भी कहा है कि खतरनाक या जोखिमपूर्ण सामान की ढुलाई करने वाली प्रत्येक गाड़ी को वाहन निगरानी प्रणाली उपकरण से लैस किया जाएगा। इस संबंध में हितधारकों से 30 दिन के अंदर सुझाव मांगे गए हैं। सडक़, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 में संशोधन करते हुए पहली बार मोटरसाइकिल पर सवार नौ महीने से चार साल के बच्चों की सुरक्षा के लिए नियम तय किए हैं। चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा बेल्ट या हार्नेस का इस्तेमाल उन्हें मोटरसाइकिल के चालक के साथ ‘जोडऩे’ के लिए किया जाएगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मोटरसाइकिल पर सवार बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा कोई नियम नहीं होने से हादसे के दौरान सबसे अधिक बच्चे शिकार होते थे। इतना ही नहीं बाइक का थोड़ा सा भी संतुलन बिगडऩे पर बच्चों के गिरने का खतरा भी रहता है। देश में सडक़ हादसों और उसमें मौत और घायलों के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद बच्चों के लिए नए नियम बनाने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों, विशेषज्ञों और सामान्य जनता से मिली राय बाद इन नियमों को अंतिम रूप दिया गया है। उनके अनुसार अधिसूचित होने के एक साल बाद लागू होने वाले इन नियमों के पालन की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
मंत्रालय ने कहा, ‘एक फीचर जिसके द्वारा यह हासिल किया जाता है, पट्टियों को बनियान के पीछे से जोडक़र और पट्टियों को बनियान के ऊपर से पार करा जाता है ताकि दो बड़े क्रॉसिंग-ओवर लूप बन जाएं जो यात्री के पैरों के बीच से गुजरते हैं और बच्चा दोपहिया वाहन की सीट पर बैठता है।’