पाकिस्तान के आमलोगों को बड़ा झटका, महंगाई 13 साल के उच्चतम स्तर पर
पाकिस्तान के आमलोगों को बड़ा झटका, महंगाई 13 साल के उच्चतम स्तर पर
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) के आम नागरिकों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. जून के महीने में खुदरा महंगाई दर (Inflation) 13 साल के उच्चतम स्तर यानि 21.32 प्रतिशत पर पहुंच गई है. वहीं इसमें आगे और आग लगने की पूरी संभावना है क्योंकि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF)) की तरफ से रखी गई शर्तों के अनुरूप पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है. यह फैसला लागू होने के बाद से सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में करीब 14 से 19 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो गई है. सरकार ने यह कदम नकदी की कमी के बीच आईएमएफ की तरफ से छह अरब डॉलर का राहत पैकेज बहाल करने की उम्मीद में उठाया है. पाकिस्तान का वित्त मंत्रालय पहले ही अनुमान दे चुका है कि जुलाई से शुरू होने वाली नए वित्त वर्ष में महंगाई दर 15 प्रतिशत रह सकती है.
कितनी बढ़ी कीमतें
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने पेट्रोल पर दस रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी), केरोसिन और हल्के डीजल तेल (एलडीओ) पर पांच रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम शुल्क लगाया है. इसकी वजह से पेट्रोल की कीमत में 14.85 रुपये, एचएसडी में 13.23 रुपये, मिट्टी के तेल में 18.83 रुपये और एलडीओ में 18.68 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है.पाकिस्तान में पेट्रोल की एक्स-डिपो कीमत अब 248.74 रुपये प्रति लीटर, एचएसडी 276.54 रुपये, केरोसिन 230.26 रुपये और एलडीओ 226.15 रुपये हो गया है. अप्रैल में सत्ता संभालने वाली शहबाज शरीफ सरकार के कार्यकाल में पेट्रोलियम उत्पादों में की गई यह चौथी बढ़ोतरी है. वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने संवाददाताओं से कहा कि इमरान खान की अगुआई वाली पिछली सरकार के हस्ताक्षरित समझौतों से मुकर जाने के बाद चार महीने पहले निलंबित कर दिए गए आईएमएफ राहत कार्यक्रम को बहाल करने के लिए यह बढ़ोतरी की गई है. आईएमएफ ने राहत पैकेज को दोबारा शुरू करने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी और पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क लगाने जैसी सख्त शर्तें रखी है. इन शर्तों को लागू करने के बाद आईएमएफ आगे की कार्यवाही करेगा. इस प्रक्रिया में एक और महीने का समय लग सकता है.
पाकिस्तान के लिए मुश्किल हुए हालात
पाकिस्तान की सरकार के मुताबिक आगे चुनौतियां बढ़ सकती है क्योंकि पाकिस्तान के कारोबारी सहयोगी देशों में केंद्रीय बैंक दरें बढ़ा रहे हैं इससे वहां मंदी का खतरा बन रहा है. जिसका असर पाकिस्तान के घरेलू कारोबार पर पड़ सकता है. इसके साथ ही पाकिस्तान में भी बढ़ती महंगाई से दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है जिसका नुकसान भी इंडस्ट्री को उठाना पड़ेगा. इसके साथ ही सरकार ने आशंका जताई है कि बढ़ती महंगाई की वजह से आम लोगों की खरीद क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है जिससे मांग आगे घट सकती है.