Hijab Case Judgement: हिजाब विवाद की सुनवाई SC की बड़ी बेंच करेगी, दोनों जजों की राय एक नहीं
BREAKING
सोशल मीडिया पर IIT Baba बुरे फंसे; चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान से भारत के हारने की भविष्यवाणी की थी, अब लोग ये हाल कर रहे बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार का महाकुंभ में संगम स्नान; पूजा-अर्चना करते दिखे, CM योगी आदित्यनाथ की तारीफ जमकर की, VIDEO PM मोदी बोले- कोई पैसे मांगे तो सीधे मुझे चिट्ठी लिखना; लोगों से कहा- बाकी सब मैं देख लूंगा, अब ऐसे लोगों की आएगी आफत VIDEO सोनीपत में फैक्ट्री में लगी भीषण आग; यहां प्लास्टिक ड्रम बनते, तेज लपटों के बीच धुएं का गुबार दूर तक फैला, कर्मचारी जान बचाकर भागे निरंकारी मिशन के ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के तृतीय चरण के अंतर्गत चंडीगढ़ जोन की दो ब्रांचों; मोहाली फेस 6 और टी डी आई सिटी ने संयुक्त रूप से चलाया सफाई अभियान “स्वच्छ जल, स्वच्छ मन”

Hijab Case Judgement: हिजाब विवाद की सुनवाई SC की बड़ी बेंच करेगी, दोनों जजों की राय एक नहीं

Hijab Case Judgement

Hijab Case Judgement

Hijab Case Judgement: कर्नाटक हिजाब विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला नहीं सुना पाया है. सुप्रीम कोर्ट के दोनों ही जजों की राय इस मामले पर अलग-अलग थी. जिसके बाद मामले को बड़ी बेंच को सौंपने की सिफारिश की गई है. अब हिजाब मामले की सुनवाई तीन या इससे ज्यादा जजों की बेंच करेगी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गुप्ता ने बताया कि हमारे अलग विचारों के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं, ताकि वह बड़ी बेंच का गठन करें. वहीं उन्होंने इस याचिका के खिलाफ अपना फैसला दिया, वहीं जस्टिस धूलिया की राय अलग थी. 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 10 दिन सुनवाई की. जिसके बाद 22 सितंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया. तभी से हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा था. 

हाईकोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया था. इस फैसले में साफ किया गया कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है. ये इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना ठीक है. छात्र इससे इनकार नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी करने का अधिकार भी दिया था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के पास शासनादेश जारी करने का अधिकार है. 

क्या थी हिजाब के पक्ष में दलील?
मुस्लिम छात्राओं ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि संविधान में सभी को अपने धर्म के पालन का अधिकार है. साथ ही कहा गया कि हिजाब पहनने से कानून-व्यवस्था को किसी भी तरह का खतरा नहीं है. जब बाकी धर्मों के लोग क्रॉस या रुद्राक्ष पहन सकते हैं तो हिजाब पर बैन क्यों लगाया जा रहा है. शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म के रंग वाला दुपट्टा पहना जा सकता है. इसमें दुनिया के बाकी देशों का भी तर्क दिया गया था. जहां ऐसे पहनावे को मान्यता दी गई है. याचिका में कहा गया कि सरकार का मकसद एक धर्म को निशाना बनाना है. हिजाब पूरी तरह से आस्था का मामला है. 

हिजाब के विरोध में दलील
हिजाब के विरोध में ये दलील दी गई थी कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य नहीं है. साथ ही कहा गया कि हिजाब यूनिफॉर्म के बाहर नजर आता है, जबकि रुद्राक्ष और बाकी चीजें कपड़ों के नीचे होती हैं. हिजाब से स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई के माहौल पर असर पड़ता है. धर्म के नाम पर अनुशासन तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. ईरान समेत कई देशों में हिजाब को लेकर संघर्ष जारी है.