Hotel Levana Fire Case: लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड में बड़ी कार्रवाई, पांच विभागों के 15 अफसर-अभियंता निलंबित
Hotel Levana Fire Case: लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड में बड़ी कार्रवाई, पांच विभागों के 15 अफसर-अभि
Hotel Levana Fire Case: लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद योगी सरकार ने दोषी अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 6 विभागों 19 अफसरों को सीधे जिम्मेदारी माना गया है. अवैध निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और अग्निशमन अधिकारियों को लेवाना होटल अग्निकांड के लिए दोषी माना गया. जिसके बाद सरकार ने कई बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया है.
बता दें कि लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर और कमिश्नर रोशन जैकब की रिपोर्ट के बाद शासन ने ये कार्रवाई की है. दोषी 19 अफसरों में से 2 रिटायर हो चुके हैं. जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. वहीं सरकार ने 17 अफसरों के खिलाफ सस्पेंशन और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इनमें सीएफओ, तत्कालीन आबकारी अधिकारी, तत्कालीन विहित अधिकारी सहित कई अधिकारी शामिल हैं.
शासन ने लखनऊ के मौजूदा CFO विजय कुमार सिंह और फायर ऑफिसर योगेंद्र प्रसाद को भी सस्पेंड किया है. वहीं बिजली विभाग के तीन अधिकारी- सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा विजय कुमार राव, अवर अभियंता आशीष मिश्रा, उपखंड अधिकारी राजेश मिश्रा सस्पेंड किए गए हैं. एलडीए में तैनात तत्कालीन विहित प्राधिकारी महेंद्र कुमार मिश्रा सस्पेंड हुए हैं.
7 इंजीनियर भी सस्पेंड
उधर, होटल निर्माण के समय एचडी में तैनात रहे 7 इंजीनियर भी सस्पेंड किए गए. वहीं रिटायर हो चुके एक इंजीनियर गणेश दत्त सिंह के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. एलडीए में तैनात रहे तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरुण कुमार सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, असिस्टेंट इंजीनियर राकेश मोहन, जूनियर इंजीनियर जितेंद्र नाथ दुबे, रविंद्र कुमार श्रीवास्तव और जयवीर सिंह भी सस्पेंड किए गए हैं. एलडीए का मेट रामप्रताप को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
आबकारी विभाग पर भी कार्रवाई
इसके अलावा आबकारी विभाग के तीन अधिकारी भी सस्पेंड किए गए हैं. जिनमें तत्कालीन आबकारी अधिकारी संतोष तिवारी, आबकारी निरीक्षक अमित श्रीवास्तव और उप आबकारी आयुक्त जैनेंद्र उपाध्याय शामिल हैं.
4 लोगों की हुई थी मौत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल ही में एक होटल में आग लग गई थी. हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई थी, 10 लोग घायल हुए थे. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कुछ दिन पहले ही होटल लेवाना को नोटिस भी जारी किया था. हादसे के बाद CM योगी ने अग्निकांड की जांच के लिए संयुक्त टीम का ऐलान किया था. इसमें मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर की संयुक्त टीम थी. शुरुआती तौर पर आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई थी.
सीएम ने दिए थे निर्देश
घायलों से मुलाकात करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिविल अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. सीएम योगी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए थे.
हादसे के बाद क्या बोले सर्वाइवर
एक सर्वाइवर ने बताया था कि सुबह उनकी आंख खुली और आनन-फानन में लोगों की चिल्लाने की आवाज आने लगी, उसके बाद वह घबरा गए और खिड़की के सहारे नीचे उतरे. उन्होंने कहा कि होटल का कोई कर्मचारी मदद के लिए सामने नहीं आया और सभी बाहर खड़े तमाशा देख रहे थे. आग लगने के बाद कोई फायर अलार्म भी नहीं बजा और खिड़कियों से लोग हाथ निकाल कर अपनी जान से बचाने की गुहार लगाते रहे और होटल कर्मचारी बाहर खड़े देखते रहे. वहीं अंश कौशिक ने कहा कि कुछ भी समझ नहीं आया कि क्या हुआ, बाहर लोग आग-आग कहकर चिल्ला रहे थे.