भबात निवासियों को पुनर्वास नीति के तहत जीरकपुर की सोसायटियों में मिल सकते हैं प्लॉट
Rehabilitation Policy
जीरकपुर रवि
Rehabilitation Policy: अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा के मद्देनजर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हवाईअड्डे की दीवार से 100 मीटर के दायरे में आने वाले निर्माणों को गिराने का आदेश दिया है। सरकफ़र द्वारा इन मकानो को तोड़ने के समय की जाने वाली कार्यवाई से प्रभाबित होने वाले लोगों को जीरकपुर की सोसायटीज को प्लॉट मिलने की उम्मीद है। इस संबंध में प्रशासन गुपचुप तरीके से योजना तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेज रहा है। ये प्लॉट बड़ी सोसायटियों में ईडब्ल्यूएस योजना के तहत आरक्षित जमीन में से दिए जाने हैं। यह बात सामने आई है कि प्रशासन इस योजना के तहत कई सोसायटियों को ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत सोसायटियों की जमीन को नगर कौंसिल के नाम बदलने के लिए नोटिस जारी कर रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एयरपोर्ट की दीवार के 100 मीटर के दायरे में बने निर्माणों को एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था. जिसके बाद माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हवाई अड्डे की दीवार के 100 मीटर के भीतर बने ढांचों को ध्वस्त करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार इस ऑपरेशन के दौरान प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा और पुनर्वास योजना तैयार करने पर विचार कर रही है। प्रशासन ने पहले इस कार्रवाई के लिए 314 निर्माणों को चुना था, लेकिन बाद में कुछ अन्य निर्माणों की भी पहचान की गई, जिसके बाद 100 मीटर के दायरे में तोड़े जाने वाले निर्माणों की संख्या एक हजार के करीब पहुंच गई है. पंजाब सरकार द्वारा इन प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए जीरकपुर नगर परिषद के अंतर्गत बनाई जाने वाली सोसायटियों में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए बनाए जाने वाले घरों (ईडब्ल्यूएस) इकोनॉमिक विकर सेक्शन योजना के तहत आरक्षित भूमि में से प्लॉट देने पर गंभीरता से विचार किया गया है और इस पर काम करना भी शुरू कर दिया गया है। स्थानीय निकाय विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर मामले की पुष्टि की और कहा कि विध्वंस प्रक्रिया के दौरान प्रभावित लोगों को उनके प्लाटों के आकार का 75 प्रतिशत भूखंड के रूप में दिया जाएगा। इस योजना के तहत सोसायटी का निर्माण करने वाले बिल्डरों को ईडब्ल्यूएस योजना के तहत आरक्षित जमीन का नाम बदलकर जीरकपुर नगर परिषद के नाम करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं, ताकि इस जमीन से प्रभावित लोगों को प्लॉट दिए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना का लेआउट लगभग तैयार है, जिसे जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजे जाने की उम्मीद है.हालांकि एयरपोर्ट की दीवार के 100 मीटर के दायरे में हुए निर्माण को तोड़ने के आदेश से भबात गांव के लोग परेशान हैं, लेकिन सरकार पुनर्वास योजना के तहत तैयार की जा रही योजना के तहत प्रभावित लोगों को प्लॉट देने की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर गंभीर है. उस कार्रवाई पर विचार होने से ग्रामीणों के चेहरे खिल सकते हैं। मुख्य कारण यह है कि पहले सरकार की ओर से ऐसे लोगों को मुआवजा देने की अटकलें थीं, जिससे उन्हें उम्मीद थी कि वे घर खाली करने के बाद कहीं दूर जाकर बस जाएंगे, लेकिन सरकार ने उन्हें जीरकपुर शहर में प्लॉट देने की योजना बनाई. ऐसे में लोगों का शहर की बड़ी सोसायटी में रहने का उनका सपना साकार हो सकता है।
यह पढ़ें:
BJP-SAD के गठबंधन पर आ गया सुखबीर बादल का बयान; कही यह बात, उधर कमल वालों ने भी कर दिया खुलासा!