राष्ट्रपति की कुर्सी से हटने से पहले बाइडेन का क्षमादान, 1500 लोगों के गुनाह किए माफ, 4 भारतवंशी भी

राष्ट्रपति की कुर्सी से हटने से पहले बाइडेन का क्षमादान, 1500 लोगों के गुनाह किए माफ, 4 भारतवंशी भी

 Four Indian Americans granted clemency

Four Indian Americans granted clemency

वॉशिंगटन: Four Indian Americans granted clemency: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म होने वाला है. इससे पहले वे कई बड़े फैसले ले रहे हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने अमेरिकी जेलों में बंद करीब 1500 कैदियों की सजा को माफ कर दिया है. इनमें चार भारतीय मूल के अमेरिकी भी शामिल हैं. जो खबर मिली है उसके मुताबिक ये चार भारतीय अमेरिकी हैं मीरा सचदेवा, बाबूभाई पटेल, कृष्णा मोटे और विक्रम दत्ता.

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका का निर्माण संभावना और दूसरे मौकों के वादे पर हुआ था. राष्ट्रपति होने के नाते मुझे उन लोगों पर दया दिखाने का बड़ा सौभाग्य मिला है. इन लोगों को पश्चाताप के साथ-साथ दुख भी है और ये लोग समाज की मुख्य धारा में लौटना चाहते हैं. इनमें खासकर ड्रग्स के नशे मामले में दोषी ठहराए गए लोग शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए, आज मैं ऐसे 39 लोगों को माफ कर रहा हूं. मैं लगभग 1,500 लोगों की सजा भी माफ कर रहा हूं, जो जेल में लंबी सजा काट रहे हैं. यह हाल के समय में एक दिन में की गई सबसे बड़ी क्षमादान कार्रवाई है.

बता दें, दिसंबर 2012 में, डॉ. मीरा सचदेवा को मिसिसिपी के एक पूर्व कैंसर सेंटर में धोखाधड़ी के लिए 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और लगभग 8.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर वापस करने का आदेश दिया गया था. अब वह 63 वर्ष की हो चुकी हैं. बाबूभाई पटेल को 2013 में स्वास्थ्य सेवा में धोखाधड़ी, ड्रग साजिश और ड्रग उल्लंघन के लिए 26 मामलों में 17 साल की सजा सुनाई गई थी. 2013 में ही, 54 वर्षीय कृष्णा मोटे को 280 ग्राम से अधिक क्रैक कोकीन और 500 ग्राम से अधिक कोकीन वितरित करने की साजिश रचने और सहायक और दुष्प्रेरक के रूप में क्रैक कोकीन वितरित करने का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

63 वर्षीय विक्रम दत्ता को जनवरी 2012 में मैनहट्टन संघीय अदालत ने 235 महीने की जेल की सजा सुनाई थी, जब उन्हें एक मैक्सिकन नारकोटिक्स संगठन के लिए लाखों डॉलर का धन शोधन करने के लिए अपने इत्र वितरण व्यवसाय का उपयोग करने से उत्पन्न षड्यंत्र के आरोपों का दोषी पाया गया था.