परीक्षा के दिनों में तनाव मुक्त रहे और खान-पान पर दें विशेष ध्यान-डॉ. पल्लवी राणा
stress free during exam days
-बच्चे तनाव मुक्त रह कर परीक्षा की तैयारी करें, अभिभावक बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाये। अध्यापक बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें तनाव मुक्त रहने के टिप्स दें-खण्ड़ शिक्षा अधिकारी ज्योति सभ्रवाल।
नारायणगढ़/शहजादपुर, 26 फरवरी। stress free during exam days: परीक्षा के दिनों में बच्चों में तनाव अधिक बढ़ जाता है इस दौरान बच्चों के खान-पान की ओर विशेष ध्यान रखने की जरूर होती है। परीक्षा के एक दिन पहले और परीक्षा के दिनों में बच्चों के खान-पान पर विशेष तौर पर ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। इस संबंध में जब होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर पल्लवी राणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि परीक्षा के दिनों में बच्चे अपनी सारी ऊर्जा पढ़ाई में लगा देते हैं इस दौरान उन्हें पौष्टिक खान की आवश्यकता होती है जिससे शरीर को ताकत मिलती रहे। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि बच्चे जब परीक्षा की तैयारी करते वक्त अभिभावक बच्चों को पौष्टिक खाना खिलाए जिससे कि शरीर व मस्तिष्क स्वस्थ नहीं और ऊर्जा से भरा रहे।
परीक्षा के एक दिन पहले ज्यादा मीठा खाद्य पदार्थ न खाएं इससे शरीर में शुगर का स्तर एकदम से बढ़ेगा इसके सेवन से ऊर्जा तो महसूस होगी। लेकिन थोड़ी देर बाद शुगर का स्तर शरीर में काम होगा तो बच्चे को अधिक थकान लगने लगेगी। परीक्षा के एम दिन पहले अधिक खाने और बहुत अधिक खाने दोनों से बचना चाहिए। बच्चों को संतुलित आहार में हरी सब्जियां और दलिया आदि दें फाइबर अधिक और शुगर संतुलित मात्रा में हो पानी भी दिन में कई बार पिए जिससे शरीर हाइड्रेटेड रह सके। कॉफी और चाय काम दे क्योंकि इससे बच्चों की नींद में बाधा आएगी।
परीक्षा के दिन बच्चे को आहार की ओर विशेष ध्यान दें यदि परीक्षा सुबह जल्दी है तो बच्चों को नाश्ते में अंकुरित चना, अंकुरित दाल, पोहा, उपमा या ताजा फल दे। परीक्षा सुबह होने के कारण कई बच्चे बिना कुछ खाए परीक्षा देने चले जाते हैं जिससे मस्तिष्क को सही तरह से ऊर्जा नहीं मिलती। इससे परीक्षा के दौरान व्याकुलता और भ्रम की स्थिति बनती है। यदि परीक्षा दोपहर में है तो बहुत भारी भोजन न दें खाने में रोटी सब्जी खिचड़ी हरी सब्जियां व दाल आदि दे। बच्चे पानी पीते रहे और एक बोतल साथ रखें। प्रैक्टिकल के दिन अधिकतम समय खड़े रहना पड़ता है इस दिन बच्चों को ऐसा आहार दें जिससे उसे नींद ना आए। आहार में दलिया, खिचड़ी आदि दे सकते हैं। फलों का रस हाइड्रेटेड रखेगा जो कि दिमाग के लिए अति आवश्यक है जो बच्चे देर रात तक पढ़ते हैं वह बच्चे जंक फूड खाने से परहेज करें। चिप्स या कैंडी जैसी वस्तुएं ना खाए।ं रात में पढ़ते समय जब भूख लगे तो तो कुछ हल्का-फुल्का खिलाएं, खासकर रिफाइंड शुगर से निर्मित स्नेक्स बिल्कुल ना दें। ऐसे खाद्य पदार्थ में बींस, मसूर की दाल, कम वसा वाले दूध उत्पादन अधिक प्रोटीन युक्त स्नैक्स बादाम आदि खिलाएं खाना गर्म ही खिलाएं जैसे गर्म ओट्स का सूप, टमाटर सूप आदि रात के खाने का समय भी निर्धारित होना जरूरी है इसलिए रात में 6 से 7 बजे तक खाना खा ले। रात का खाना बहुत कम या ज्यादा भी नहीं होना चाहिए संतुलित मात्रा में रखें
रात का खाना जल्दी खाएं अक्सर पढ़ाई के चलते बच्चे रात का भोजन करने में देरी कर देते हैं क्योंकि परीक्षा में लंबे समय होता है इसलिए भोजन में की गई देरी के चलते परीक्षा के दौरान समस्या से बचने के लिए शाम को 6 से 7 बजे के बीच ही खाना खा लेना चाहिए यह भी ध्यान रखें की इस दौरान सिर्फ पौष्टिक खाना ही खाएं।
शहजादपुर की खण्ड़ शिक्षा अधिकारी ज्योति सभ्रवाल का कहना है कि परीक्षा के दिनों में बच्चे तनाव में आ जाते है जिससे उनके शरीर और परीक्षा की तैयारी पर भी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चे तनाव मुक्त रह कर परीक्षा की तैयारी करें और अभिभावकों भी चाहिए कि वे उन पर अनावश्यक दबाव न बनाये। अध्यापक भी बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें तनाव मुक्त रहने के टिप्स दें। खासकर बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चे अनावश्यक दबाव में आ जाते है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव के रूप में यह तनाव चिंता, चिड़चिड़ापन एवं लाचारी जैसे भावनात्मक लक्षण भी नजर आते हैं। ऐसे में परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए समय रहते तनाव को दूर करना अत्यंत आवश्यक है। परीक्षा के दौरान एक अच्छा अध्ययन कार्यक्रम (स्टडी शेड्यूल) बनाना, ब्रेक लेना, और शांत रखनेे वाली तकनीकों का अभ्यास करके तनाव से बचा जा सकता है।
तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये तरीके-मन को शांत रखने के लिए विश्राम तकनीकों का अभ्यास जैसे कि गहरी सांस लेना, ध्यान एवं योग का नियमित अभ्यास करना। शारीरिक गतिविधि के लिए समय निकालें, भले ही यह सिर्फ कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग हो या कुछ देर तेज चलना ही क्यों न हो। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए परीक्षा से पहले व इसके दौरान उचित नींद लेना सुनिश्चित करें। अध्ययन के दौरान खुद को स्फूर्तिवान बनाने के लिए बीच-बीच में अल्प समय के लिए विराम लेना महत्वपूर्ण होता है। अल्प विराम के दौरान सकारात्मक व मनपसंद कार्य कर सकते हैं। परीक्षा से पूर्व या इसके दौरान अकेला व असहाय महसूस करने पर अपने परिजनों, मित्रों या वरिष्ठों से जरूर समस्या साझा करें। कुछ गंभीर अवसादकारक मामलों में पेशेवर मनोवैज्ञानिकों की सहायता भी ली जा सकती है।
परीक्षा समाप्त होने पर सहपाठियों से तुरंत प्रश्नों पर चर्चा करने से बचें। परीक्षा समाप्त होने के बाद सकारात्मक रूप से आनंददायक कार्य करना चाहिए। इन दिनों में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही पर्याप्त समय नींद लेना भी जरूरी है। इस दौरान योग और अभ्यास (एक्सरसाइज) भी जरूर करना चाहिए। परीक्षा के समय अपनी पसंद की गतिविधियों के लिए समय निकालकर अपना ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है।
यह पढ़ें:
डॉ.श्रवण कुमार गुप्त को मिलेगा नई दिल्ली में उत्कृष्ट शिक्षा सेवा सम्मान
एआईआरएफ के शताव्दी वष के अवसर पर भारत सरकार द्वारा डाक टिकट होगा जारी