BCCI has issued strict rules

बीसीसीआई ने जारी किए कठोर नियम, पालन ना करने पर लग सकता है आईपीएल बैन

BCCI has issued strict rules

BCCI has issued strict rules

BCCI has issued strict rules- मुंबई। टीम में 'अनुशासन, एकता और सकारात्मक माहौल' को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई ने एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए 10 बिंदुओं का एक गाइडलाइन डॉक्यूमेंट जारी किया है। इसका पालन ना करने पर बीसीसीआई ना सिर्फ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है, बल्कि उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म करते हुए उन पर आईपीएल और घरेलू क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध भी लगा सकता है।

'पालिसी डॉक्यूमेंट फॉर टीम इंडिया ' नामक यह डॉक्यूमेंट गुरूवार को खिलाड़ियों को भेजा गया, जिसमें पिछले सप्ताह हुई रिव्यू मीटिंग के सलाह शामिल हैं। यह मीटिंग न्यूज़ीलैंड सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में मिली करारी हार के बाद बुलाई गयी थी, जिसमें टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर सहित बीसीसीआई के नए सचिव बने देवजीत सैकिया ने भी हिस्सा लिया था।

दौरे, मैच और अभ्यास के लिए खिलाड़ी अलग से यात्रा नहीं कर सकेंगे

मीटिंग में कहा गया कि कुछ खिलाड़ी मैच या अभ्यास के लिए टीम बस की जगह अपनी अलग से यात्रा करते हैं, जिससे टीम का अनुशासन भंग होता है। इसके अलावा यह भी कहा गया कि कुछ खिलाड़ी अभ्यास सत्रों में ग्रुप के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, जिससे टीम का माहौल ख़राब होता है।

बीसीसीआई ने कहा है कि अगर किसी खिलाड़ी को किन्हीं विशेष परिस्थितियों में मैच या ट्रेनिंग के लिए अलग से यात्रा करनी है तो उन्हें मुख्य कोच या मुख्य चयनकर्ता से पहले से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा उन्हें किसी अभ्यास सत्र में पूरे समय तक रहना होगा, भले ही उनकी ट्रेनिंग पहले समाप्त हो गई हो।

दौरों पर भी खिलाड़ियों को परिवार के साथ अलग से यात्रा करने की बजाय टीम के साथ ही यात्रा करने का सुझाव दिया गया है, ताकि टीम में अनुशासन और संगठन को बल मिले।

यह भी कहा गया है कि अगर कोई सीरीज़ या दौरा तय समय से पहले ख़त्म हो जाता है तब भी खिलाड़ी अपने मन से अलग से यात्रा ना करें, इससे टीम की एकता प्रभावित होती है।

लंबे दौरे पर परिवार के लिए सिर्फ़ दो हफ़्ते

कोरोना के बाद लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों की उपस्थिति बहुत सामान्य बात हो गई है, लेकिन बीसीसीआई ने इसे फ़ोकस प्रभावित होने का एक 'संभावित कारण' माना है। नए गाइडलाइन के अनुसार, अगर कोई दौरा 45 दिनों का है तो खिलाड़ियों के पार्टनर और बच्चे (18 साल से कम उम्र के) 14 दिन से अधिक नहीं रुक सकते।

परिवार लंबे दौरे पर सिर्फ़ एक बार ही आ सकता है, जिनके ख़र्चों का ख़्याल खिलाड़ी को ही रखना होगा। दौरों पर परिवार को ले जाने के लिए भी खिलाड़ी को कोच, कप्तान और बीसीसीआई के जनरल मैनेजर ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी।

डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बीसीसीआई सिर्फ़ शेयर्ड एकोमोडेशन की व्यवस्था करेगा, बाक़ी ख़र्चे खिलाड़ी को ही देने होंगे। इसके अलावा अगर कोई परिवार तय समय से अधिक रुकता है तो वह ख़र्चा भी खिलाड़ी ही देगा।

पर्सनल स्टाफ़

बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत स्टाफ़ सीमित करने होंगे। इसमें मैनेजर, शेफ़, सहायक, सोशल मीडिया टीम और सुरक्षा गॉर्ड शामिल हैं। डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि इससे 'लॉजिस्टिकल चुनौतियां' कम होंगी। बीसीसीआई ने यह भी सलाह दी है कि किसी सीरीज़ या दौरे के दौरान खिलाड़ी कोई व्यक्तिगत शूट ना करें और फ़ोकस सिर्फ़ क्रिकेट और टीम की ज़िम्मेदारियों पर रहे।

घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना 'अनिवार्य'

बीसीसीआई ने फिर से दोहराया है कि खिलाड़ी ख़ुद को घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध रखें। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में चयन और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। बीसीसीआई का मानना है कि इससे घरेलू क्रिकेट और आने वाली प्रतिभाओं को भी फ़ायदा होगा।

बीसीसीआई ने कहा है कि 'अपरिहार्य परिस्थितियों' और चयन समिति की अनुमति के बाद ही किसी खिलाड़ी को इसमें छूट मिल सकती है।

बीसीसीआई ने कहा है कि खिलाड़ियों को इन सभी नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इसमें आईपीएल बैन, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट समाप्त और फ़ीस कट शामिल है। बीसीसीआई ने कहा है कि इससे जवाबदेहिता और भारतीय क्रिकेट की प्राथमिकता बढ़ेगी।