Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का क्या है महत्व? क्यों होती माता सरस्वती की पूजा?

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का क्या है महत्व? क्यों होती माता सरस्वती की पूजा?

हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि बसंत पंचमी के दिन ही विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था।

 

Basant Panchami 2025: सनातन हिंदू धर्म में मां सरस्वती देवी को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं में कहा जाता है कि जीवन में ज्ञान कला और संगीत के जरिए कृपा पाने के लिए हर साल बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा या आराधना करनी चाहिए। बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। तो चलिए थोड़े विस्तार से जानते हैं, कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को ही क्यों पूजा जाता है और क्या है बसंत पंचमी का महत्व?

 

क्यों कि जाती है माता सरस्वती की पूजा?

 

हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि बसंत पंचमी के दिन ही विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। मां सरस्वती के 12 नाम है जिनका उच्चारण कर पूजा की जाती है। कहा जाता है की मां सरस्वती की रचना उनके जन्मदाता कहे जाने वाले ब्रह्मा जी ने की थी। सफेद वस्त्रों में मां सरस्वती अपने प्रिय वहां हंस पर सवार होकर आती हैं और कहा जाता है कि हंस विवेक और शांत चरित्र का पक्षी है और इसलिए मां सरस्वती ने उसे वाहन के रूप में चुनाव। सरस्वती मां को ज्ञान के साथ-साथ बुद्धि विवेक और कला संगीत की जननी भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था, इसीलिए उनके जन्म दिवस यानी कि वसंत पंचमी को माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

 

क्या है बसंत पंचमी का महत्व

 

बसंत पंचमी का महत्व सृष्टि में नवचेतना और नवनिर्माण के कारण हुए आनंद को व्यक्त करना और आनंदित होना है। वसंत पंचमी का कृषि संस्कृति से संबंध है। इस दिन एक खास प्रकार का यज्ञ किया जाता है, जिससे फसलों को खूब फलने फूलने का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन खेतों में उगाई गई नई फसल को घर में लगाया जाता है, और भगवान को अर्पित किया जाता है। राजस्थान मथुरा वृंदावन में इस दिन विशेष त्यौहार मनाया जाते हैं। गणपति जी, इंद्र, शिव और सूर्य देव से प्रार्थना भी की जाती है। वसंत ऋतु में वर्षों में नए पल्लव आते हैं। प्रकृति के नए बदलते स्वरूप के कारण मनुष्य उत्साही और प्रसन्नचित हो जाता है। वसंत पंचमी एक तौर पर एक नई शुरुआत का प्रतीक है इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

 

कब मनाई जा रही है वसंत पंचमी?

इस साल यानी 2025 में बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग की बात करें तो माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 पर आरंभ हो रही है और इसका समापन 3 फरवरी को सुबह 6:52 पर होगा। इस दिन मां सरस्वती की पूजा का शुभ समय सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक रहेगा इस लिहाज से लोग इन 5 घंटे 26 मिनट में मां सरस्वती की विधि व्रत पूजा और अर्चना कर सकते हैं।