बांग्लादेश की PM शेख हसीना का इस्तीफा; देश छोड़कर दूसरे देश शरण लेने निकलीं, बांग्लादेश पर अब सेना का कंट्रोल, हिंसा में 100 की मौत
Bangladesh PM Sheikh Hasina Resigns And Leaves The Country Army Taken Over
Bangladesh PM Sheikh Hasina Resigns: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के विरोध को लेकर जारी भीषण हिंसा के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं पीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही शेख हसीना ने बांग्लादेश भी छोड़ दिया है। वह अपने देश से बाहर दूसरे देश में सुरक्षित जगह शरण लेने निकल गईं हैं। शेख हसीना सोमवार दोपहर बांग्लादेश से सेना के हेलीकॉप्टर में बैठकर ढाका से रवाना हुईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना बांग्लादेश से भारत पहुंचीं हैं। बताया जा रहा है कि, शेख हसीना अब भारत के रास्ते लंदन जाएंगी। शेख हसीना का ठिकाना अज्ञात रखा जा रहा है। यहां यह ज्ञात रहे कि, शेख हसीना ऐसे ही हालातों के चलते पहले भी काफी वक्त तक भारत में ठिकाना बनाकर रहीं हैं।
बांग्लादेश पर अब सेना का कंट्रोल
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के साथ ही सेना ने बांग्लादेश पर कंट्रोल ले लिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज़-ज़मान ने मीडिया और देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश में अब सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। वो अंतरिम सरकार बांग्लादेश को चलाएगी। 24 से 48 घंटे में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन कर लिया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा कि, देश संभालने की मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं, एक अच्छा बांग्लादेश बनाएँगे। लोग सहयोग करें। वहीं सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। बता दें कि, सेना अब बांग्लादेश में स्वतंत्र रूप से प्रदर्शनकारियों से निपटेगी। पूरे बांग्लादेश में सेना की तैनाती की जा रही है। पूरे बांग्लादेश बॉर्डर पर 24 घंटे का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
एक तरफ जहां शेख हसीना ढाका स्थित प्रधानमंत्री आवास को छोड़कर दूसरी देश के लिए रवाना हुईं हैं तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर उग्र हुए प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया है। प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ प्रधानमंत्री आवास के अंदर घुसी हुई है। इस बीच प्रदर्शनकारियों के उत्पात की तस्वीरें लगातार सामने आ रहीं हैं। प्रधानमंत्री आवास के अंदर प्रदर्शनकारियों को वहां के सामान और चीजों के साथ खेल कर रहे हैं। उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम आवास में प्रदर्शनकारियों को जमकर हुड़दंग करते देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
बांग्लादेश में हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत
बांग्लादेश में लोगों के उग्र विरोध प्रदर्शन के बीच मार-काट मची हुई है। आगजनी की जा रही है। तोड़फोड़ की जा रही है। इस भारी हिंसा के बीच बीते रविवार से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थिति बेहद संवेदनशील है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों प्रधानमंत्री के आवास पर कब्जा कर लिया है। मालूम रहे कि, बांग्लादेश में हिंसा की यह स्थिति ताजी नहीं है। बल्कि पिछले महीने भी बांग्लादेश में भारी हिंसा पनप चुकी है और काइयों की मौत हो चुकी है। वहीं बीते रविवार से फिर से बांग्लादेश में स्थिति बिगड़ी है।
बता दें कि, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध हो रहा है। यहां के लोग सरकारी नौकरियों में कोटा समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं। छात्रों के प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है। दरअसल, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए। पहले जब हिंसा भड़की थी तब बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था। लेकिन विरोध नहीं थमा.
2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना
दुनिया की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली मुस्लिम महिला नेता का कार्यकाल आज समाप्त हुआ है। प्रधानमंत्री शेख हसीना जनवरी 2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहीं हैं। वहीं 6 महीने पहले शेख हसीना 5वीं बार बांग्लादेश की पीएम बनी थीं। दरअसल, 6 महीने पहले ही बांग्लादेश में लोकसभा चुनाव हुआ था। जहां शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को कुल 300 सीटों में 200 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन इस जीत के बावजूद शेख हसीना अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं और लगातार हो रही हिंसा के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। न सिर्फ इस्तीफा बल्कि अपना देश छोड़कर दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी है।