अयोध्या में 'रामलला' के दर्शन-पूजन का पूरा शेड्यूल; सुबह इतने बजे से लोगों के लिए खुलेंगे कपाट, रात इस टाइमिंग तक मिलेगी एंट्री
Ayodhya Ramlala Darshan Schedule Timing Ram Mandir Update
Ayodhya Ramlala Darshan Schedule: अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान रामलला अब प्राण प्रतिष्ठित हो चुके हैं। वहीं आज से सभी लोगों के लिए रामलला के दर्शन भी खोल दिए गए हैं। रामलला के दर्शन को लेकर राम मंदिर में लोगों की रिकॉर्ड भीड़ टूटी हुई है। पहले ही दिन 2 लाख से ज्यादा लोगों ने रामलला के दर्शन किए हैं। लेकिन रामलला के दर्शन-पूजन का पूरा शेड्यूल क्या रहने वाला है? आइए इसके बारे में जान लेते हैं। जानकारी मिली है कि, राम मंदिर में रामलला की नियमित श्रृंगार-पूजा की तैयारी रोज सुबह 3 बजे से शुरू कर दी जाएगी। यानि भगवान के पट खोलने से पहले जो विशेष वैधानिक पूजा होती है, वो पूजा पहले सम्पन्न होगी।
बताया जा रहा है कि, फिर सुबह 4:00 बजे रामलला को जगाने का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद सुबह 4:30 बजे रामलला विग्रह की मंगला आरती होगी। इसके बाद सुबह 5:00 बजे रामलला का अभिषेक-श्रृंगार होगा और सुबह 6.30 श्रृंगार आरती होगी। इसके बाद सुबह 8 बजे से सभी लोगों के लिए रामलला के दर्शन शुरू हो जाएंगे. लोग दोपहर 1 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। क्योंकि दोपहर 1:00 बजे से रामलला की भोग आरती होगी और इसके बाद 3:00 बजे तक रामलला के पट बंद कर दिए जाएंगे। यानि दर्शन बंद रहेंगे।
3 बजे रामलला के दर्शन फिर खुलेंगे
1 बजे बंद हुए रामलला दरबार के पट 3 बजे दर्शन के लिए फिर खुलेंगे। यानि लोग 3:00 बजे मंदिर में एक बार फिर दर्शन कर सकते हैं। 3 बजे शुरू हुए दर्शन अब शाम 7 बजे तक लगातार चालू रहेंगे। जबकि शाम 7:00 बजे रामलला की संध्या आरती होगी। इसके बाद रात 10 बजे तक लोग फिर से दर्शन कर सकते हैं. बताया जाता है कि रामलला चूंकि बालरूप में हैं, इसलिए हर घंटे फल-दूध का भोग भी उन्हें लगाया जाएगा। वहीं आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है या ट्रस्ट कैंप से पास लिए जा सकते हैं। हालांकि, लिमिटेड लोगों को ही आरती में शामिल किया जा सकेगा।
रामलला के वस्त्र क्या होंगे?
रामलला पर सोने-चांदी और हीरे के आभूषण शोभाएमान हैं। बताया जा रहा है कि, सोमवार के दिन रामलला श्वेत वस्त्र पहनेंगे। मंगलवार को लाल वस्त्र, बुधवार को हरा, वीरवार को पीला, शुक्रवार को हल्का पीला, शनिवार को नीला वस्त्र और रविवार को गुलाबी वस्त्र पहनेंगे। ड्रेस डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने रामलला के वस्त्र तैयार किए हैं। मनीष त्रिपाठी ने रामलला के वस्त्रों को 'शुभ वस्त्रम' नाम दिया है। रामलला का पीतांबर वस्त्र तो बेहद खास है। जो कि विशेष रूप से वाराणसी में तैयार करवाया गया है। पर्व-त्योहार पर रामलला पीतांबर वस्त्र पहनेंगे। पीतांबर वस्त्र में सोने और चांदी के तारों का इस्तेमाल किया गया है और सोने और चांदी के तारों से कढ़ाई की गई है। मनीष त्रिपाठी ने बताया कि, हमारी टीम दिल्ली से अयोध्या आई थी और हमने यहीं रहकर इसे तैयार किया। करीब 12-15 लोगों की टीम यहां पर लगी हुई थी...मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं।
अब तक रामलला के दर्शन-पूजन की टाइमिंग यह थी
पहले वाले जब रामलला जब टेंट में बैठे थे तो दर्शन-पूजन की टाइमिंग अलग थी। श्री राम तीर्थ ट्रस्ट वेबसाइट के मुताबिक, अब तक रामलला के दर्शन-पूजन की पहली टाइमिंग सुबह 7 बजे से 11.30 बजे तक होती थी। इसके बाद फिर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रामलला के दर्शन किए जा सकते थे। इस दौरान रामलला की श्रृंगार आरती सुबह 6.30 होती थी और संध्या आरती शाम 7 बजे।
गर्भगृह में रहेगी पुरानी मूर्ती
अयोध्या में रामलला की जो मूर्ती दशकों से पूजी जा रही है, वो मूर्ती भी नई मूर्ती के साथ गर्भगृह में रहेगी। मूर्ती गर्भगृह में स्थापित की कर दी गई है। और रोजाना पूजन होगा। बता दें कि, रामलला की यही वो मूर्ती है जो विवाद के चलते टेंट में रखनी पड़ी। रामलला सालों-साल से टेंट में रहे। लोग अयोध्या जाते थे तो रामलला की इसी मूर्ती का दर्शन करते थे।
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं
अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं बड़ी अद्भुत हैं। अयोध्या का यह राम मंदिर देश-दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य राम मंदिर है। दक्षिण के मंदिरों की शैली में यह मंदिर बनाया गया है। जानकारी के अनुसार, पूर्व से पश्चिम तक 380 फीट से ज्यादा मंदिर की लंबाई और 250 फीट चौड़ाई है। मंदिर का पूरा परिसर 70 एकड़ का है, लेकिन मंदिर निर्माण 25 से 30% जगह में हुआ है और बाकी बाकी ग्रीन परिसर है। वहीं राम मंदिर 3 मंजिल का है। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर के निचले तल यानि भूतल पर बीच में गर्भगृह है, जहां रामलला रहेंगे। इस तल पर सोने के 14 दरवाजे लगाए गए हैं। वहीं प्रथम तल पर राम दरबार होगा।
मंदिर में 392 खंभे और 40 से ज्यादा दरवाजे हैं। खंभों पर देवी-देवताओं की आकर्ति और सनातन चिन्ह हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार यानि सिंह द्वार पर 32 सीढ़ियाँ हैं. मंदिर में पूर्व की दिशा से प्रवेश की व्यवस्था है जबकि दर्शन के बाद दक्षिण दिशा से निकास है। बुजुर्ग-दिव्यंगों के लिए लिफ्ट और दो रैम्प की व्यवस्था है। वहीं दर्शन करने आने वालों के लिए 25000 लॉकर की व्यवस्था की गई है। वहीं मंदिर में इमेर्जेंसी के लिए एक रास्ता रखा गया है।