अयोध्या में 'रामलला' बदल गए; प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण का दावा- गर्भगृह में मूर्ती अब जैसी दिख रही है, ये मेरा काम नहीं है...
Ayodhya Ramlala Changed Murti Change Says By Sculptor Yogiraj Arun
Ayodhya Ramlala Murti Change: अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित हुए भगवान रामलला क्या बदल गए हैं। गर्भगृह के अंदर रामलला ने क्या अपने स्वरूप में परिवर्तन कर लिया है? दरअसल, रामलला की मूर्ति गढ़ने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण ने एक अविश्वसनीय दावा किया है। योगीराज अरुण का कहना है कि, रामलला की जो मूर्ति मैंने सात महीनों तक अपने हाथों से बनाई और मूर्ती के पूर्ण निर्मित होने के बाद मूर्ती जैसी दिख रही थी। अब वैसी नहीं दिख रही है। मूर्ति निर्माण होते समय अलग दिखती थी। योगीराज अरुण ने यह दावा तब किया, जब वह न्यूज़ चैनल आजतक को इंटरव्यू दे रहे थे।
योगीराज अरुण का कहना है कि, जबसे रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित और प्राण प्रतिष्ठित की गई है, मूर्ती का स्वरूप बदल गया है। प्राण-प्रतिष्ठा होते ही भगवान ने अलग रूप ले लिया है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मैं खुद नहीं पहचान पाया था कि ये मूर्ती मेरी बनाई हुई ही है कि किसी और की। मैं रामलला को देखकर चकित रह गया। मैं अंदर ही अंदर सोचने लगा कि मूर्ती जैसी अब दिख रही है, ये मेरा काम नहीं है। रामलला बदल गए हैं। योगीराज अरुण ने कहा कि, बदले-बदले रामलला को देखने के बाद मैं इस कदर आश्चर्य में था कि मैंने अपने साथी लोगों को ये बात बताई। रामलला के बदलाव को देखकर मुझे भी विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन भगवान वास्ताव में अपना स्वरूप में बदल चुके थे।
'रामलला' को हृदय के गर्भ में रखा
योगीराज अरुण ने कहा कि, जब मैं भगवान रामलला की बाल स्वरूप मूर्ती तराश रहा था तो मैंने हृदय के गर्भ में रामलला को परिकलिप्त कर रखा था। इसके बाद हृदय के गर्भ समाये रामलला का जैसा आदेश आ रहा था, मैं वैसे-वैसे मूर्ती बनाता जा रहा था। लेकिन अब मैं देख रहा हूँ कि रामलला बहुत बदल गए हैं। अंदर जाते ही भगवान ने अलग रूप ले लिया है। रामलला बहुत अलग दिख रहे हैं। योगीराज अरुण ने कहा कि, मैं अब दोबारा ऐसी मूर्ती नहीं बना सकता।
गर्भगृह में स्थापित होते समय 'रामलला' की ऐसी तस्वीर सामने आई थी
गर्भगृह में स्थापित होने और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद 'रामलला' की ऐसी तस्वीर सामने आई
मैसूर के रहने वाले हैं प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण
प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। 'रामलला' की मूर्ति तराशने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा चुने गए तीन मूर्तिकारों में से अरुण एक थे। इससे पहले केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण ही हैं।
योगीराज अरुण के बारे में
योगीराज अरुण का खानदान मूर्तिकार ही रहा है। योगीराज अरुण प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। वहीं अरुण के दादा को वाडियार घराने के महलों में खूबसूरती देने के लिए जाना जाता है। अरुण मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। हालांकि अरुण पूर्वजों की तरह मूर्तिकार नहीं बनना चाहते थे। इसलिए उन्होने 2008 से मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया। इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम किया। लेकिन दादा ने भविष्यवाणी की थी कि अरुण बड़े मूर्तिकार बनेंगे। खैर योगीराज अरुण ने मूर्तीकारी में अपने पूर्वजों की धरोहर को आगे बढ़ाया।