फिरोजपुर के जीरा में माहौल तनावपूर्ण: पुलिस ने महिलाओं को खदेड़ा

फिरोजपुर के जीरा में माहौल तनावपूर्ण: पुलिस ने महिलाओं को खदेड़ा

Case of Closure of Liquor Factory

Case of Closure of Liquor Factory

चंडीगढ़। Case of Closure of Liquor Factory: पंजाब में फिरोजपुर के जीरा स्थित शराब फैक्ट्री के बाहर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज(Case registered against protesters) किया था। अब रविवार सुबह उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। जिसके बाद वहां जमा भीड़ भड़क गई है।पुलिस द्वारा लोगों को मौके से खदेड़ा जा रहा है। प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की की जा रही है। प्रदर्शनकारी स्पष्ट तौर पर शराब फैक्ट्री नहीं चलने देने की बात कह चुके हैं। महिला पुलिसकर्मी(female police officer) भी विरोध कर रही प्रदर्शनकारी महिलाओं को काबू करने के प्रयास में हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है। लेकिन महिला पुलिसकर्मियों द्वारा मामूली बल प्रयोग कर उन्हें पकड़ कर हिरासत में लेकर बस में बिठाया जा रहा है। पुलिस द्वारा करीब 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है

पुलिस ने फैक्ट्री की तरफ जाने वाले लोगों को रोक दिया है। अब पुलिस फोर्स फैक्ट्री के आगे लगे धरने को हटाने के लिए जा रही है। पुलिस ने वहां से सारा सामान हटा दिया है। उनके टेंट भी उखाड़ दिए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए 17 दिसंबर को ही पूरी तैयारी कर ली थी। इसी कारण वहां पूरी रात लाइट बंद रखी गई। ताकि मौका मिलने पर लोगों को पुलिस अपनी हिरासत में ले सके।

CM ने 5 कमेटी की हैं गठित

CM भगवंत मान द्वारा 16 दिसंबर को सभी समस्याओं के हल के लिए 5 कमेटियां गठित की गई हैं। इस जानकारी को कृषि मंत्री ने भी धरने पर बैठे लोगों से साझा किया है, लेकिन कृषि मंत्री की बातों और दावों के बावजूद प्रदर्शनकारी धरना खत्म करने पर राजी नहीं हैं। किसान नेता शराब फैक्ट्री को गलत तरीके से स्थापित करने की बात कह चुके हैं। लोग शराब फैक्ट्री के कारण अनेक प्रकार की बीमारी और फसल को नुकसान पहुंचने समेत पीने का पानी जहरीला होने की बात कह रहे हैं।

प्रदर्शनकारी महिलाओं समेत सभी गांव वासी प्रदर्शनकारियों का पुलिस कार्रवाई का जमकर विरोध लगातार जारी है। पुलिस द्वारा लोगों को हिरासत में लिए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने बठिंडा-अमृतसर नेशनल हाईवे-54 जाम करने की चेतावनी दी है।

महिलाएं और अन्य प्रदर्शनकारी नेशनल हाईवे की ओर बढ़ने के प्रयास में लगे हैं। नेशनल हाईवे जाम करने को आगे बढ़ रही महिला और अन्य प्रदर्शनकारियों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है।

पुलिस ने 3 दिन पहले ही दंगा रोका गाड़ी, पुलिसकर्मियों की सेफ गार्ड शील्ड, मेडिकल टीम, रिजर्व पुलिस बल, जेसीबी और अन्य गाड़ियां मौके पर खड़ी कर ली गई थी। पुलिस विभाग द्वारा धरना उठाने की तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई थी। हालांकि 17 दिसंबर तक प्रदर्शनकारियों से बातचीत की गई। लेकिन सहमति नहीं बनने पर आज सख्त कार्रवाई की गई है।

पुलिस द्वारा मौके की वीडियो/फोटोग्राफी भी कराई जा रही है। क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार और पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है। प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाए गए स्थायी शैड क्रेन से हटाए जा रहे हैं, ताकि रास्ता पूरी तरह साफ हो सके। पुलिस ने 17 दिसंबर की रात ही कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया था।

पुलिस अब शराब फैक्ट्री के गेट की ओर बढ़ रही है। बड़े पुलिस अधिकारी पहले ही पहुंच चुके हैं। धरनारत लोगों द्वारा यहां श्री अखंड पाठ रखा गया था और आज भोग डाला जाना है। लेकिन पुलिस वहां धरना उठाने पहुंच रही है। अलग-अलग जगहों से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी भी खेतों से और अन्य रास्तों से यहां पहुंचने के प्रयास में हैं। SSP कंवरदीप कौर ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की गाड़ियों को रोकने वालों को अरेस्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि 2 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना की जा सके। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा फैक्ट्री से तीन सौ मीटर दूर धरना दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में होने की बात बताई। SSP ने कहा कि फैक्ट्री के गेट पर श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ के बाद भोग डाला जा रहा है। इस कारण पुलिस मौके पर कुछ देर के लिए कार्रवाई रोक कर इंतजार में है। इसके बाद इस मुख्य धरना स्थल को भी खाली कराया जाएगा।

जीरा में विभिन्न किसान संगठन और स्थानीय लोग करीब 148 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कल कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे, लेकिन सहमति नहीं बनी। इसके बाद अब पंजाब सरकार ने कानूनी कार्रवाई की है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के राज्य सरकार को 20 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने के साथ धरना उठवाने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद से राज्य सरकार और पुलिस बल शराब फैक्ट्री के सामने लगाए गए धरने का उठाने के प्रयासों में जुटे हैं, लेकिन आसपास के करीब 40 गांव के लोगों समेत विभिन्न किसान संगठनों ने पुलिस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया है। प्रदर्शनकारी सरकार को स्पष्ट कर चुके हैं कि फैक्ट्री के बंद होने तक प्रदर्शन बंद नहीं किया जाएगा।

धरने पर बैठे किसानों की डिमांड

किसानों ने 16 दिसंबर को पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों को छोड़ने, पंच-सरपंचों के कैंसिल लाइसेंस बहाल करने की मांग की है। इलाके में जारी अवैध माइनिंग बंद कराने की मांग भी की है।

बाहरी लोगों को बनाया गारंटर

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल स्वयं मान चुके हैं कि शराब फैक्ट्री स्थापित करने के समय जिन लोगों को गारंटर बनाया गया, वे स्थानीय न होकर अन्य जिलों से लाए गए व्यक्ति थे। इसकी जांच कर झूठ बोलने और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है।

40 गांवों के लोग प्रभावित जीरा स्थित शराब फैक्ट्री के आसपास के सभी 40 गांव के लोगों समेत स्थानीय बाशिंदे पुलिस-प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं है। एक किसान नेता ने कहा कि कार्रवाई करने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के परिवार यहां आकर रहें। उनके खान-पान का बंदोबस्त स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा। यदि वे इस पानी को महीने भर तक पी लेंगे तो किसान भी अपना धरना खत्म कर लेंगे।

फैक्ट्री संचालक पहुंचा था हाईकोर्ट

गौरतलब है कि फैक्ट्री संचालकों ने किसानों के धरने से हो रहे नुकसान के कारण पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को 15 करोड़ रुपए की अदायगी के आदेश दिए। साथ ही धरना खत्म करने के आदेश भी दिए गए थे

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