April Fools Day 2023 why it celebrate on 1st April day what is history behind the day
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April Fools Day 2023: आ रहा है अप्रैल फूल डे, जानें क्यों 1 तारीख़ को मनाया जाता है ये दिन और क्या है इसके पीछे की कहानी?

April Fools Day 2023 why it celebrate on 1st April day what is history behind the day

April Fools Day 2023 why it celebrate on 1st April day what is history behind the day

April Fools Day 2023: 1 अप्रैल नाम सुनकर आपके दिमाग में मूर्ख शब्द आता होगा, यानी मूर्ख दिवस, मूर्ख बनाने का दिन। दुनियाभर में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है, जिसे हमे अप्रैल फूल डे भी कहते है। इस दिन हम अपने सगे संबंधी, दोस्तो को बेवकूफ बनाते है और जैसे ही सामने वाला बेवकूफ बन जाता है तो जोर से कहते है अप्रैल फूल….पहले यह दिन फ्रांस और कुछ अन्य यूरोपीय देशों में ही मनाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे दुनियाभर के देशों में अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा। 'अप्रैल फूल डे' (1 April Fools Day) मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास को...

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कैसे हुई इसकी शुरुआत
इसकी शुरूआत को लेकर कोई खास जानकारी तो नहीं है। लेकिन माना जाता है कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव अप्रैल फूल डे मनाने की शुरूआत हो सकती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इंग्लैड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि इस दिन की शुरूआत हिलारिया फेस्टिवल से हुई है। हालांकि फ्रेंच कैलेंडर के तथ्य को सबसे सटीक माना जाता है। क्योंकि फ्रांस द्वारा इस कैलेंडर को सबसे पहले स्वीकार किया गया था। लेकिन यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया था और वे जनवरी में न्यू ईयर मनाते थे। लेकिन फ्रांस के लोग नया साल अप्रैल में मनाते थे, इस कारण से लोग उन्हें मूर्ख समझने लगे और तभी से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।

April Fool's Day Pranks - Instructables

क्या है इसकी कहानी ?
एक कहानी के अनुसार इसकी शुरुआत 1381 में हुई थी। बताते हैं कि उस समय इंग्लैड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने घोषणा की थी कि वह 32 मार्च 1381 को सगाई करने वाले हैं। यह खबर सुनकर जनता खुशी से झूम उठी थी, लेकिन जब 31 मार्च 1381 का दिन आया, तब लोगों के समझ में आया कि 32 मार्च तो आता ही नहीं। इसके बाद वह समझ चुके थे कि हमें मूर्ख बनाया गया है। वहीं 32 मार्च यानी 1 अप्रैल मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। कुछ किस्सों की मानें तो अप्रैल फूल डे की शुरुआत 1392 में ही हो गई थी। कुछ कहानियों के अनुसार, अप्रैल फूल डे मनाने का सिलसिला 1582 में फ्रांस से शुरू हुआ था, जिस दौरान पोप चार्ल्स ने रोमन कैलेंडर की शुरुआत की थी। हालांकि, 19वीं शताब्दी आते-आते अप्रैल फूल डे मनाने का चलन काफी प्रचलित हो चुका था। इसके बाद से अप्रैल फूल डे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने लगा।

इन देशो में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है अप्रैल फूल डे
आपको बतादें कि अप्रैल फूल डे को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल को सिर्फ दोपहर तक मनाया जाता है। जबकि कुछ देशों- जापान,रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में इसे पूरे दिन मनाया जाता है।

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भारत में कब हुई थी शुरुआत?
जैसे की अपने पढ़ा है कि दुनियाभर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाने के अलग-अलग तरीके हैं और भारत में इस दिन की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों ने की थी। आज के समय में भारत में भी लोग इस दिन लोग मस्ती-मजाक करते हैं।