झांसी अग्निकांड: एक और नवजात की मौत... संख्या बढ़कर 12 हुई; जांच के लिए पहुंची शासन की टीम

झांसी अग्निकांड: एक और नवजात की मौत... संख्या बढ़कर 12 हुई; जांच के लिए पहुंची शासन की टीम

Jhansi Fire Incident Latest Updates

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झांसी: Jhansi Fire Incident Latest Updates: यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड के चौथे दिन एक और बच्चे की मौत हो गई. इसके साथ ही घटना में जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या अब 12 तक पहुंच गई है. हालांकि, मेडिकल प्रशासन का कहना है कि बच्चे का अग्निकांड से कोई संबंध नहीं है.

झांसी के मेडिकल कॉलेज में NICU में आग लगने के बाद माहौल गमगीन बना हुआ है. रविवार देर रात जिला जालौन निवासी मुस्कान, विशाल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की दादी गुड्डी देवी ने बताया कि उनकी बहु ने 12 नवंबर को जालौन मेडिकल कॉलेज में बेटे को जन्म दिया था. सांस लेने में तकलीफ के चलते उसको रात को झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU में भर्ती कराया गया था.

उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान काफी लापरवाही बरती गई थी. उनके बच्चे को ऑक्सीजन लगी हुई थी, जिस समय आग लगी सभी बच्चों को बाहर निकाला गया था. उसी समय उनके बच्चे की ऑक्सीजन निकल जाने के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई. इसी कारण बच्चे की मौत हुई है.

वहीं बच्चे के फूफा दीपू ने ने बताया कि बच्चे के पैदा होने के दो दिन पहले ही बच्चे पिता विशाल को लकवा मार गया. वह अब चल-फिर नहीं सकते. जिस समय आग लगी तब वह अपने बच्चे के साथ ही थे. उन्होंने अपने बच्चे के साथ कई बच्चों को बाहर निकाला था.

सरकार की ओर से अग्निकांड को लेकर डीजी स्वास्थ्य किंजल सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई चार सदस्यीय टीम झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंची. टीम ने सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचकर बारीकी से जांच पड़ताल की. इसके बाद टीम वार्ड 5 में पहुंची जहां इस समय बच्चों का इलाज चल रहा है. डॉक्टर से बच्चों की सेहत के बारे में जानकारी ली.

डीजी स्वास्थ्य किंजल सिंह ने बताया कि वह तीन बिंदुओं पर जांच करेंगी. घटना होने का मुख्य कारण क्या है? क्या घटना किसी की गलती से हुई? अभी जितने मेडिकल कॉलेज हमारे चल रहे उसमें ऐसी कोई कमी तो नहीं है कि भविष्य में कभी कोई ऐसी घटना घटित हो?

उन्होंने बताया टीम में उनके साथ फायर और बिजली विभाग के एक्सपर्ट भी हैं, जो घटना के बारे में टेक्निकल जांच करेंगे. मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस में समीक्षा बैठक की जा रही है. घटना से जुड़े सभी अधिकारी, कर्मचारी से एक-एक कर पूछताछ की जा रही है.

उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने जिले के किसी भी अधिकारी शामिल नहीं किया है. सिर्फ समीक्षा में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एनएस सेंगर, सीएमएस सचिन माहौर, डॉक्टर चौरसिया सहित घटना से जुड़े अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद हैं.