Chandigarh: सिटको का एक और कारनामा: ठेकेदार को थाली में रख परोसे 5.21 लाख रुपए
- By Vinod --
- Monday, 20 Feb, 2023
Another feat of Citco
Another feat of Citco- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के अधिकारी कैसे ठेकेदारों से मिल कारपोरेशन को नुकसान पहुंचाने पर तुले हुए हैं, इसका बिलकुल नया मामला सामने आया है। पहले ठेकेदार मैसर्ज ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस ने सिटको को 35 लाख रुपये का चूना लगाया। फिर मुलाजिमों व अफसरों के साथ मिलकर बैंक की गारंटी बदली। अब ठेकेदार पर मेहरबान अधिकारियों व मुलाजिमों ने उसे थाली में रख कर 5.21 लाख रुपये भी परोस दिये।
मामले में शिवालिक व्यू होटल के जनरल मैनेजर संदीप कपूर व मैनेजर अकाउंट्स विनोद कश्यप सहित एक अन्य आउटसोर्स महिला कर्मचारी को शो-कॉज नोटिस दिया गया है। अगर नोटिस का इन अधिकारियों ने सही जवाब न दिया तो इन्हें चार्जशीट किया जा सकता है। सिटको की एमडी पूर्वा गर्ग व अन्य अधिकारी मसले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। हालांकि देर शाम एमडी पूर्वा गर्ग चीफ जनरल मैनेजर हरजीत संधू के साथ इस मसले को लेकर गंभीर विचार विमर्श कर रही थी।
फेब्रीकेट बैंक गारंटी करा निकलवा ली रकम
एसएचओ को लिखे पत्र में कहा गया था कि ठेकेदार ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस ने कंपीटेंट अथॉरटी के बिना अप्रूवल डॉक्यूमेंटों को फेब्रीकेट कर बैंक गारंटी एनकैश करा ली। इसके खिलाफ तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज की जाए। इस पत्र में बताया गया है कि 30 अक्टूबर 2018 को इस ठेकेदार को सिटको में बतौर सर्विस प्रोवाइडर का काम दिया गया था। कुक, वेटर सहित मैटेनेंस के काम से संबंधित सिटको के होटलों, रेस्टोरेंट, फूड इत्यादि में मैनपॉवर प्रोवाइड कराने का इसका जिम्मा था। 24 जनवरी 2019 को ठेकेदार ने 35 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा की। बैंकों के दस्तावेजों के मुताबिक यह बैंक गारंटी 23 जनवरी 2023 से पहले नहीं भुनाई जा सकती थी। ठेकेदार ने 13 जून 2022 को देना बैंक के ब्रांच मैनेजर को 24 जनवरी 2019 की बैंक गारंटी नंबर 1098191जीपीईआर0001 को कैंसिल करने के लिए लिखा। सिटको के कुछ मुलाजिमों व अफसरों की मिलीभगत से दस्तावेजों में हेरफेर हुआ। असल गारंटी सिटको के हाथ से निकलवा ली गई जबकि उसकी जगह फोटोस्टेट उनके पास जमा करवा दी गई। बैंक ने गारंटी कैंसिल कर दी।
अभी दर्ज नहीं हो पाया मुकदमा
चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल टूरिज्म कारपोरेशन को 35 लाख का चूना लगाने वाले ठेकेदार मैसर्ज ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस पर मुकदमा दर्ज होने की भी अभी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है हालांकि सीजीएम, सिटको की ओर से सेक्टर 17 के पुलिस स्टेशन प्रभारी को ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने से संबंधित पत्र भेज दिया गया था। ठेकेदार पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज सिटको के अकाउंट्स सैल में जमा कराये और असल गारंटी अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हासिल कर ली। असल गारंटी व अंडरटेकिंग के आधार पर पानीपत के बैंक में जाकर 30 लाख रुपये गारंटी राशि निकलवा ली। सूत्रों के अनुसार सिटको के साथ हुए पैसे के इस खेल में कारपोरेशन के कई मुलाजिम व अधिकारी ठेकेदार के साथ शामिल हैं। सीजीएम हरजीत संधू व एमडी पूर्वा गर्ग हालांकि कह चुकी हैं कि इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है लेकिन अभी तक मुलाजिमों व अधिकारियों को बचाया जा रहा है। यही वजह रही कि एक के बाद दूसरा व अब तीसरा मामला सामने आ गया। पहले 35 लाख का चूना, फिर फर्जी बैंक गारंटी और अब ठेकेदार के नाम जानबूझ कर आरटीजीएस कराकर 5.21 लाख रुपये जमा कराना।
मुलाजिमों की गलती या जानबूझकर की हरकत
सिटको के अधिकारियों व मुलाजिमों ने जिस शातिराना अंदाज में यह गलती की, उससे तो यही साबित हो रहा है कि जानबूझ कर ऐसा किया गया। ठेकेदार ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस के साथ अधिकारियों व मुलाजिमों की मिलीभगत है। सिटको के अकाउंट्स सैल ने एक दूसरे ठेकेदार फ्रैंक आउटसोर्सिंग को 5.21 लाख रुपये की रकम देनी थी जिसका बिल तो फ्रैंक का अटैच किया गया लेकिन इसकी जगह आरटीजीएस पेमेंट ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विस को करा दी जिसका कोई अप्रूवल नहीं हुआ था। उसके अकाउंट में यह पैसा भी पहुंच गया। यह ठेकेदार पहले ही सिटको के साथ फ्रॉड कर भागा हुआ है। सोमवार को इस मामले में चीफ जनरल मैनेजर के सामने होटल शिवालिक व्यू की अकाउंट्स क्लर्क पूजा की शाम 4 बजे पेशी हुई।
कोई प्रॉपर प्लेसमेंट पॉलिसी नहीं
वास्तव में सिटको की जितनी भी सेंसटिव पोस्टें हैं, उस पर अधिकारियों ने ठेकेदार के लोगों की तैनाती कर रखी है। मामूली सैलरी व अस्थाई तौर पर लगे मुलाजिमों की कोई जिम्मेदारी तय नहीं है लिहाजा लगातार गलतियां हो रही हैं। जो मुलाजिम अफसर की बात नहीं मानता, उसे या तो बस स्टॉप या फिर सेल डिपो में सजा के तौर पर भेज दिया जाता है। यानि सिटको की मुलाजिमों के लिए कोई प्रॉपर प्लेसमेंट पॉलिसी नहीं है।
मुलाजिमों की मिलीभगत, कार्रवाई कोई नहीं
एसएचओ को जो पत्र लिखा है उसमें सिटको के अधिकारी कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों के ठेकेदार से मिलीभगत की बात तो कर रहे हैं लेकिन एफआईआर फिलहाल ठेकेदार पर दर्ज करने के लिये कहा गया है। लीगल ऑफिस से जुड़े वकील भी मुलाजिमों के साथ इस खेल में पूरा रोल निभा रहे हैं।
-सीजीएम हरजीत संधू का कहना है कि जिस पैटर्न पर लगातार एक ही ठेकेदार का मामला सामने आ रहा है उससे लगता है कि मुलाजिम मिले हुए हैं। सिटको तीनों मुलाजिमों से लगभग सवा पांच लाख रुपये की रिकवरी करेगा। हालांकि मुलाजिम कह रहे हैं कि टाइपिंग मिस्टेक की वजह से ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि मामले में दो मुलाजिम पहले सस्पेंड किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मामले में आउटसोर्स मुलाजिम को नौकरी से निकाला जा सकता है।