UP में ज्योति मौर्य जैसा एक और केस, पति ने पढ़ाया-लिखाया, अफसर बनते ही पत्नी की लाइफ में तीसरे की इंट्री फिर..
SDM Jyoti Maurya Case
SDM Jyoti Maurya Case: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एसडीएम ज्योति मौर्या जैसा एक मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां एक महिला अधिकारी ने अपने पति की कर्मचारी से पिटाई करवा दी. पति का दावा है कि उसने शादी के बाद पत्नी की पढ़ाई में पैसों से खूब मदद की, लेकिन वह अधिकारी बनते ही अपने अधीनस्थ कर्मचारी (पीआरडी जवान) के प्रेम प्रसंग में पड़ गई और उससे दूरी बना ली. फिलहाल पति की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है .
बांदा जिले का रहने वाला 35 वर्षीय युवक लखनऊ के सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है. उसकी शादी दस साल पहले हुई थी. पत्नी हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर कस्बे में रहती है. पति का दावा है कि शादी के बाद भी उसने अपनी पत्नी की पढ़ाई में खूब मदद की.नतीजा यह हुआ कि पत्नी का दो साल पूर्व एक सरकारी विभाग में ब्लाक स्तरीय अधिकारी के पद पर चयन हो गया. लेकिन अधिकारी बनते ही पत्नी के रंग-ढंग बदलने शुरू हो गए और एक पीआरडी कर्मचारी से उसकी मित्रता हो गई. इसके बाद उसने पति से दूरी बना ली और अपने बच्चों के साथ वही साथ रहने लगी. पति जब उससे मिलने ऑफिस पहुंचा तो महिला अधिकारी ने कर्मचारी से पिटाई करवा दी.
पति के साथ ऑफिस के बाहर हुई मारपीट
पीड़ित पति कि मानें तो जब से कर्मचारी को उसकी पत्नी के साथ ड्यूटी पर लगाया गया है. उसी दिन से उसके परिवार में विवाद होने शुरू हो गये. डेढ़ सालों से विवाद इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है. उनकी तीन साल की बेटी भी है, जिससे अधिकारी मिलने नहीं देती है. अपनी बेटी से मिलने के लिए वो अपनी मां के साथ बांदा से आया थे, जब वह विकास भवन कार्यलय के पास पहुंचा तो महिला कर्मचारी के साथ कहीं जा रही थी. पति ने रोका तो जवान ने हाथापाई करते हुए मारपीट की.
वहीं पुलिस ने आरोपी पीआरडी जवान को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. कोतवाली प्रभारी अनूप सिंह की मानें तो पति और पत्नी का विवाद कोर्ट में चल रहा है. पति के साथ मारपीट हुई थी, जिसके चलते आरोपी पीआरडी जवान को हिरासत में ले लिया गया है. ऐसा ही मामला बरेली में देखने को मिला था, जहां पर एसडीएम ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या ने यह आऱोप लगाया था कि उसने अपनी पत्नी को पढ़ाई में मदद की, लेकिन जब वह अफसर बन गई तो उसे छोड़ दिया.
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