चंडीगढ़ के रिटायर प्रोफेसर की 72 वर्षीय पत्नी पर एक और मामला
चंडीगढ़ के रिटायर प्रोफेसर की 72 वर्षीय पत्नी पर एक और मामला
चंडीगढ़। मंजीत कौर एक रिटायर प्रोफेसर की पत्नी है। चंडीगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल की पत्नी के साथ ठगी के मामले में भी पिछले वर्ष दिसंबर में मंजीत कौर के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। एचआईजी फ्लैट दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की गई थी।
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72 साल की मंजीत कौर अपनी पर्सनैलिटी और प्रभाव के चलते पढ़े-लिखे लोगों को अपने मोहजाल में फंसाकर उनसे लाखों रुपए की ठगी कर चुकी है। वह अपने गर्वनर ऑफिस समेत पीएमओ में लिंक होने का झांसा देकर लोगों को सीएचबी के मकान और बूथ दिलवाने के नाम पर उनकी गाढ़ी कमाई लूट चुकी है। वह खुद को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का एक्टिव मेंबर बताती थी। आरोपी महिला लोगों के साथ 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुकी है।
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चंडीगढ़ के पूर्व प्रशासक औरPMO ऑफिस तक अपने लिंक बताकर लोगों को मकान और बूथ दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाली मंजीत कौर पर एक और केस दर्ज हुआ है। मंजीत कौर पहले से ही बुड़ैल जेल में कैद है। अब उस पर एक और धोखाधड़ी का केस कोर्ट में चलेगा। वह अपनी पर्सनैलिटी और प्रभाव के चलते चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकान और फ्लैट दिलवाने के नाम पर लोगों को ठगती थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक उसके खिलाफ ठगी के लगभग दर्जनभर दर्ज हो चुके हैं। सेक्टर-51 रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (RWA) की पूर्व प्रधान मंजीत कौर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CHB) के फ्लैट और बूथ दिलाने के नाम ठगी करती थी।
फ्लैट के नाम पर 17.84 लाख रुपए ठगे
ताजा मामले में आरोपों के मुताबिक, मंजीत कौर ने एक व्यक्ति के साथ 17.84 लाख रुपए की ठगी की थी। बुड़ैल के गोपाल अत्री ने पुलिस को शिकायत दी थी कि मंजीत कौर ने उन्हें आउस्टी कोटा में फ्लैट दिलवाने के नाम पर पैसे ठगे। 2 जुलाई से 10 अगस्त के बीच में यह ठगी की गई थी, लेकिन उसने न तो फ्लैट दिलवाया और न ही रकम वापस की। सेक्टर 49 थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने और आपराधिक स्तर पर विश्वासघात करने की धाराओं में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस तरह बनाती थी लोगों को शिकार
इसी वर्ष मंजीत कौर के खिलाफ सेक्टर 44 के भागीरथ शर्मा ने केस दर्ज करवाया था। वह सर्वे ऑफ इंडिया से रिटायर्ड अफसर हैं। शिकायत के मुताबिक, फरवरी 2020 में आरोपी महिला से उसकी मुलाकात हुई थी। आरोपी ने शिकायतकर्ता को सेक्टर 51 में बूथ और मकान अलॉट करवाने का झांसा दिया। उसने इसकी ऐवज में 55 लाख रुपए ले लिए थे। हालांकि न तो प्लॉट या बूथ मिला और न पैसे वापस मिले।
मंजीत कौर जब जुलाई 2021 में ठगी के एक मामले में गिरफ्तार हुई थी, तब उसके कब्जे से पुलिस ने कुछ फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए थे। इनमें उसने खुद को सीएचबी कमेटी का मेंबर बताया था। मौजूदा समय में उसके खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा केस हैं। वह पंजाब वॉटर वर्क्स के सुपरिंटेंडेंट, यूटी के रिटायर्ड जूनियर इंजीनियर समेत कई लोगों को अपना शिकार बना चुकी है
डीएसपी भी बन चुके मंजीत कौर का शिकार
चंडीगढ़ पुलिस ने बीते वर्ष नवंबर में सेक्टर 51 की मंजीत कौर, उसके बेटे विजय पाल और बहू मल्लिका के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। मामले में शिकायत चंडीगढ़ पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी सेक्टर 51 के दविंदर सिंह ठाकुर ने दी थी। सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का यह केस दर्ज हुआ था।
दविंदर सिंह का कहना था कि वह महिला के संपर्क में मई 2019 में आया था। वह पुलिस हाउसिंग सोसाइटी में आई थी। उसने झांसा दिया था कि वह गर्वनर की आउस्टी कोटा कमेटी की मेंबर है और वह उनके बेटे को गर्वनर कोटा में मकान दिलवा सकती है। उन्होंने कुल 7 लाख रुपए अर्नेस्ट मनी के रूप में मंजीत कौर को दिए थे।
इस केस के बाद सामने आने लगी शिकायतें
मंजीत कौर ने मोहाली के मदन मोहन गुप्ता और उनकी पत्नी से 87 लाख रुपए ठगे थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई लोग पुलिस के पास शिकायत देने आए थे। यूटी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ऐसे मामलों को देख रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, मंजीत कौर को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की कई पॉलिसी, पुनर्वास योजनाओं और अन्य अलॉटमेंट स्कीमों की जानकारी थी।