पंजाब में मुख्यमंत्री का किसानों को बड़ा तोहफ़ा, फ़सल के खराबे के लिए मुआवज़े में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान
Compensation for Crop Damage
चंडीगढ़, 26 मार्च: Compensation for Crop Damage: राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने फसलों के खराबे के मुआवज़े में 25 प्रतिशत वृद्धि(25 percent increase in compensation) का ऐलान किया है।
मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा और पटियाला के गाँवों का तूफ़ानी दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर फ़सल का नुकसान 75 प्रतिशत से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा देगी। उन्होंने कहा कि यदि नुकसान 33 से 75 प्रतिशत तक होता है, तो किसानों को 6750 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा दिया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि मज़दूरों को 10 प्रतिशत मुआवज़ा दिया जाएगा, जिससे उनको कोई वित्तीय मुश्किल पेश न आए। उन्होंने कहा कि पूरे मकान के नुकसान के मुआवज़े के तौर पर 95100 रुपए दिए जाएंगे, जबकि घरों के मामूली नुकसान के लिए 5200 रुपए दिए जाएंगे।
प्राकृतिक आपदा से किसानों को बचाने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार फ़सल बीमा योजना लाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऐलानी गई फ़सल बीमा योजना केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गई थी, परन्तु राज्य सरकार की योजना से किसानों को असली राहत मिलेगी। उन्होंने अफ़सोस प्रकट किया कि आज-कल 20 मिनट की ओलावृष्टि किसानों के चेहरों पर मुसीबत ला देती है, परन्तु यह योजना किसानों के के हितों की रक्षा करेगी। भगवंत मान ने किसानों को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार इस मुश्किल घड़ी में किसानों के साथ है और उनके कल्याण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
खऱाब मौसम के कारण किसानों के हुए नुकसान का मुआवज़ा देने का प्रण लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों और खेत मज़दूरों के कल्याण के लिए हमेशा वचनबद्ध है और रहेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी सरकार हमेशा ही किसानों और उनके हकों की हिमायती रही है और सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई योग्य कदम उठाए हैं। भगवंत मान ने कहा कि वह उन बहुसंख्यक किसानों की पीड़ा और दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं, जिनको मौसम में अचानक आई तबदीली के कारण भारी नुकसान बर्दाश्त करना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बरसात खड़ी गेहूँ और रबी की अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि बदकिस्मती से तेज़ हवाएँ और ओलावृष्टि के साथ आई बारिश ने फसलों को काफ़ी नुकसान पहुँचाया है और बड़ी संख्या में किसानों की रोज़ी-रोटी को चोट पहुँचाई है। भगवंत मान ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि कई एकड़ से अधिक कृषि योग्य क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है क्योंकि इस पड़ाव पर रबी की फसलें कटाई के लिए लगभग तैयार थीं।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि ऐसे मामलों में जहाँ किसान कटाई नहीं कर सकेंगे या उनकी फ़सलों का उत्पादन घट गया है, उनका लगभग पूरा सीजन बर्बाद हो गया और उनकी रोज़ी-रोटी को भारी नुकसान पहुँच सकता है। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पहले ही वित्त कमिश्नर (राजस्व) को हिदायत की है कि वह सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों को बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत विशेष गिरदावरी करने के लिए विस्तृत हिदायतें जारी करें, जिससे फसलों, बाग़ों और घरों को हुए नुकसान का पहल के आधार पर पता लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहली अप्रैल से किसानों को कपास की फ़सल के लिए नहरी पानी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की कपास पट्टी में नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी, जिससे कपास के कृषि को बड़े स्तर पर लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि बिजाई के सीजन के दौरान कपास किसानों को पानी मुहैया करवाना समय की ज़रूरत है।
कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्ध में कई फ़ैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूँ/धान के चक्र से बाहर निकालने और राज्य के भूजल को बचाने के लिए वैकल्पिक फ़सलों के लिए न्युनतम समर्थन मूल्य की पेशकश की जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि कृषि सहायक पेशों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आमदन में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा है कि वह जल्द से जल्द नुकसान की रिपोर्ट पेश करें, जिससे प्रभावित लोगों को सरकारी नियमों के अनुसार उपयुक्त मुआवज़ा दिया जा सके। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार प्रकृति के कहर से उनके हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में हाल ही में हुई बारिश के कारण किसानों के साथ-साथ मज़दूरों के हुए नुकसान की भरपायी के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार किसान भाईचारे के कल्याण के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है क्योंकि हमें भली-भाँति पता है कि खेती अब लाभप्रद पेशा नहीं रही। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब भी किसानों को कोई मुश्किल या मुसीबत का सामना करना पड़ा तो सरकार ने उनके बचाव के लिए आगे आने के लिए बहुत समय नहीं लगाया, जोकि सरकार द्वारा पहले दिन से ही किए जा रहे महत्वपूर्ण फ़ैसलों से स्पष्ट होता है। भगवंत मान ने कहा कि देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अन्नदाता के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद् हे।
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