गुस्साए लोगों ने तोड़ा प्रशासन की ओर से लगाया बोर्ड
Angry people broke the board put up by the administration
सप्ताह भर में मकान खाली करने के आदेशों को लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा
चंडीगढ़। जनता कालोनी और कुम्हार कालोनी के लोगों में प्रशासन के कालोनी हटाये जाने के आदेशों के बाद से जबरदस्त गुस्सा है। गुस्से का आलम यह है कि प्रशासन ने सप्ताह भर में कालोनी खाली करने को लेकर बोर्ड लगाकर जो आदेश लगाए हैं,उसे गुस्साए लोगों ने तोड़ दिया है। चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस ने 3 मई को इंडस्ट्रियल एरिया की संजय कॉलोनी और सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी और कुम्हार कॉलोनी को गिराने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए थे।
सेक्टर 25 कॉलोनी में लगाया बोर्ड गुरुवार को लोगों ने गिरा दिया। कुम्हार और जनता कॉलोनी के अनेकों लोगों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। वहीं दूसरी ओर कई लोग मकान भी छोड़ गए। लोगों का कहना था कि वह यहां पर कई सालों से रह रहे हैं और उनके पास सभी दस्तावेज हैं। अब प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के अचानक 7 दिनों में कॉलोनी खाली करने के आदेश दे दिए।
लोगों ने सवाल किया कि उनके पास रहने के लिए घर नहीं है और कच्चे मकान और झुग्गियां ढहाए जाने पर वह कहां जाएंगे? कॉलोनी में जब नेता वोट मांगने आते हैं, तब प्रशासन को यह कब्जे गैरकानूनी नहीं लगते। अचानक ये अवैध कब्जे हो गए।
पार्षद के पति ने भी किया लोगों के साथ प्रदर्शन
स्थानीय पार्षद पूनम के पति संदीप ने भी इन लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि कॉलोनी को बसे कई साल हो चुके हैं। अधिकतर लोगों के पास सारे दस्तावेज हैं और अनेकों लोगों का सर्वे भी हो चुका है। ऐसे में उन्हें मकान मिलने चाहिएं। प्रशासन ने उन्हें काफी कम समय दिया है। इसके बावजूद वह इस कार्रवाई के विरोध में कानूनी उपाय भी ढूंढ रहे हैं।
1500 से 2000 हजार झुगिगयां
यहां बता दें कि सेक्टर 25 में 1500 से लेकर 2 हजार के करीब झुग्गियां और कच्चे मकान हैं। इन्हें एस्टेट ऑफिस कभी भी गिरा सकता है। रविवार को इंडस्ट्रियल एरिया की कॉलोनी नंबर 4 को ढहाया गया था। इस दौरान करीब 2 हजार पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी और धारा 144 भी लगाई गई थी। एस्टेट ऑफिस की ड्राइव काफी शांतिपूर्ण रही थी। भारी मात्रा में पुलिस बल देकर कोई शोर शराबा या प्रदर्शन नहीं हुआ।
पुनर्वास योजनाओं में अब कम मकान बचे
एस्टेट ऑफिस शहर की अवैध कॉलोनियों को धड़ाधड़ गिरा रहा है। लोग बेघर होते जा रहे हैं। बॉयोमीट्रिक सर्वे के आधार पर लोगों को मकान मिलने की संभावना बेहद कम है। चंद ही लोग हैं जिनका सर्वे में नाम आया था। वहीं ऐसी योजनाओं के तहत बनाए गए मकान भी सीमित हैं। कालोनियों में हजारों की तादाद में लोग हैं जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। कॉलोनी नंबर 4 के कई परिवार गांवों का रूख कर चुके हैं। कुछ लोगों ने किराये पर मकान ले लिया है।
जनता कालोनी व संजय कालोनी का लिया जायजा
प्रशासन के स्वास्थ्य सचिव व चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के सीईओ ने बुधवार को जनता कालोनी और संजय कालोनी का दौरा किया था। उन्होंने वहां स्थिति का जायजा लिया कि कितने मकान हैं और कितने लोग यहां रह रहे हैं। काफी समय तक वह कर्मचारियों व अन्य अफसरों के साथ जायजा लेते रहे।