राजपत्रित अधिकार के ओहद हटाया गया .. आंध्रा सरकार का सनसनी फैसला
Gazetted rights removed
( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
अमरावती : Gazetted rights removed: (आंध्र प्रदेश) आंध्र तेलगु देशम एनडीए घटक सरकार ने एक सनसनीखेज फैसला लिया है। अब से सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में लाल कालीन नहीं दिखेंगे। पोडियम खत्म हटा दिया जाएगा कहा।
सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों में पीढ़ियों से चले आ रहे शाही नियमों को तोड़ते हुए एपी सरकार ने दोस्ताना शासन की शुरुआत कहा है ... लेकिन जो व्यवस्था वर्तमान कायम है उसे पर कई प्रतिक्रियाएं भी आ रही है ..?
-- -- इसको बॉक्स में ले लेना-----
लोग तुगलक की फरमाना कहा ।
रजिस्टर संपत्ति मालिकाना वा पैतृक संपत्तियों जैसे घरोहर को पहचान देने वाला एक वरिष्ठ अधिकारी माना जाता है जिसकी कद को बढ़ाएं रखने के लिए यह व्यवस्था संवैधानिक ढंग से जरूरी है .सामने वाले को यह महसूस ना हो बाबू गिरी जैसे बैठने से उसे व्यवस्था की गरिमा खत्म हो जाती है अगर ऐसी बात है तो मुख्यमंत्री को भी सामान्य क्लर्क के आधार पर ही बैठना चाहिए एक मीटिंग हॉल के सिवा उसको भी सामान्य बाबू जैसा रहना चाहिए लेकिन नहीं होता है ऐसा क्यों वरिष्ठता और आवरिष्टता का फर्क दिखाना ही प्रमुख व्यवस्था है कहा जिस पर प्रतिक्रियाएं भी बहुत आ रहे हैं।
न्यायालय में जज की तरह बैठने वाले सब-रजिस्ट्रार के बैठने का तरीका बदलेगा। सभी सरकारी दफ्तरों की तरह सब-रजिस्ट्रार दफ्तर ने भी इसे सादगीपूर्ण बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं। सभी दफ्तरों में लाल कालीन और पोडियम हटाने का फैसला किया गया है। उनका कहना है कि अब तक अपनाई गई प्रक्रिया लोगों का अपमान करने वाली है। अफसरों को साफ कर दिया गया है कि वे लोगों की सेवा करें और अपने काम में लापरवाही न बरतें। साथ ही, अगर काम में देरी होती है... तो लोगों को ताजा पानी, चाय, कॉफी आदि मुहैया कराने के लिए एपी सरकार नया तरीका अपना रही है।
राजस्व विभाग के विशेष मुख्य सचिव सिसोदिया ने सरकार के आदेश पर विजयवाड़ा के गुनादला स्थित उप-पंजीयक कार्यालय में लगे चबूतरे को हटा दिया है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में राज्य भर के सभी पंजीयक कार्यालयों की सूरत बदल दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पुराने तौर-तरीके लोगों को शर्मिंदा कर रहे थे। सिसोदिया ने कहा कि लोगों के लिए शालीनता से काम करना हर सरकारी अधिकारी की जिम्मेदारी है। कुल मिलाकर लोग सरकार के फैसले से खुश हैं।
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