दिल्ली यूटी गेस्ट हाउस में सात साल से जमा एक अधिकारी
Delhi UT Guest House
1 जनवरी 2016 से लेकर 3 मार्च 2021 तक ले चुका है 67 लाख 65 हजार 817 रुपये की सैलरी
द्द ऑडिट विभाग लगातार लगा रहा है सैलरी को लेकर ऑब्जेक्शन क्योंकि सैलरी असिस्टेंट सेक्रेट्री, एसटीए के अकाऊंट से दी जा रही
द्द असिस्टेंट सेक्रेट्री, एसटीए का काफी देर से पद खाली, काम हो रहा प्रभावित
अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
चंडीगढ़, 29 अक्तूबर। चंडीगढ़ प्रशासन का दिल्ली की टेलीग्राफ लेन पर एक गेस्ट हाऊस है। इस गेस्ट हाऊस में प्रशासन ने एक ऐसे अफसर की तैनाती कर रखी है जिसकी सैलरी चंडीगढ़ एसटीए ऑफिस के असिस्टेंट सेक्रेटरी, एसटीए के अकाउंट से दी जा रही है। 1 जनवरी 2016 से लेकर 3 मार्च 2021 तक इस अफसर को अब तक 67 लाख 65 हजार 817 रुपये की सैलरी इस अकाउंट से दी जा चुकी है। वहीं हैरानी वाली बात यह है कि एसटीए ऑफिस में असिस्टेंट सेक्रेट्री है ही नहीं जिससे यहां का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस पद को भरे जाने की प्रशासन को परवाह नहीं लेकिन दिल्ली बैठे अफसर को सैलरी समय पर पहुंचाने का पूरा इंतजाम है। सबसे प्रमुख बात है कि प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित सहित तमाम बड़े प्रशासनिक अफसर सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के आदेश पर एक जगह जमे अफसरों व कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश दे चुके हैं। इसकी कसरत चंडीगढ़ प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों ने पूरी की लेकिन इन जनाब को हटाने की किसी ने अभी तक हिम्मत नहीं दिखाई। बताया जा रहा है कि यह अधिकारी दिल्ली से ही ताल्लुक रखते हैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस अधिकारी की अलग-अलग मंत्रालय में लायजनिंग है लिहाजा इसी पहचान के बूते इन्हें वहां रखा गया है क्योंकि प्रशासन के तमाम अर्जेंट लैटरों को लेकर इन्हें ही भेजा जाता है लिहाजा ऐसा अफसर तो उल्टा प्रशासन की मदद कर रहा है।
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आरटीआई में एसटीए आफिस की कुछ जानकारियां आरटीआई एक्टीविस्ट की ओर से मांगी गई थी जिसमें यह अहम खुलासा हुआ है। ऑडिट विभाग ने असिस्टेंट सेक्रेट्री, एसटीए के पद से सैलरी भेजे जाने पर सख्त ऐतराज जताया है। यह ऐतराज एक बार नहीं बल्कि दो बार जताया गया है। इसको लेकर चंडीगढ़ प्रशासन व एसटीए विभाग से जवाब भी मांगा गया था। विभाग ने जवाब दे भी दिया था लेकिन इस जवाब से ऑडिट वाले संतुष्ट नहीं हुए।
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दिल्ली में यूटी के गेस्ट हाऊस में यह अफसर बीते सात साल से सेवाएं दे रहा है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के आदेशों को भी इस अफसर की तैनाती धत्ता बता रही है क्योंकि 3 साल से ज्यादा समय तक एक जगह तैनात अफसरों को तुरंत बदलने के आदेश केंद्रीय विजिलेंस कमीशन की ओर से जारी हो चुके हैं। ऑडिट विभाग की ओर से दूसरा ऐतराज असिस्टेंट सेक्रेट्री, एसटीए की सैलरी से पैसा दिये जाने को लेकर लगाया गया है। कहा गया है कि चंडीगढ़ एसटीए के दफ्तर में असिस्टेंट सेक्रेट्री की पोस्ट पर कोई तैनाती काफी देर से नहीं है जिसकी वजह से काम प्रभावित हो रहा है, उल्टा इस पोस्ट की सैलरी दूसरे अफसर को दी जा रही है। अफसर कह रहे हैं कि यह तैनाती पर्सनल डिपार्टमेंट की ओर से की जाती है। यह अफसर क्योंकि दिल्ली के रहने वाले हैं व दिल्ली सरकार में मुलाजिम हैं लिहाजा उनकी तैनाती यूटी गेस्ट हाऊस में डेपूटेशन के तौर पर की गई है। ईयर वाइस इस पद पर एक्सटेंशन दी जाती है। जिस पे स्केल में यह अफसर दिल्ली सरकार में है, उसी पोस्ट के बराबर की पोस्ट से सैलरी दी जा रही है। दिल्ली के होने के नाते लंबे समय से विभिन्न मंत्रालयों व दफ्तरों में अच्छा संपर्क रखते हैं जिसके चलते चंडीगढ़ प्रशासन की लायजनिंग का काम भी यही देखते हैं। प्रशासन की जरूरी फाइलों को आगे यही लेकर जाते हैं।
केवल सेंसटिव पोस्ट पर लागू होता है नियम: संधू
डायरेक्टर हॉस्पीटेलिटी हरजीत संधू का इस मामले में कहना है कि तीन साल तक एक जगह टिकने का नियम केवल सेंसटिव पोस्टों के लिए है। इस अफसर की तैनाती डिप्टी रेजीडेंट कमीशनर के पद पर है। उनके जिम्मे कई काम हैं। इसमें चैक करने वाली बात है कि क्या यह सेंसटिव पोस्ट के अगेंस्ट तैनाती है? उनका कहना है कि जिस पोस्ट के अगेंस्ट उन्हें सैलरी दी जा रही है, उसके खाली होने से कोई काम प्रभावित नहीं हो रहा।