Haryana : गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखा जाएगा एक शिक्षण संस्थान का नाम : मनोहलाल
An educational institution will be named after Guru Gorakhnath
An educational institution will be named after Guru Gorakhnath : चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की संतों व महापुरुषों की राज्य स्तर पर जयंती मनाने की परंपरा की कड़ी में आज करनाल में गुरु गोरक्षनाथ स्मृति उत्सव भव्य तरीके से मनाया गया। इस राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणाओं की झड़ी लगाकर योगी समाज को कृतार्थ किया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में एक शिक्षण संस्थान का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर, रोहतक में गुरु गोरखनाथ के नाम पर एक पीठ (चेयर) स्थापित की जाएगी, जो उनके जीवन और उनकी शिक्षाओं पर शोध करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि नाथ संप्रदाय के लोगों को पुजारी-पुरोहित कल्याण बोर्ड में शामिल किया जाएगा।
अब नगर निकायों में भी बीसी (ए) वर्ग को मिलेगा आरक्षण
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में बीसी (ए) वर्ग को आरक्षण प्रदान किया था। अब नगर निकायों में भी इसी तर्ज पर बीसी (ए) वर्ग को आरक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को बाबा गोरखनाथ की शिक्षाओं से अवगत करवाने के लिए गुरु गोरखनाथ की जीवनी व उनकी शिक्षाओं का उल्लेख स्कूली पाठ्यक्रम में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारंपरिक वाद्य यंत्र वादक, जो एक आयु के बाद वाद्य यंत्रों को बजाने में सक्षम नहीं रहते, उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार विशेष रूप से पेंशन योजना तैयार कर रही है, जिसका जल्द ही उन्हें लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योगी समाज जहां सहमति प्रदान करेगा, उन शहरों में गुरु गोरखनाथ के नाम पर चौक या मार्गों का नाम रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि योगी समाज के लोग अपनी धर्मशालाओं की सूची प्रदान कर दें, जहां भी जो आवश्यकता होगी उसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योगी या घुमंतु समाज के जिन परिवारों में किसी सदस्य की सरकारी नौकरी नहीं है, ऐसे परिवारों के बच्चों को सरकारी नौकरी में अतिरिक्त 5 अंक देने का प्रावधान किया गया है।
समाज की कुरीतियों को दूर करने में संत-महापुरुषों का अतुलनीय योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की कुरीतियों को दूर करने में हमारे संत-महापुरुषों का सदैव अतुलनीय योगदान रहा है। उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, इसलिए समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने संत-महापुरुषों की शिक्षाओं का प्रचार करने हेतु संत-महापुरुष सम्मान एवं प्रचार-प्रसार योजना बनाई है। इस योजना के तहत सभी संत-महापुरुषों की जयंतियां सरकारी तौर पर मनाई जा रही हैं। आज का यह स्मृति उत्सव भी इसी कड़ी में आयोजित किया गया है।
राज्य सरकार ने बेटियों को बचाने व उनकी शिक्षा के लिए किए अथक प्रयास
श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने बेटियों को बचाने व उनकी शिक्षा के लिए अथक प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाकर प्रदेश सरकार ने लिंगानुपात में सुधार लाया है। बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने 72 कॉलेज खोले हैं, जिनमें से 42 केवल महिलाओं के लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने समाज के अंतिम व्यक्ति के आत्मसम्मान को बढ़ाने का काम किया है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत उनके अति गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया गया है। हम लोगों को स्वाभिमानी बना रहे हैं। इसलिए काम के बदले वोट, इस प्रकार की परंपरा को तोडऩे की आवश्यकता है। इसके लिए पूरे समाज को एक साथ एक नेतृत्व में आगे बढऩा होगा। इस अवसर पर अलवर से सांसद महंत बालक नाथा तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री ओपी धनखड़ ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया और इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उत्सव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्य डॉ हंसराज, महंत शिवनाथ सहित बड़ी संख्या में हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से आए योगी समाज के लोग उपस्थित थे।
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