बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उत्पीडन के विरोध में पलवल में निकाली आक्रोश रैली
Atrocities and Oppression of Minorities in Bangladesh
आक्रोश रैली में संत समाज और प्रबुद्ध लोगों ने लिया हिस्सा
हजारों की संख्या में लोगों ने हाथों में तख्तियां और भगवा पताका लहराते हुए आक्रोश रैली में हुए शामिल
पलवल। दयाराम वशिष्ठ: Atrocities and Oppression of Minorities in Bangladesh: पलवल में रविवार को सर्व हिंदू समाज की ओर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न के विरोध में रेलवे रोड स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में एकत्रित होकर आक्रोश रैली का आयोजन किया। जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने हाथों में तख्तियां और भगवा पताका लहराते हुए भाग लिया। आक्रोश रैली महाराज अग्रसेन मीनार गेट चौक से होते हुए आगरा चौक से लोकनिर्माण विभाग विश्रामगृह तक पहुंची। जहां जिला उपायुक्त हरीश कुमार वशिष्ठ को महामहिम राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा के महासचिव आदि के नाम ज्ञापन सौंपा।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक विशेष कर हिंदू समुदाय पर हो रहे गंभीर अत्याचारों तथा हिंदू मंदिरों को तोडे जाने से दुःखी सनातनी हिन्दू समाज की ओर से आयोजित आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में सन्त समाज तथा सन्तों ने हिस्सा लिया। मंच से लोगों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश के अंदर वहां का अल्पसंख्यक समुदाय जैन बौद्ध सिख इसाई हिंदू सभी असुरक्षित और भयंकर थे वहां हो रहे दंगों में विशेष कर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इन हमलों से नए केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार खतरे में है बल्कि यह गहरी मानवीय त्रासदी बन गई है। वहां की कार्यकारी सरकार अल्पसंख्यकों को की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। ऐसा लग रहा है कि वहां प्रशासन कट्टरपंथियों के हाथों में है सेना व पुलिस अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की बजाय कट्टरपंथियों के इशारों पर काम कर रही है। हिंदुओं को वहां चुन चुन करके निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए भारत सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा को तुरंत कठोर कदम उठाकर हिंदुओं की तथा मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। सांतिपुर तरीके से वहां की घटनाओं का विरोध करने पर इस्कॉन मंदिर के पूज्य संत चिन्ह में कृष्ण दास को तुरंत रिहा कराया जाए।
बांग्लादेश में हो रही हिंदू हॉस्पिटल की घटनाओं के विरोध में आयोजित सभा में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिस प्रकार 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने मानवीय आधार पर दखल देकर अपनी सेना को बांग्लादेश में उतारकर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराने का काम किया था। जब उसे समय की प्रधानमंत्री मुसलमान पर हो रहे उत्पीड़न और अत्याचारों के खिलाफ सी को उतार सकती है तो वर्तमान प्रधानमंत्री हिंदुओं पर वहां पर हो रहे मानवीय अत्याचारों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं। आक्रोश रैली को पंचवटी मन्दिर के महामंडलेश्वर कामता दास, महामंडलेश्वर स्वामी रामतीर्थ, हरि बोल आश्रम के महामंडलेश्वर रामतीर्थ महाराज, भाजपा जिला महासचिव राजेंद्र सिंह बैंसला, 52 पाल के पंच अरुणसिंह जैलदार, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष मुनीष भारद्वाज एडवोकेट, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सतबीर सिंह पटेल आदि ने सम्बोधित किया।