क्रोधी व्यक्ति को अपनी गलती नहीं दिखाई देती, इसलिए सहनशील बने-विशंक सागर महाराज
An Angry Person Cannot
चंडीगढ़। An Angry Person Cannot: दिगंबर जैन संत विशंक सागर महाराज का कहना है कि क्रोध व्यक्ति को उसका लक्ष्य हासिल करने में बड़ी बाधा है क्योंकि क्रोधी व्यक्ति को उसकी गलतियां दिखाई नहीं देती। उन्होंने सहनशीलता और क्षमाशील इंसान बनने की शिक्षा दी।जैन संत विशंक सागर जी महाराज चंडीगढ़ सेक्टर 27 स्थित जैन मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने क्षमाशील औऱ सहनशील बनने की शिक्षा यहां पर नोएडा, मेरठ, दिल्ली और मध्यमप्रदेश रायपुर, सहारनपुर अन्य स्थानों से आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि क्षमाशील व्यक्ति हमेशा ही महानता को प्राप्त करता है, लोहा जितना पतला होगा, उतनी ही जल्दी गर्म हो जाता है, उसी तरह से व्यक्ति जितना ज्यादा सहनशील होगा, उसके अंदर क्षमा उतनी ही ज्यादा होगी। जो व्यक्ति वजनदार होगा उसके अंदर सहनशीलता भरी होगी जबकि जो हल्का होगा व उतना ही क्रोधी अभिमानी होगा असहिष्णु होगा, उबलते हुए पानी में जिस तरह से अपना चेहरा दिखाई नहीं देता, उसी तरह से क्रोधी व्यक्ति को अपनी गलती नजर नहीं आती इसलिए जीवन में हमेशा ही सहनशील और क्षमाशील बनकर रहो यह मानव जाति का स्वभाव है।मौन के फायदे और बच्चों में संस्कार जैन मंदिर में ही प्रवास कर रहे जैन संत क्षेमंकर नंदी महाराज ने अपने संबोधन में श्रद्धालुओं को मौन के फायदे बताए और कहा कि बोलने से ज्यादा अच्छा है कि हम अच्छे श्रोता बन जाएं। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही हमे बच्चों में उच्च संस्कार देने चाहिएं ताकि वे शांत रहे और दूसरे की बात सुने, उन्होंने कहा कि हमेशा ही मौन से फायदो होगा और व्यक्ति को अपने विकार और कमियां देखने का मौका मिलता है, इसके विपरीत जो व्यक्ति मौन नहीं रह सकते उनके साथ में कईं प्रकार के विवाद खड़े हो जाते हैं, अधिकांश विवाद ज्यादा बोलने के कारण ही होते हैं, अगर व्यक्ति मौन के लाभ समझ ले तो उसका जीवन और ज्यादा आसान हो जाएगा। इसके साथ ही वो व्यक्ति समाज के लिए भी अच्छा होगा साथ ही अपने काम को भी बेहतर ढंग से कर सकेगा।
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