इंस्पेक्टर विजय बनकर फ्लॉप से सुपरस्टार बने थे अमिताभ बच्चन, जानें किस्से

इंस्पेक्टर विजय बनकर फ्लॉप से सुपरस्टार बने थे अमिताभ बच्चन, जानें किस्से

50 Years Of Zanjeer

50 Years Of Zanjeer

नई दिल्ली। 50 Years Of Zanjeer: जंजीर फिल्म को रिलीज हुए 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। यह फिल्म अपने आप में ऐतिहासिक है। इस फिल्म ने बॉलीवुड का रुख बदल दिया था। इसके पीछे कारण यह है कि फिल्म से कई ऐसे कलाकार, लेखक-निर्देशक सुपरहिट हुए थे, जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक फिल्म दी है। ऐसे ही एक अवसर पर जावेद अख्तर ने इस बात का खुलासा किया था कि अमिताभ बच्चन जंजीर के लिए अंतिम विकल्प थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका रोल धर्मेंद्र इनकार कर चुके थे।

अमिताभ बच्चन की जंजीर ने उनके करियर को एक नया आयाम दिया (Amitabh Bachchan's Zanjeer gave a new dimension to his career)

1973 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर ने उनके करियर को एक नया आयाम दिया। इसके पहले अमिताभ बच्चन की एक के बाद एक कई फिल्में फ्लॉप हुई थी। उन्हें कैमियो रोल मिल ही रहे थे और उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थी। वहीं, एक फिल्म से तो उन्हें बीच में से ही निकाल दिया गया था ताकि किसी सेलेबल स्टार को लिया जाए। हालांकि, 3 लोगों ने उनकी जिंदगी बदल दी। इसमें दो स्क्रिप्ट राइटर और एक निर्देशक शामिल है। जिन्होंने यह तय किया कि वह फिल्म इंडस्ट्री में रहेंगे और टॉप पर पहुंचेंगे। इन तीनों का नाम सलीम खान, जावेद अख्तर और प्रकाश मेहरा है।

जंजीर से अमिताभ बच्चन बने एंग्री यंग मैन (Amitabh Bachchan became an angry young man from Zanjeer)

इन तीनों ने मिलकर बॉलीवुड को एंग्री यंग मैन दिया और यह अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर से संभव हो पाया। जब अमिताभ बच्चन को ये रोल ऑफर हुआ। इसके पहले कई लोगों ने इस रोल को करने से मना कर दिया था। इसके बाद यह फिल्म अमिताभ बच्चन के पास पहुंची और उन्होंने इसे करने का निर्णय लिया। जंजीर की वजह से अमिताभ बच्चन सफल हुए।

धर्मेंद्र ने किन्हीं कारणों से फिल्म में काम करने से कर दिया मना (Dharmendra refused to work in the film due to some reasons)

जावेद अख्तर ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में इसके पीछे की कहानी भी बताई है। उन्होंने कहा, 'अमिताभ बच्चन जंजीर के लिए अंतिम विकल्प नहीं थे। यह कहानी धर्मेंद्र के लिए लिखी गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने इसमें काम करने से मना कर दिया। प्रकाश मेहरा के पास कहानी थी लेकिन कोई अभिनेता नहीं था। वह फिल्म का निर्माण भी कर रहे थे। वह पहली बार ऐसा कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने सिर्फ निर्देशन किया था। उन्होंने कई कलाकारों को इस रोल के लिए अप्रोच किया। उनमें से तो कुछ अब इस दुनिया में भी नहीं है। सभी ने इस रोल को करने से मना कर दिया था।"

राजेश खन्ना समझे जाते थे भगवान (Rajesh Khanna was considered as God)

जावेद अख्तर आगे कहते हैं, "मैं समझ सकता हूं कि उन्होंने इस रोल को करने से क्यों इनकार किया। राजेश खन्ना का दौर था, जो भगवान समझे जाते थे। जिनकी फिल्मों में म्यूजिक अच्छा होता था। जबकि जंजीर में ना तो कोई रोमांटिक गाना था और ना ही कॉमेडी थी। यहां हीरो गाना भी नहीं गाता था। पहली फ्रेम से आखरी फ्रेम तक उसे गंभीर और एक कटु मुद्रा में होना था। पर्दे पर ऐसा कभी देखा नहीं गया था। इसी के चलते सभी ने इस रोल को करने से मना कर दिया था।"

प्रकाश मेहरा ने फिल्म जंजीर बनाने की बात ठान रखी थी (Prakash Mehra was determined to make the film Zanjeer)

जावेद अख्तर आगे कहते हैं, 'प्रकाश मेहरा को मैं सलाम करता हूं। उन्होंने फिल्म बनाने की बात ठान रखी थी। उन्होंने इसे नहीं छोड़ा। मैं उन्हें लगातार कहता था कि आप अमिताभ बच्चन को ले लो लेकिन उनकी फिल्में चल नहीं रही थी। इसके चलते यह कोई अट्रैक्टिव प्रपोजल भी नहीं था। हालांकि, अंत में प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को ले लिया लेकिन जब फिल्म की कहानी लिखी गई। तब हमारे दिमाग में अमिताभ बच्चन नहीं थे। सीन में भी नहीं थे।"

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