अमरजीत नौरा ग्रुप पेंशन और रिटायरमेंट एज के मुद्दे पर मांगेगा समर्थन
Punjab University Teachers Association elections
पूटा चुनाव 3 सितंबर को
चंडीगढ़, 31 अगस्त : Punjab University Teachers Association elections: पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) चुनाव को लेकर अमरजीत नौरा-मृत्युंजय पैनल ने आज अपना घोषणा-पत्र जारी करते हुए ओपीएस लागू कराने और रिटायरमेंट एज 65 साल कराने को अपनी टाप प्राथमिकता में रखा है। प्रोफेसर नौरा ने कहा कि पंजाब ओपीएस की घोषणा तो कर चुका है मगर अभी तक इसके लिये एसओपी नहीं तैयार किया जिससे इसे लागू करने में देरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी टीम फैकल्टी का एरियर जल्द रिलीज कराने और करिअर एडवांस्टमेंड स्कीम (कैस) के मामलों में तेजी लाने, डेंटल फैकल्टी प्रमोशन पॉलिसी, पीएचडी इनक्रीमेंट बहाल कराने, बोर्ड आफ फाइनांस से पास्ट सर्विस काउंट की अप्रूवल कराने, सेंट्रल अलाउंस/सेंट्रल पे स्केल, डीन रिसर्च और डीयूआई के ओहदे पर सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति के लिये दबाव बनाना, कैंपस में ट्रैफिक रेगुलेशन और सुरक्षा पर फोकस करेगी। पूटा प्रधान अमरजीत ने बताया कि उनकी ओर से उठाये गये कुछ मुद्दे अभी प्रोसेस में हैं जिनमें सातवें वेतन आयोग के एरियर की 175 करोड़ की राशि शामिल है। 23 फरवरी को इस बारे में यूजीसी को बजट बढ़ाने को लिखा था जिस पर बजट को 294 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 346 करोड़ रुपए कर दिया गया। हालांकि उन्होंने ओबीसी आरक्षण के मसले पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि मामला अभी विचाराधीन है, जो भी फैसला होगा वे उसके साथ हैं। इसे लेकर कई मीटिंग हो चुकी हैं और मामले सिरे चढ़ने वाला है। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर रेनू विग के सकारात्मक रवैये की सराहना की और कहा कि वे हर मसले पर फैकल्टी के हितों को ध्यान में रखकर पॉज़िटिव फैसले ले रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी कुछ पेपर वर्क बकाया है जिसके बाद टीचर्स का एरियर रिलीज हो जाएगा।
डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अब बढ़े डीए के साथ इसमें बढ़ोतरी की मांग की जायेगी। उन्होंने गेस्ट हाउस की बुकिंग आनलाइन पोर्टल लांच किये जाने को एक उपलब्धि है। हालांकि अभी कंस्ट्रक्शन विभाग के लिये आनलाइन सिस्टम लागू कराने, बैलेंस अर्जित अवकाश का पीरियोडिक ऑडिट, कैस के मामलों में तेजी, मेडिकल के लिये प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस सुविधा, दो टीचर्स फ्लैट को एक में मर्ज करना आदि अभी प्रोसेस में हैं।
नौरा टीम ने पिछले सात की उपलब्धियों को भी गिनाया जिनमें पीएचडी इन्क्रीमेंट दिया जाना, कैस के 200 केस हल कराना, ग्रेच्युटी 10 लाख से बढ़ाकर 20 करवाना, अर्जित अवकाश 300 दिन कराना, 25 साल की सेवा पर फुल पेंशन, सीसीएल यानी चाइल्ड केयर लीव, मनमर्जी से विभागों का एकीकरण रोकना, 60 साल के बाद पीएफ का डिस्बर्सल, कोविड-19 में मेडिकल सेवा, आनलाइन कक्षाएं लगाना, सेक्टर-25 में ओपन एयर जिम लगाना, टी-1 फ्लैट का काम पूरा कराना और अलाट कराना, प्रॉपर्टी रिटर्न जैसा फैसला वापस कराना आदि प्रमुख तौर पर शामिल हैं। उनकी टीम से प्रधान के लिये अमरजीत नौरा, सचिव मृत्युंजय कुमार, उप-प्रधान सिमरन कौर, संयुक्त सचिव सुरिंदर पाल सिंह और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार के नाम शामिल हैं।
अमरजीत नौरा के खिलाफ अशोक-कुलविंदर गुट इस बार चुनौती दे रहा है। लगातार सात साल से सत्ता में रहने के चलते इस बार थोड़ा सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है। फैकल्टी के भीतर एक तबका प्रो. केशव मल्होत्रा के वर्चस्व को खत्म करने पर आमादा है। इस तबके के लिये अशोक पैनल के समर्थन में आ जाने से नौरा ग्रुप को बड़ा झटका भी लग सकता है। हालांकि इस बार पूटा के सुर कुलपति को लेकर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। कुलपति के खिलाफ पूटा ने एक बार भी कोई टिप्पणी नहीं की। इससे उन्हें उनके समर्थक माने जाने वाले टीचर्स का भी अच्छा खासा समर्थन मिल सकता है।
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