आध्रा राज्य की एकमात्र राजधानी अमरावती होगा : नायडू सरकार

आध्रा राज्य की एकमात्र राजधानी अमरावती होगा : नायडू सरकार

Amaravati will be the sole capital of Andhra state

Amaravati will be the sole capital of Andhra state

( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

  नई दिल्ली :Amaravati will be the sole capital of Andhra state : आंध्र प्रदेश सरकार ने अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी के रूप में विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट में 16 पन्नों का हलफनामा पेश किया है।     

        यह पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के तीन राजधानियों के (विकेंद्रीकरण प्रशासनिक व्यवस्थाकार्यालयों का प्रस्तावना था )  अमरावती के पक्ष में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसलों के बाद आया है।
हाल ही में हुए राज्य चुनावों के बाद, नवगठित गठबंधन सरकार ने आधिकारिक तौर पर अमरावती को एकमात्र राजधानी घोषित किया और उसके अनुसार विकास परियोजनाएं शुरू कीं। मुख्य सचिव नीरव कुमार प्रसाद ने हलफनामा दाखिल किया, जिसमें राजधानी के मास्टर प्लान को लागू करने और लैंड पूलिंग योजना के तहत जमीन सौंपने वाले किसानों के लिए सभी कानूनी दायित्वों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।

सरकार ने तीन साल के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास को पूरा करने और किसानों को पूरी निर्माणयुक्त सुविधाओं के साथ वापसी योग्य भूखंड देने का वादा किया। इसने उच्च न्यायालय के पिछले फैसलों और सुप्रीम कोर्ट के किसी भी भविष्य के निर्देशों का पालन करने का भी आश्वासन दिया।

इन प्रतिबद्धताओं के मद्देनजर, आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राजधानी मुद्दे से संबंधित लंबित विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई समाप्त करने का अनुरोध किया, जिसमें कहा गया कि वह न्यायिक निर्देशों का सम्मान करती है।
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         क्या जस्टिज शिवराम कृष्णन कमेटी की रिपोर्ट अमल नहीं होगा .. ?

     सरकार का भले यह एक अच्छी सोच का परिणाम मानते हैं लेकिन वस्तु स्थिति इसवर्ष के पिछले अप्रत्याशित बाढ़ प्रभावित के बाद के बाद कई लोगों ने निवेश किया और निवेश करने की सोच थी इनमें कमी आई क्योंकि राज्य केसचिवालय और हाईकोर्ट में भी बाढ़ का प्रभाव दिखाइस समय लोगों ने आकलन कर लिया था कि शिवराम क्रिश्चियन कमेटी इसी के एक वजह से इस क्षेत्र को राजधानी घोषित करने के बजाय दोनोंकोंड क्षेत्र को राजधानी बनाने का प्रस्ताव किया और वहां पर 3000 एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीन भी है जिससे निर्माण में खर्च भी काम आएगा यह सुझाव भी दिया था और पेयजल की पूर्ति के लिए कृष्णा नदी सेलिफ्ट सिस्टम से दोनकोंडा तक उपयोग में लाया जा सकता है यह भी सुझाव निर्धारित किया था 
          लेकिन बाद में शिवराम कृष्टणन कमेटी रिपोर्ट को मध्य नजर रखते हुए वाईएसआरसीपी सरकार ने प्रशासनिक विकेंद्रीकरण से तीनों प्रांत के विकास के उद्देश्यसे राज्य की लंबी राज्य की सीमाइधर उड़ीसा उधर कर्नाटक तमिलनाडु तक होने के वजह से अमित को देखकरतीन प्रांत में प्रशासनिक विकेंद्रीकरण राजधानीकी व्यवस्था बनाई थी और लगभग विशाखापट्टनम में सारे भावनाओं का निर्माण भी किया जा चुका है  लेकिन चुनाव में गतसरकार हारने के बाद तेलुगु देशम एनडीए बनने के बाद पुनः फिर वही अमरावती क्षेत्र को राजधानी घोषित किया अब देखना यह है जनता का रूप कैसे और पक्ष को समर्थन करता है ..?