Allegations on the president of wrestling association are serious

Editorial: कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर आरोप गंभीर, सरकार कराए जांच  

Allegations on the president of wrestling association are serious

Allegations on the president of wrestling association are serious

Allegations on the president of wrestling association are serious- ओलंपिक पदक विजेता खिलाडिय़ों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं केसरगंज से सांसद बृजभूषण महिला पर यौन शोषण के जो आरोप लगाए हैं, वह बेहद गंभीर हैं। यह तब है, जब हरियाणा में भी पूर्व खेल मंत्री के ऊपर एक महिला कोच की ओर से छेड़छाड़ आदि के आरोपों की जांच जारी है। देश की सबसे प्रतिष्ठित फोगाट परिवार की बेटी विनेश फोगाट का यह आरोप बेहद सनसनीखेज है कि अध्यक्ष और कई अधिकारी महिला पहलवानों का यौन शोषण करते हैं।

विनेश का यह भी आरोप है कि उन्हें अध्यक्ष के इशारे पर जान से मारने की धमकी दी गई, क्योंकि उन्होंने तोक्यो ओलंपिक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन मुद्दों पर बात करने की हिम्मत की थी। उनका यह भी कहना है कि 20 महिला पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है। हालांकि अभी उनके नाम उजागर नहीं किए जा सकते, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलने के बाद उनके नाम जरूर उजागर किए जाएंगे।

यह सवाल सबके दिमाग में कौंध रहा है कि आखिर देश में चल क्या रहा है। खेलों के अंदर हद दर्जे का भ्रष्टाचार है, प्रतिभावान खिलाडिय़ों को मौके नहीं मिलते, जबकि सिफारिशी लोगों को आगे बढ़ा दिया जाता है। फिल्म दंगल में ऐसे भी दृश्य थे, जब यह जाहिर किया गया कि किस प्रकार सीनियर या फिर कोच एवं अन्य स्तर के खिलाड़ी महिला खिलाडिय़ों का शोषण करने के संकेत देते हैं। यह अब कोई छिपी बात नहीं रही है कि ऐसा हो रहा है।

महिला कुश्ती खिलाडिय़ों के इन आरोपों ने खेल जगत को हिला दिया है, वहीं देश की राजनीति में भी भूकंप आ गया है। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं, क्या यह किसी साजिश का हिस्सा है? आखिर क्यों एकाएक यह सारे मामले सामने आने लगे हैं।

मालूम हो, अध्यक्ष की ओर से अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया गया है, लेकिन यह जांच का विषय है। 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने जाने वाले सिंह 2011 से ही संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं। गोंडा के बृजभूषण शरण सिंह की छवि दबंग नेता की है। वह मंच पर एक युवक को थप्पड़ भी मार चुके हैं। इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई थी, लेकिन बृजभूषण पर पहलवानों के आरोप गंभीर हैं।

एथलीट देश की शान हैं। दुनियाभर में वह तिरंगे का मान बढ़ाते हैं। वे देश का गौरव बढ़ाने के लिए जान की बाजी लगाते हैं, लेकिन आज धरने के लिए मजबूर हैं। मैट पर धाकड़ पहलवानों को धूल चटाने वाले विनेश अगर रो रही हैं, तो यह बेहद मायूस करने वाली बात है। इतना तो सच है कि उन्होंने यूं ही नहीं यौन शोषण का आरोप लगाया होगा। कुछ तो जरूर सच्चाई होगी। इसकी जांच होनी चाहिए। कई अन्य पहलवानों का आरोप है कि संघ स्पॉन्सर्स के पैसे हजम कर रहा है। साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर खेल संगठनों में राजनीतिक का क्या काम है? उनका खेल से दूर-दूर तक नाता नहीं होता, लेकिन इसके बावजूद टीम सिलेक्शन पर उनका बड़ा प्रभाव होता है। अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं और कुछ समय बात मामला या तो दबा दिया जाता है या फिर उतनी तवज्जो नहीं मिलती।

एक ओर क्रिकेट में बदलाव हुआ तो वह सुपर पावर बना, लेकिन दूसरे खेल अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह भी नहीं कि कुश्ती में अध्यक्ष बनने लायक कोई नहीं है। भाजपा में ही शामिल योगेश्वर दत्त ओलंपिक मेडल विनर हैं तो बेटियों को सूरमा पहलवान बनाने वाले महावीर फोगाट भी अध्यक्ष बनने की योग्यता रखते हैं।

महावीर ने अपनी और भाई की बेटियों गीता फोगाट, बबीता फोगाट, विनेश फोगाट, संगीता और ऋतु को अपने दम पर पहलवान बनाया। सोचिए अगर उनके हाथों में संघ की बागडोर होती तो वह इस खेल में क्रांति ला सकते थे। ये तो सिर्फ दो नाम हैं। कई ऐसे नेशनल खिलाड़ी भी हैं, जो रेसलिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन वह संघ में नहीं हैं। सवाल यह है कि जिस तरह क्रिकेट में बदलाव हुआ क्या उस तरह कभी अन्य खेलों में बदलाव देखने को मिलेगा?

खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे के अंदर इस मामले में जवाब देने को कहा है। मोदी सरकार में खेल के जहां हालात बदले हैं, वहीं पहले की तुलना में खिलाड़ी अब ज्यादा पदक जीत पा रहे हैं। हालांकि इस तरह के आरोप खेल जगत को शर्मसार करने वाले हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि उनके संज्ञान में आज आया है और खिलाडिय़ों के साथ कोई धक्का नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र सरकार को भी इस मामले में अत्यंत गंभीरता से काम करना होगा, यह बेहद चिंता की बात है कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर ऐसे आरोप लगे हैं। इस समय जरूरत उनके इस्तीफा देने की है, या उनसे इस्तीफा लेने की, ताकि इस प्रकरण में जांच प्रभावित न हो और जांच निष्पक्ष हो सके तथा सरकार को भी पूरे मामले की गहन जांच करानी चाहिए। 

 

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