Allahabad High Court on Gyanvapi| ज्ञानवापी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ASI सर्वे पर रोक नहीं, मुस्लिम पक्ष को झटका

ज्ञानवापी पर आ गया बड़ा फैसला; ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जारी किया यह आदेश, हिंदू-मुस्लिम पक्ष में किसकी जीत? देखें

 Allahabad High Court Decision on Gyanvapi ASI Survey

Allahabad High Court Decision on Gyanvapi ASI Survey

Allahabad High Court Decision on Gyanvapi: ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद मामले में ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने ASI सर्वे को हरी झंडी दिखा दी है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

बता दें कि, ज्ञानवापी में ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बेहद अहम था। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष की नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी थीं। दोनों ही अपनी-अपनी जीत की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दे दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष की दलीलों पर गौर करते हुए ज्ञानवापी में ASI सर्वे को मंजूरी दे दी। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ASI सर्वे पर रोक लगा रखी थी और 3 अगस्त तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हाईकोर्ट ने कहा- ASI सर्वे शुरू किया जाए

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे शुरू करने को कहा है। हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला तत्काल प्रभाव से प्रभावी कर दिया है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, हाईकोर्ट में ASI और हमारी तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि, ज्ञानवापी परिसर की संरचना को किसी भी प्रकार से डैमेज किए बिना सर्वे का काम पूरा किया जाएगा। अभी सिर्फ नपाई, फोटोग्राफी और राडार के जरिए सर्वे की प्रक्रिया होगी। जिससे ज्ञानवापी परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। एएसआई की ओर से साफ किया गया कि अगर तोड़-फोड़ की जरूरत होगी तो कोर्ट की मंजूरी ली जाएगी। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, ASI सर्वे का फैसला एक बहुत बड़ा फैसला है और अब सच-झूठ की जो भी स्थिति होगी। सामने आ जाएगी।

यूपी के डिप्टी सीएम बोले- सच्चाई सामने आएगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है। मौर्य ने कहा कि,  मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा। इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि, सत्य पराजित नहीं हो सकता। सत्य ही शिव है।

वाराणसी कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी

मालूम रहे कि, 23 जुलाई को ज्ञानवापी में ASI सर्वे पर वाराणसी कोर्ट का फैसला आया था। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी सर्वे की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने 24 जुलाई सुबह सर्वे का कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन इस बीच मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और ASI सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। जहां मांग पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी 26 जुलाई तक ASI सर्वे पर रोक लगा दी और आदेश दिया था कि मामले में आगे की सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई जाए। इसके बाद जो हाईकोर्ट का फैसला आए उसपर आगे की कार्रवाई हो।