राजीव हत्याकांड के सभी दोषी रिहा, देखें जेल से निकलकर क्या बोली नलिनी
- By Krishna --
- Friday, 11 Nov, 2022

All convicts in Rajiv murder case released
All convicts in Rajiv murder case released : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) हत्याकांड के सभी 6 दोषियों को रिहा कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुबह नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत सभी दोषियों की रिहाई का आदेश दिया था। कोर्ट का आदेश आने के एक घंटे बाद ही उम्रकैद की सजा काट रहे सभी दोषियों की रिहाई हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को इसी केस में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी। नलिनी और रविचंद्रन दोनों 30 साल से ज्यादा का वक्त जेल में गुजार चुके हैं।
रिहाई के बाद नलिनी (Nalini) ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- मैं आतंकवादी नहीं हूं। मैं पिछले 32 सालों से जेल में बंद थी और ये मेरे लिए संघर्ष वाले समय रहे हैं। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया। विश्वास रखने के लिए मैं तमिलनाडु के लोगों और सभी वकीलों को धन्यवाद देती हूं।
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कहा है कि ये मंजूर नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने लेटर जारी कर कहा- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते वक्त देश की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा। फैसला गलतियों भरा हुआ है।
गिरफ्तारी के समय नलिनी गर्भवती थी
जब नलिनी को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब वह गर्भवती थी। उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे। तब सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आया ही नहीं है।
हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने 26 को दिया था मृत्युदंड
राजीव गांधी की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने साजिश में शामिल 26 दोषियों को मृत्युदंड दिया था। मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बरी कर दिया। बचे हुए सात में से चार आरोपियों (नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन) को मृत्युदंड सुनाया और बाकी (रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) को उम्रकैद। चारों की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की मृत्युदंड को उम्रकैद में बदला। बाकी आरोपियों की दया याचिका 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दी।
21 मई 1991 को हुई थी पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या
राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर (Sriperumbudur) में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
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राजीव ने अपने कार्यकाल में श्रीलंका में शांति सेना भेजी थी, जिससे तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) उनसे नाराज चल रहा था। 1991 में जब लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने राजीव गांधी चेन्नई के पास श्रीपेरम्बदूर गए तो वहां लिट्टे ने राजीव पर आत्मघाती हमला करवाया।
महज 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे राजीव गांधी
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस तीन-चौथाई सीटें जीतने में कामयाब रही थी। उस समय कांग्रेस ने 533 में से पार्टी ने 414 सीटें जीतीं। राजीव जब प्रधानमंत्री बने, तब उनकी उम्र महज 40 साल थी। वे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में स्कूलों में कंप्यूटर लगाने की व्यापक योजना बनाई। राजीव गांधी के कार्यकाल में ही जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित हुए। गांव-गांव तक पीसीओ के जरिए टेलीफोन पहुंचे।