AIMIM to Contest on 10-12 Seats in Delhi Assembly Elections

Delhi Elections Updates: दिल्ली विधानसभा चुनाव में AIMIM का धमाका, 10-12 सीटों पर मैदान में उतरेगी पार्टी

AIMIM to Contest on 10-12 Seats in Delhi Assembly Elections

AIMIM to Contest on 10-12 Seats in Delhi Assembly Elections

नई दिल्ली, 8 जनवरी: AIMIM to Enter Delhi Polls with 10-12 Seats: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली विधानसभाचुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की तैयारी कर रही है। पार्टी 10 से 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। AIMIM मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों पर फोकस कर रही है, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रभाव है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और दिल्ली इकाई उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे रहे हैं।

घोषित उम्मीदवार और विवाद

AIMIM ने अब तक दो उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन और ओखला से जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शफूर रहमान को टिकट दिया गया है। बाकी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है। हालांकि, 2020 के दिल्ली दंगों में आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट देने पर विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, और अंत में जनता ही अपना प्रतिनिधि चुनती है।

चुनाव में मुस्लिम बहुल इलाकों पर फोकस

AIMIM ने बाबरपुर, बल्लीमारान, चांदनी चौक, ओखला, जंगपुरा, सदर बाजार, मटिया महल, करावल नगर और सीलमपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों को चुनाव लड़ने के लिए चुना है। इनमें से अधिकांश सीटों पर अभी AAP का कब्जा है, जबकि करावल नगर सीट BJP के पास है।

पार्टी का भविष्य और रणनीति

AIMIM के दिल्ली प्रमुख शोएब जमाई का कहना है कि पार्टी इस बार किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। जमाई ने कहा कि AIMIM उस पार्टी का समर्थन करेगी जो BJP को हराने और भविष्य में भी मुकाबला करने में सक्षम हो।

ताहिर हुसैन पर आरोप

ताहिर हुसैन पर 2020 के दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी बताया था। इन आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी ने उनसे नाता तोड़ लिया था। हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ एक एफआईआर को रद्द कर दिया है।

दिल्ली की राजनीति में छोटे दलों की भूमिका

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब तक छोटे दलों की खास भूमिका नहीं रही है। यह चुनाव मुख्य रूप से AAP और BJP के बीच केंद्रित रहता है। कांग्रेस का वोट शेयर भी लगातार घटा है। AIMIM की एंट्री से इस बार का चुनाव और दिलचस्प होने की संभावना है।

AIMIM की चुनावी रणनीति और उम्मीदवारों की घोषणा से यह देखना अहम होगा कि क्या पार्टी दिल्ली की राजनीति में अपनी जगह बना पाती है या नहीं।