रोजी-रोटी के बाद अब पाकिस्तान में बिजली की मार, 43 रुपये प्रति यूनिट चुकाने होंगे दाम
Pakistan Economy Crisis
Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy Crisis) की फूलती सांस आम लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. आटे से लेकर प्याज जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए पाकिस्तानी लोगों को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. लेकिन मुसीबत यहीं खत्म नहीं हो रही अधिक कीमत पर भी जरूरत की चीजें सभी को नहीं मिल पा रहीं. इस भयावह संकट के बीच पाकिस्तान की जनता पर एक और मार पड़ी है. खाने-पीने की चीजों के लिए कई गुना अधिक पैसा चुकाने वाली जनता अब महंगे बिजली बिल चुकाकर कंगाल हो रही है और हर बीतते दिन के साथ हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
पाकिस्तान में बिजली संकट / power crisis in pakistan
पाकिस्तान में बिजली संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कराची शहर में बिजली की दरों में 3.30 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की है. इसके अलावा अलग-अलग कंज्यूमर कैटेगरी के लिए बिजली दरों में 1.49 रुपये से 4.46 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है.
नए रेट लागू होने के बाद से कंज्यूमर्स को 43 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है. इसपर सरकार बिजली कंपनियों को 18 रुपये प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी भी दे रही है. बिजली संकट से पार पाने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने दिसंबर 2022 में बाजार और रेस्तरां को रात आठ बजे बंद करने का फैसला लिया था.
सरकार दे रही झटका / The government is giving a blow
भारत की तुलना में करीब चार गुना अधिक कीमत बिजली के लिए पाकिस्तान की जनता को चुकानी पड़ रही है. भारत में रेसिडेंशियल बिजली बिल की औसत दर 6 से 9 रुपये प्रति यूनिट है. वहीं, कमर्शियल इस्तेमाल के लिए बिजली की दर औसतन 10 से 20 प्रति यूनिट है. एक तरफ पाकिस्तान की जनता के लिए हर सुबह नई चुनौती लेकर आ रही है. दूसरी तरफ उसकी अपनी सरकार झटके पर झटके दिए जा रही है.
आटे से लेकर दूध की कीमतें आसमान पर / From flour to milk prices skyrocketed
सरकार भी ये मान चुकी है कि देश की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. ताजा हालातों की बात करें तो गेहूं की किल्लत के चलते आटे का दाम 150 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में चिकन 650 रुपये प्रति किलो और दूध 150 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. रसोई गैस सिलेंडर का दाम 10,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुका है. विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर पहुंच जाने के चलते सरकार जरूरी सामानों का आयात करने में सक्षम नहीं है.
कर्ज लेने की आदत ने किया कंगाल / The habit of taking loan made poor
पहले ही बर्बादी की राह पकड़ चुकी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के फेफड़े में 2022 में आई बाढ़ ने ऐसा पानी भरा कि पूरे देश में तबाही मच गई. फिर बाढ़ के उतरते पानी ने पाकिस्तान को भीषण गरीबी और भूखमरी की ओर धकेल दिया. बाकी रही सही कसर वहां की सरकार की नीतियों ने पूरा कर दिया. हुक्मरानों के कर्ज लेने की आदत ने पाकिस्तान की इकोनॉमी को गर्त में पहुंचा दिया. आज पाकिस्तान 290 बिलियन डॉलर के कर्ज के नीचे दबा है.
नकदी के संकट से जूझ रहा पाकिस्तान लगातार विश्व बैंक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और कई देशों के सामने आर्थिक मदद के लिए हाथ फैला रहा है. लेकिन विश्व बैंक ने उसे झटका दे दिया है. वर्ल्ड बैंक ने फिलहाल पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर के लोन को टाल दिया है.
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