नवीन आपराधिक न्याय तकनीकों को अपना, हरियाणा पुलिस बन रही है हाई टेक: डीजीपी हरियाणा

नवीन आपराधिक न्याय तकनीकों को अपना, हरियाणा पुलिस बन रही है हाई टेक: डीजीपी हरियाणा

New Criminal Justice Techniques

New Criminal Justice Techniques

पुलिस मुख्यालय में डीजीपी हरियाणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई 53वीं उच्च स्तरीय स्टेट एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठक

एडीजीपी ओपी सिंह ने संभाली कमान, आईसीजीएस व सीसीटीएनएस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दी जानकारी

आईसीजेएस-सीसीटीएनएस परियोजनाओं में हरियाणा लगातार 3 महीने से देशभर में प्रथम

चंडीगढ़ सितंबर 5 - New Criminal Justice Techniques: हरियाणा पुलिस, भविष्य की बदलती तकनीकी ज़रूरतों को समझते हुए न्याय प्रणाली में अभूतपूर्व बदलाव ला रही है। पंचकुला में पुलिस मुख्यालय में आयोजित 53वीं उच्च स्तरीय स्टेट एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठक में, डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने राज्य भर में लागू की जा रही कई महत्वपूर्ण तकनीकी प्रणालियों का व्यापक मूल्यांकन किया। 

बैठक इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस)-सीसीटीएनएस, नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) और मापन संग्रह इकाइयों (एमसीयू) की स्थापना की प्रगति जैसे मुख्य मुद्दे पर रही। वहीं डीजीपी हरियाणा ने लगातार तीसरी बार अखिल भारतीय स्तर पर जारी नवीनतम (सीसीटीएनएस) प्रगति रैंकिंग में प्रथम स्थान आने पर अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा की। 

सीसीटीएनएस रैंकिंग में हरियाणा लगातार तीन महीने से देशभर में प्रथम, नागरिक सेवा पोर्टल में भी सबसे आगे

राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक, एडीजीपी ओपी सिंह ने बैठक में उपस्थित डीजीपी कपूर और अन्य अधिकारियों  को इन क्षेत्रों में हरियाणा की महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रति माह प्रगति डैशबोर्ड की रैंकिंग जारी की जाती है। उक्त रैंकिंग में हरियाणा प्रदेश आईसीजेएस-सीसीटीएनएस परियोजनाओं को लागू करने व तकनीकी तौर पर विभिन्न मापदंडों में भी सबसे आगे बना हुआ है। इस अवसर पर, डीजीपी श्री शत्रुजीत कपूर ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में हरियाणा पुलिस द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और नवीनतम सीसीटीएनएस प्रगति रैंकिंग में लगातार तीसरे महीने शीर्ष स्थान हासिल करने पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। विदित है कि सीसीटीएनएस डैशबोर्ड राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा विभिन्न मापदंडों पर अपराध रिपोर्ट पेश करता है। 

एफआईआर रजिस्ट्रेशन, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदगी जैसी जानकारी हुई एक क्लिक पर उपलब्ध

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राइट टू सर्विस एक्ट के तहत समय सीमा के भीतर नागरिक सेवाएं प्रदान करने के मामले में पुलिस विभाग विभिन्न विभागों में प्रथम रैंक बनाए हुए है। हरियाणा में ई-सरल/हरसमय पोर्टल पर अब तक 2,64,422 नागरिक सेवा आवेदन पूरे हो चुके हैं।  प्रदेश पुलिस ने पिछले एक महीने में ई-सरल पोर्टल पर प्राप्त कुल 117 शिकायतों में से 113 का समाधान कर लिया है। बैठक में बताया गया कि सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा एफआईआर रजिस्ट्रेशन, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदगी, खोई हुई संपत्ति, फॉरेन रजिस्ट्रेशन, अज्ञात व्यक्ति, पर्यवेक्षण रिपोर्ट, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, जैसी सूचनाएं सीसीटीएनएस के माध्यम से एक ही क्लिक पर उपलब्ध है। वर्तमान में आम जनता को किसी भी सूचना के लिए थाने जाने की आवश्यकता नहीं है व सभी सूचनाओं को ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है। विदित है कि राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सीसीटीएनएस परियोजना लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।

कंप्यूटर सिस्टम होंगे अपडेट, 6 करोड़ से अधिक का किया जा रहा निवेश, फिजिकल सर्वर भी जल्द ही मेघराज पर  होगा स्थानांतरित: निदेशक, एससीआरबी

निदेशक एससीआरबी ने बैठक में बताया कि प्रदेश पुलिस की तकनीकी दक्षता बढ़ाने और डेटा की सुरक्षा के लिए, सीसीटीएनएस डेटाबेस को सितंबर तक मेघदूत प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। इसके अलावा, प्रदेश के सभी थानों में उपलब्ध पुराने कंप्यूटर सिस्टम भी इस वर्ष नवंबर तक पूरी तरह अपग्रेड होने की राह पर हैं, जिस पर  6 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होने की सम्भावना है। वहीं जेलों, फोरेंसिक, अदालतों और अभियोजन जैसे क्षेत्रों में आईसीजेएस के नोडल अधिकारियों के साथ नियमित बातचीत चल रही है। पंचकूला में स्थित एससीआरबी लैब वर्तमान में आईसीजेएस-सीसीटीएनएस से संबंधित ट्रेनिंग व नवीन तकनीक सम्बंधित कार्य संभाल रही है। बैठक में निदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि हरियाणा पुलिस ने सभी राज्यों से आगे निकलते हुए लगातार तीसरी बार, अखिल भारतीय स्तर पर जारी नवीनतम अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएनएस) प्रगति कि जुलाई माह की रैंकिंग में 99.96 प्रतिशत अंक के साथ पहला स्थान हासिल किया है। इससे पहले भी  प्रदेश पुलिस फरवरी, मार्च, मई व जून माह में भी प्रथम स्थान पर रही है। बैठक में CrPC (I)अधिनियम के दायरे में संचालित 31 एमसीयू पर भी प्रकाश डाला गया, एनसीआरबी की मंजूरी से अतिरिक्त 33 एमसीयू को शुरू करने की संभावना है।

मार्च 2022 से अब तक नेफिस सिस्टम पर 1 करोड़ से अधिक रहे सर्च, 14 लाख मात्र अगस्त महीने में

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB)  द्वारा नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (नेफिस) विकसित किया गया है, जिसकी मदद से अपराधियों को जल्द पकड़ने और आपराधिक मामलों को सुलझाने में मदद मिल रही है। नेफिस के सफल कार्यान्वन की ज़िम्मेदारी प्रदेश में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर है। इसकी मदद से गिरफ्तार आरोपियों और दोषियों के फिंगर प्रिंट सेंट्रल सर्वर पर अपलोड किए जाते हैं। इस काम के लिए कार्यस्थलों पर 130 से अधिक प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात हैं।  पिछले वर्ष, मार्च 2022 से इस वर्ष अगस्त तक तक़रीबन 1 करोड़ से अधिक सर्च किये गए है। इस वर्ष नेफिस सिस्टम द्वारा 33,867  फिंगरप्रिंट डेटा का दस्तावेजीकरण किया गया है। वहीं 8,711  से अधिक फिंगरप्रिंट का सफलतापूर्वक मिलान किया है। नेफिस की सहायता से प्रदेश पुलिस ने इस वर्ष 11 लावारिस मृत शरीर की पहचान उजागर करने में सफलता हासिल की है।

 डीजीपी कपूर ने प्रदेश में नेफिस और सीसीटीएनएस के प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की सराहना की। अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, डीजीपी कपूर ने अत्याधुनिक आईटी तकनीकों का लाभ उठाने के लिए हरियाणा पुलिस की तैयारियों पर जोर दिया और नेफिस व सीसीटीएनएस के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हारट्रॉन, एनसीआरबी, एचपीई और जिलों के सभी पुलिस अधीक्षकों को बेहतर सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करने के दिशा निर्देश दिए।

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