Administration's attitude is strict regarding Safe Transportation Policy for Students

Chandigarh: सेफ ट्रांसपोर्टेशन पॉलिसी फॉर स्टूडेंट्स को लेकर प्रशासन का रवैया सख्त: ट्रैफिक पुलिस व एसटीए से मांगा बसों व अन्य वाहनों के चालानों का ब्यौरा

Administration's attitude is strict regarding Safe Transportation Policy for Students

Administration's attitude is strict regarding Safe Transportation Policy for Students

Administration's attitude is strict regarding Safe Transportation Policy for Students- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ प्रशासन ने स्कूल खुलने के एकदम बाद सेफ ट्रांसपोर्टेशन पॉलिसी फॉर स्टूड़ेंट्स यानि स्ट्रैप्स को लेकर रिव्यू मीटिंग की। सेक्रेट्री ट्रांसपोर्ट विनय प्रताप सिंह ने सेक्रेट्री स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरटी (एसटीए) रूपेश कुमार की मौजूदगी में इसका अवलोकन किया। सेक्रेट्री ट्रांसपोर्ट ने कहा कि स्कूल से घर और घर से स्कूल तक निहायत जरूरी है। सभी स्टेकहोल्डरों की यह पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हाल में हुए हादसों से सभी को सबक लेना चाहिए जिनमें देश में स्कूल बसों और अन्य वाहनों की दुर्घटना हुई है। चंडीगढ़ में इस तरह की दुर्घटना पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए। यह फैसला हुआ कि स्कूल प्राइवेट ऑटो व कैब से स्कूल आने वाले वाहनों का ब्यौरा एकत्रित करेंगे। अभिभावकों को ऐसे ऑटो व कैब में बच्चे भेजने से मना करने को कहा जायेगा जिसमें कई वाहन बिना परमिट भी चल रहे हैं और खचाखच भरकर चलते हैं। ट्रैफिक पुलिस व एसटीए को इन कैब व ऑटो की चैकिंग करने को कहा गया। जो कानून तोड़ रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई को कहा गया। जुलाई व अगस्त माह में वायलेशन करने वालों  के खिलाफ अभियान चलेगा। स्कूल बसों व अन्य वाहनों का ट्रैफिक पुलिस व एसटीए को एक साल के चालानों का ब्यौरा देने को कहा गया।

सीसीपीसीआर की चेयरपर्सन शिप्रा बंसल ने कहा कि कई मर्तबा मेन ड्राइवर न होने की स्थिति में बस या वाहन अनट्रेंड ड्राइवर के हवाले कर दिये जाते हैं। यह स्थिति भयावह हो सकती है। इस पर नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने स्कूल बसों व वाहनों में फस्र्ट ऐड बॉक्स में एक्सपायर दवाओं का मुद्दा उठाया। उन्हें लाइफ सुपोर्ट देने की भी सलाह दी। सेक्रेट्री ट्रांसपोर्ट ने स्कूल बस ऑपरेटरों को बसों व वाहनों में केवल ट्रेंड ड्राइवर ही रखने की सलाह दी जिनका वेरीफिकेशन होना चाहिए।

अगर मेन ड्राइवर ड्यूटी से गैरमौजूद रहता है तो भी ट्रेंड ड्राइवर ही होना चाहिए। रेडक्रॉस से उन्हें लाइफ सुपोर्ट ट्रेनिंग देने की भी हिदायत दी। सेक्रेट्री ट्रांसपोर्ट ने बताया  कि रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर का काम चल रहा है जो जल्द पूरा हो जायेगा। बस ड्राइवरों को यहां ट्रेनिंग व रिफ्रेशन कोर्स कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि ओवर क्राउडिड ऑटो व कैब जो स्कूली  बच्चों को लेकर जाते हैं के लगातार चालान किये जा रहे हैं। इंडीपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान मामिक ने कहा कि प्रशासन को स्कूल के समय व छुट्टी के समय बसों की चैकिंग नहीं करनी चाहिए। इससे स्कूल में बच्चे लेट हो जाते हैं। इनका इंस्पेक्शन किसी अन्य समय हो सकता है। उन्होंने एसटीए व ट्रैफिक पुलिस से इसका एसओपी और शिड्यूल बनाने को कहा।

इस दौरान चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (सीसीपीसीआर) की शिप्रा बंसल, इंडीपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एचएस मामिक, ट्रैफिक इंस्पेक्टर, प्रेसिडेंट स्कूल बस ऑपरेटर्स वेलफेयर एसोसिएशन, चंडीगढ़ के सदस्य मौजूद थे।