About 17 crore employment opportunities created in India in last 6 years

भारत में पिछले 6 वर्षों में पैदा हुए करीब 17 करोड़ रोजगार के अवसर

About 17 crore employment opportunities created in India in last 6 years

About 17 crore employment opportunities created in India in last 6 years

About 17 crore employment opportunities created in India in last 6 years- नई दिल्ली। भारत में वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2023-24 तक यानी बीते 6 वित्त वर्षों में 16.83 करोड़ नए रोजगार सृजित हुए हैं। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे की ओर से राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई।  

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश में मार्च 2024 में 64.22 करोड़ लोगों के पास रोजगार था। जबकि, 2017-18 में यह संख्या 47.5 करोड़ थी। इस प्रकार पिछले 6 वर्षों में देश में रोजगार में 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी केएलईएमएस ( के: कैपिटल, एल: लेबर, ई: एनर्जी, एम: मटेरियल और एस: सर्विसेज) के आधार पर यह जानकारी दी गई है।

केंद्रीय मंत्री की ओर से आगे बताया गया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (औपचारिक और अनौपचारिक) में 2017-18 से लेकर 2022-23 में 85 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिपोर्ट में बताया गया था कि एमएसएमई मंत्रालय के पास पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) में रोजगार का आंकड़ा 20 करोड़ को पार कर गया है।

एमएसएमई मंत्रालय के 'उद्यम' पोर्टल पर 4 जुलाई तक के आंकड़े के अनुसार, 4.68 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई में 20.20 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसमें से 2.3 करोड़ नौकरियां जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) से छूट वाले अनौपचारिक सूक्ष्म इकाइयों में मिल रही हैं। एमएसएमई में पिछले साल जुलाई के मुकाबले नौकरियों में 66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

बाल श्रम पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रही है और व्यापक उपाय किए हैं, जिनमें कानूनी कार्रवाई, पुनर्वास रणनीति, मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्रदान करना और सामान्य सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की ओर से बाल श्रम उन्मूलन के लिए संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले कार्य बिंदुओं को सूचीबद्ध करते हुए एक मॉडल स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है।